खा जाएगी महंगाई, भूखा रह जाएगा पाकिस्तान! आसमान छूते दूध-सब्जी-पेट्रोल के दाम
दरअसल, पाकिस्तान में महंगाई के चलते दाने-दाने को मोहताज होने की नौबत आ गई है. पेट्रोल-डीजल के साथ खाने-पीने की चीजों के दाम सातवें आसमान पर हैं.
IMF के मुताबिक, 2019 और 2020 में पाक की जीडीपी में बढ़त दर 3 फीसदी से भी कम रह जाएगी. (फोटो: रॉयटर्स)
IMF के मुताबिक, 2019 और 2020 में पाक की जीडीपी में बढ़त दर 3 फीसदी से भी कम रह जाएगी. (फोटो: रॉयटर्स)
पाकिस्तान के बिगड़ते हालात किसी भूखमरी के इशारे से कम नहीं हैं. महंगाई पाकिस्तान को खा जाएगी. बदतर हालातों में पाकिस्तान की आवाम को भूखा रहना होगा. क्योंकि, दाम इतने बढ़ जाएंगे कि खाने-पीने की चीजें खरीदने के लिए भी उसके पास पैसा नहीं होगा. दरअसल, पाकिस्तान में महंगाई के चलते दाने-दाने को मोहताज होने की नौबत आ गई है. पेट्रोल-डीजल के साथ खाने-पीने की चीजों के दाम सातवें आसमान पर हैं. महंगाई 7 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है.
रुपये की कमजोरी ने तोड़ी कमर
पाकिस्तान सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त में महंगाई दर 87 महीने यानी 7 साल की ऊंचाई पर है. पाकिस्तान में महंगाई का आंकड़ा 11.6 फीसदी पर पहुंच गया है. वहीं, पाकिस्तानी रुपया डॉलर के आगे नतमस्तक है. आने वाले दिनों में महंगाई और बढ़ने के आसार हैं. पाकिस्तान के सेंट्रल बैंक ने भी आशंका जताई है कि रुपये की कमजोरी और IMF की शर्तों की वजह से ही महंगाई दर तेजी से बढ़ रही है और आगे और बढ़ने के आसार हैं.
खा जाएगा महंगाई!
पाकिस्तान की इमरान सरकार को सत्ता में आए एक साल बीत चुका है. पिछले साल अगस्त में जब इमरान खान की पार्टी सत्ता में आई तब पेट्रोल की कीमतें 95.24 रुपए प्रति लीटर थी. वहीं, डीजल का भाव 112.94 रुपए प्रति लीटर था. अब पेट्रोल 117.83 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है. वहीं, डीजल का भाव 132 रुपये के पार निकल चुका है. खाद्य तेल की कीमत 180-200 रुपए से बढ़कर 200-220 रुपए प्रति किलो हो गई. दालों की कीमतें बढ़ गई हैं. मूंग, मसूर और अरहर की कीमतें जो पहले 90 रुपए से 100 रुपए के बीच थीं, अब बढ़कर 150 रुपए से 180 रुपए हो गई हैं.
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बर्बाद अर्थव्यवस्था के पीछे कौन?
पाकिस्तानी अखबार डॉन के आंकड़ों के मुताबिक, पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था पिछले कुछ साल में औसतन 4.3 फीसदी की दर से बढ़ी थी. लेकिन, पिछले एक साल में आर्थिक रफ्तार में तेजी से गिरावट आई है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के मुताबिक, 2019 और 2020 में पाक की जीडीपी में बढ़त दर 3 फीसदी से भी कम रह जाएगी. पाकिस्तान की बर्बाद होती अर्थव्यवस्था के पीछे राजनीतिक व्यवस्था है, जो अभी भी कर्ज और संरक्षण पर चलती है और काफी हद तक पारदर्शिता से रहित है.
200 डालर हो जाएगा पाकिस्तानी रुपया
न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया रोजाना निचले स्तर को छू रहा है. पाकिस्तानी रुपये में गिरावट की वजह से खाने-पीने की चीजों के साथ पेट्रोल-डीजल के दाम भी तेजी से बढ़ रहे हैं. आशंका है कि अगले कुछ महीनों में पाकिस्तानी रुपया 200 प्रति डॉलर तक गिर सकता है. ऐसा होने पर पाकिस्तान में महंगाई और तेजी से बढ़ेगी. पाकिस्तान अपनी जरूरत का ज्यादातर कच्चा तेल विदेशों से खरीदता है. कई प्रोडक्ट्स विदेशों से आते हैं. पाकिस्तानी रुपया कमजोर होने पर इंपोर्ट महंगा होगा. लिहाजा महंगाई और तेजी से बढ़ेगी.
09:51 AM IST