साइबर इंश्योरेंस का स्टैंडर्ड प्रोडक्ट नहीं आएगा, IRDAI ने कहा- कंपनियां स्टैंडअलोन प्रोडक्ट कर सकती हैं तैयार
standard cyber policy:कंपनियां इंडिविजुअल साइबर पॉलिसी और कंपनियां स्टैंडअलोन प्रोडक्ट को तैयार कर सकती हैं.
कंपनियां सोशल मीडिया कवरेज से लेकर प्राइवेसी का साइबर इंश्योरेंस दे सकती हैं. (pti)
कंपनियां सोशल मीडिया कवरेज से लेकर प्राइवेसी का साइबर इंश्योरेंस दे सकती हैं. (pti)
standard cyber policy: होम मिनिस्ट्री के आंकड़ों के मुताबिक कोरोना के बाद देश में साइबर फ्रॉड की घटनाएं 86 परसेंट बढ़ गई हैं. छोटी बड़ी कंपनियां साइबर सिक्योरिटी पर अब फोकस कर रही है. इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI भी साइबर रिस्क समझते हुए नए प्रोडक्ट लॉन्च करने के लिए गाइडेंस डाक्यूमेंट जारी कर दिया है. इससे कंपनियां इंडिविजुअल साइबर पॉलिसी और कंपनियां स्टैंडअलोन प्रोडक्ट को तैयार कर सकती हैं.
साइबर इंश्योरेंस में स्टैंडर्ड प्रोडक्ट का विचार नहीं
National Cyber Insurance समिट में IRDAI की मेंबर एस एन राजेश्वरी ने कहा कि साइबर कानून और बदलते डिजिटल इकोसिस्टम के बाद साइबर इंश्योरेंस में स्टैंडर्ड प्रोडक्ट लॉन्च करने का विचार नहीं है. IRDAI के गाइडेंस नोट के मुताबिक कंपनियां सोशल मीडिया कवरेज से लेकर प्राइवेसी का साइबर इंश्योरेंस दे सकती हैं. राजेश्वरी का मानना है कि वर्क फ्रॉम होम के बढ़ते कल्चर के बाद डेट ब्रिच का खतरा काफी ज्यादा है इसलिए सभी कंपनियों को मोबाइल वर्किंग पॉलिसी (mobile working policy) बनाने की जरूरत है.
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साइबर सिक्योरिटी पर IRDAI
IRDAI ने कहा है कि साइबर कानून (cyber law) की वजह से स्टैंडर्ड साइबर पॉलिसी मुश्किल है. बीमा रेगुलेटर ने कहा कि ज्यादा डेटा की वजह से डेटा के गलत इस्तेमाल भी बढ़ गया है. साथ ही यह भी कहा कि साइबर फ्रॉड की पूरी रिपोर्टिंग नहीं हो रही है. इसके अलावा कहा गया है कि सोशल मीडिया कवरेज, प्राइवेसी का साइबर इंश्योरेंस कंपनियां देंगी.
11:02 PM IST