Mother’s Day 2024: प्रेग्नेंसी से लेकर बुढ़ापे तक, किस उम्र में मां के लिए जरूरी है कौन सा हेल्थ इंश्योरेंस..यहां जानिए
Mother’s Day के मौके पर जानिए ऐसे हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के बारे में जो प्रेगनेंसी से लेकर बुढ़ापे तक, उम्र की हर स्टेज पर मां की सेहत से जुड़े तमाम खर्चों में मददगार हो सकता है.
Mother’s Day 2024: भारतीय घरों में मांओं को की विशेष भूमिका होती है. परिवार को संभालने के साथ बच्चों का पालन-पोषण करने और कमाने तक, एक महिला इतनी जिम्मेदारियां बखूबी निभाती है कि वो खुद का खयाल रखना भूल जाती है. इन सब में उनकी पूरी जिंदगी निकल जाती है. ऐसे में मां की सेहत का खयाल रखना हम सब की जिम्मेदारी है. हर साल मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है. इस साल मदर्स डे 12 मई को सेलिब्रेट किया जाएगा. Mother’s Day के मौके पर पॉलिसीबाजार डॉट कॉम के चीफ बिजनेस ऑफिसर, हेल्थ एंड टैवल इंश्योरेंस अमित छाबडा से जानिए ऐसे हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के बारे में जो प्रेगनेंसी से लेकर बुढ़ापे तक, उम्र की हर स्टेज पर मां की सेहत से जुड़े तमाम खर्चों में मददगार हो सकता है.
गर्भवती माताओं के लिए मैटरनिटी इंश्योरेंस प्लान
किसी परिवार में नए सदस्य का जुड़ना जहां एक तरफ खुशी और उत्साह लाता है. वहीं दूसरी तरफ इससे आर्थिक जिम्मेदारीयां भी बढ़ जाती है. बच्चे के आने पर नवजात शिशु की देखभाल, पोषण, दवाएं, टीके आदि सहित कई खर्च बढ़ जाते हैं. अनुमानित तौर पर, खासकर मेट्रो सिटी में एक नार्मल या सी-सेक्शन डिलीवरी की लागत 1 लाख से 1.5 लाख रुपये के बीच होती है. इन सबके लिए आर्थिक योजना पहले से बनाना जरूरी है.
लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि अगर आप पहले से ही गर्भवती हैं तो आपको मातृत्व कवरेज प्रदान नहीं कराया जा सकता है. इस कवरेज का लाभ उठाने का सही समय है आपकी शादी या आपकी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी का नवीनीकरण होता है. पहले, इन योजनाओं में प्रतीक्षा अवधि 2 से 3 साल के बीच होती थी, लेकिन अच्छी खबर यह है कि नए युग के मैटरनिटी इंश्योरेंस प्लान में वेटिंग पीरियड को घटाकर 9 महीने तक कर दिया गया है, जो फैमिली प्लानिंग को कहीं ज़्यादा प्रैक्टिकल बनाता है.
2 लाख से 2 करोड़ रुपये तक का कवरेज
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ये प्लान 2 लाख रुपये से 2 करोड़ रुपये के बीच तक की बीमा राशि प्राप्त कराते हैं, जिसमें प्रेग्नेंसी से संबंधित अस्पताल में भर्ती होने का खर्च, कानूनी और चिकित्सा प्रक्रियाओं, टीकाकरण, एम्बुलेंस शुल्क और जन्म से लेकर अगले 30-90 दिनों तक शिशु से संबंधित खर्चों के लिए निश्चित राशि उपलब्ध कराई जाती है.
दो तरह के हैं मैटरनिटी इंश्योरेंस प्लान
मैटरनिटी इंश्योरेंस प्लान दो प्रकार के होते हैं: स्टैंडअलोन पॉलिसी और स्वास्थ्य बीमा योजना के साथ प्रेग्नेंसी कवर. स्टैंडअलोन मैटरनिटी इंश्योरेंस विशेष रूप से प्रसव से संबंधित कवर प्रदान करता है और स्वास्थ्य बीमा योजना के साथ मैटरनिटी कवरेज, बीमा योजना के हिस्से के रूप में प्रेग्नेंसी के खर्चों की कवरेज देता है.
यंग मदर्स के लिए कॉम्प्रिहेंसिव मेडिकल इंश्योरेंस
ऐसी यंग मदर्स जिनके बच्चे अभी छोटे हैं, उनके लिए शिशु के स्वास्थ्य की देखभाल करना ज़्यादा मुश्किल होता है. आज की दुनिया में, महिलाओं को एक पर्याप्त स्वास्थ्य बीमा के साथ सक्रिय रूप से अपनी देखभाल को प्राथमिकता देने की जरूरत है. उदाहरण के लिए - एक मां को प्रसव के प्रभावों से उबरने के लिए ज्यादा समय लगता है. ऐसे में कॉम्प्रिहेंसिव मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसी lifetime renewability के साथ मेडिकल इमरजेंसी के लिए व्यापक कवरेज प्रदान करती है.
कॉम्प्रिहेंसिव मेडिकल इंश्योरेंस में ये खर्च कवर होते हैं
कॉम्प्रिहेंसिव मेडिकल इंश्योरेंस में अस्पताल में भर्ती होने के खर्च, डे केयर उपचार, सड़क एम्बुलेंस शुल्क और अन्य सहित विभिन्न चिकित्सा लागतों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करवाती है. यंग मदर्स को ऐसे हेल्थ इंश्योरेन्स प्लान को चुनना चाहिए जो उनके बच्चे को पॉलिसी में जोड़ने का विकल्प प्रदान कराता हो. साथ ही उन्हें ऐसे प्लान पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए जो मुख्य रूप से महिलाओं को प्रभावित करने वाली बीमारियों से उन्हें को सुरक्षित रखें.
बुजुर्ग माताओं के लिए क्रिटिकल इलनेस हेल्थ इंश्योरेन्स
जीवन के बाद के चरण में, बुजुर्ग महिलाओं को गंभीर बीमारियों का खतरा अधिक होता है. सर्वाइकल कैंसर या स्तन कैंसर जैसी स्थितियां हर साल लाखों महिलाओं को प्रभावित करती हैं. खासकर बुढ़ापे में, महिलाओं को ऐसी जानलेवा बीमारियों से खुद को सुरक्षित रखना चाहिए. क्रिटिकल इलनेस हेल्थ इंश्योरेन्स प्लान जानलेवा बीमारियों के खिलाफ कवरेज प्रदान करती हैं जिनके लिए महंगे उपचार की आवश्यकता पड़ती है जैसे कि कैंसर, हृदय रोग, गुर्दे की विफलता आदि.
वास्तव में, 40 वर्ष की आयु के करीब की माताओं को अपनी स्वास्थ्य बीमा जरूरतों को जानकर, एक ऐसी योजना खरीदनी चाहिए जो उन्हें लंबे समय तक सुरक्षित रखे. गंभीर बीमारियों के इलाज की लागत दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. उदाहरण के लिए, फेफड़े इम्प्लांट कराने की लागत 14 लाख रुपये से 16 लाख रुपये के बीच होती है और लीवर इम्प्लांट कराने के लिए 25-36 लाख रुपये तक खर्च करने पड़ सकते हैं. ऐसे में, एकदम से इन खर्चों से निबटना किसी के लिए भी कठिन हो सकता है और इसके परिणामस्वरूप आर्थिक परेशानी झेलनी पड़ सकती है अब आप समझ गए होंगें कि गंभीर बीमारीयों का कवर होना कितना जरूरी है, खासकर अगर गंभीर बीमारियों का पारिवारिक इतिहास रहा हो.
ज्यादातर बीमाकर्ता पॉलिसीधारकों द्वारा अतिरिक्त प्रीमियम के भुगतान या स्टैंडअलोन कवर के बदले में स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के लिए एक राइडर के रूप में क्रिटिकल इलनेस हेल्थ इंश्योरेन्स को प्रस्तुत करते हैं. स्वास्थ्य बीमा, माताओं के लिए एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है और जीवन के विभिन्न चरणों की जरूरतों को पूरा करने के लिए कॉम्प्रिहेंसिव मेडिकल इंश्योरेंस की सुरक्षा होना जरूरी है. लेकिन किसी भी निर्णय से पहले पॉलिसी के हर पहलू जैसे प्रतीक्षा अवधि, एक्सक्लूशन, कवरेज की सीमा आदि की जांच जरूर कर लें.
02:09 PM IST