Wealth Guide: रियल एस्टेट में है शार्प रिकवरी, निवेश करें या रुकें? एक्सपर्ट की है ये सलाह
Wealth Guide: रियल एस्टेट सेक्टर लंबी सुस्ती के बाद एक बार फिर से तेज रिकवरी का संकेत दे रही है. एक्सपर्ट से जानिए क्या आपको निवेश करना चाहिए या नहीं.
(Source: Reuters)
(Source: Reuters)
Wealth Guide: सुस्त मांग और कोविड ट्रिगर संकट को लेकर लगातार गिरावट के बाद भारत में रियल एस्टेट (Real Estate) आखिरकार एक तेज रिकवरी का संकेत दे रहा है. एनारॉक (Anarock) में पब्लिश एक रिसर्च के मुताबिक, 2022 की पहली तिमाही में, भारत के शीर्ष 7 शहरों में कुल हाउसिंग सेल्स 99,500 यूनिट थी, जो पिछले साल के इसी अवधि की तुलना में हुए 58,000 यूनिट के मुकाबले काफी अधिक थी. 2022 की पहली तिमाही में कुल नए लॉन्च भी 89,000 यूनिट से अधिक है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में हुए 62,000 यूनिट से अधिक है.
इन नंबर्स से पता चलता है कि रियल एस्टेट एक मजबूत स्थिति में है और मजबूत वसूली और विकास की लंबी पारी खेलने के लिए तैयार है.
रॉयटर्स के सर्वे के मुताबिक, 2021 में औसत संपत्ति की कीमतें 2.5 फीसदी की दर से मामूली रूप से बढ़ीं. हालां संपत्ति की कीमतें 2022 में औसतन लगभग 6-8 फीसदी तक बढ़ने की उम्मीद है. कीमतों में यह उतार-चढ़ाव 2024 तक जारी रहने की उम्मीद है. इन सभी रियल्टी विकास के बीच, शीरबुल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Sheerbulls India Pvt Ltd) के डायरेक्टर शुभम अरोड़ा (Shubham Arora) ने बताया कि आपको रियल एस्टेट में निवेश करना चाहिए या नहीं.
TRENDING NOW
Zee Business Hindi Live यहां देखें
रियल एस्टेट में निवेश करने का समय
शुभम कहते हैं, "चूंकि रियल एस्टेट कुछ समय तक किनारे पर रहने के बाद एक बार फिर से मेनस्ट्रीम में जुड़ गई है. निवेश करने के लिए यह सही समय है. खासकर उन निवेशकों के लिए जो अपना पैसा निवेश करने के लिए एक बिना जोखिम की संपत्ति की तलाश में हैं. कीमतें अभी भी कम हैं और कैपिटल ग्रोथ के लिए पर्याप्त जगह है. अगले 2-3 साल में कोई आसानी से लगभग 16-22 फीसदी का कैपिटल गेन (Capital Gain) कमा सकता है."
उन्होंने कहा कि इसी तरह रियल एस्टेट ने भी आवर्ती किराये की आय बनाने और आयकर रिटर्न में लाभ प्राप्त करने के प्रॉफिट को जोड़ा है. आवासीय से औसत किराये की पैदावार मध्यम है और अधिकतर 2-4 की सीमा में है. हालांकि, स्पेसिफिक एसेट क्लास, जैसे कि स्टूडेंट हाउसिंग, रेंटल होम और को लिविंग स्पेस उच्च किराए का रिटर्न दे सकती है.
सेल्स में गिरावट को रोकने के लिए कोविड के समय के दौरान, भारत में प्रमुख डेवलपर्स कैश डिस्काउंट, छूट की योजनाओं (GST/Stamp Duty), फ्री पार्किंग स्पेस और सुनिश्चित किराया जैसी आकर्षक और आकर्षक पेमेंट स्कीम के साथ आए. ऐसी कई योजनाएं अभी भी मार्केट में चल रही हैं, लेकिन मार्केट के सामान्य होने के साथ उन्हें वापस लिया जा सकता है. इसलिए वेट करने के बजाए अब उनका उपयोग करना एक स्मार्ट निर्णय होगा.
दूसरे एसेट में अस्थिरता
उन्होंने कहा कि शेयर मार्केट को छोड़कर अन्य पापुलर ऑप्शनल एसेट मुश्किल में हैं. ब्लूमबर्ग ग्लोबल एग्रीगेट इंडेक्स जनवरी 21 के अपने टॉप के मुकाबले मार्च 22 को 11 फीसदी तक गिर गया है, जो बॉन्ड मार्केट के इतिहास में सबसे बड़े नुकसान में से एक है. बुलियन मार्केट भी अभी अस्थिर है. फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) ज्यादातर अनाकर्षक रहती हैं.
इस तरह के बदलावों के बीच, रियल एस्टेट इन्वेस्टर्स के लिए एक ऑप्शन बना हुआ है. यह एक सदाबहार संपत्ति है और यही कारण है कि 80 फीसदी से अधिक भारतीय घरों की आय इसमें लगी रहती है. वहीं सिर्फ 5 फीसदी के करीब शेयर मार्केट में जाते हैं.
उन्होंने निष्कर्ष निकालते हुए कहा कि यह एक हार्ड एसेट है और बढ़ती मुद्रास्फीति के खिलाफ एक अच्छी हेडिंग रणनीति हो सकती है. इसके अलावा, डेवलपर्स द्वारा संभावित मूल्य वृद्धि के डाउनसाइड रिस्क को खारिज नहीं किया जा सकता है. सीमेंट, स्टील और पावर की कीमतें बढ़ रही हैं. रूस और यूक्रेन तनाव को देखते हुए पेट्रोलियम की कीमतों में और वृद्धि हो सकती है. मूल्य वृद्धि के बीच, डेवलपर्स के पास इसे घर खरीदारों को देने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा.
(Disclaimer: The views/suggestions/advice expressed here in this article are solely by investment experts. Zee Business suggests its readers to consult with their investment advisers before making any financial decision.)
01:30 PM IST