जानिए कितनी होगी आपकी Gratuity की रकम, कैलकुलेशन करने का ये है फॉर्मूला
सरकार ने टैक्स फ्री Gratuity की रकम 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी है. आज हम जानेंगे कि Gratuity की रकम की गणना करने का फॉर्मूला क्या है.
खुद ही कीजिए Gratuity की रकम की गणना, ये है फॉर्मूला
खुद ही कीजिए Gratuity की रकम की गणना, ये है फॉर्मूला
अगर आप किसी संस्थान में लगातार 5 साल काम करते हैं तो आपको ग्रेच्युटी का लाभ मिलता है. हालांकि, मोदी सरकार इस अवधि को 5 साल से घटाकर 3 साल करने की योजना बना रही है ताकि कर्मचारियों को 3 साल बाद नौकरी बदलने के बाद भी ग्रेच्युटी का लाभ मिलता रहे. पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट, 1972 के तहत यह लाभ उस संस्थान के हर कर्मचारी को मिलता है जहां 10 से ज्यादा एंप्लॉई काम करते हैं. सरकार ने टैक्स फ्री ग्रेच्युटी की रकम 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी है. आज हम जानेंगे कि Gratuity की रकम की गणना करने का फॉर्मूला क्या है.
क्या है ग्रेच्युटी
ग्रेच्युटी एक कर्मचारियों को मिलने वाला एक पूर्व-परिभाषित लाभ है. इसका मतलब है कि ग्रेच्युटी का भुगतान एक निर्धारित फॉर्मूले के तहत गारंटीड तौर पर मिलेगा अगर कर्मचारी नौकरी की कुछ शर्तों को पूरी करता है. मौजूदा कानून के अनुसार, किसी भी संस्थान को अपने कर्मचारी को ग्रेच्युटी का भुगतान करना होगा अगर वह लगातार 5 साल तक अपनी सेवाएं देता है.
ऐसे करते हैं ग्रेच्युटी का कैलकुलेशन
किसी भी कर्मचारी के प्रत्येक वर्ष की सेवा के लिए संस्थान को पिछली सैलरी के 15 दिनों बराबर की रकम ग्रेच्युटी के तौर पर देनी होती है. यहां सैलरी का मतलब बैसिक सैलरी + महंगाई भत्ता + कमीशन से है अगर कमीशन सेल्स का एक खास प्रतिशत है. इसके अलावा, अगर कोई कर्मचारी अपनी सर्विस के अंतिम वर्ष से 6 महीने से अधिक काम करता है तो उसे ग्रेच्युटी के कैलकुलेशन के लिए पूरा एक साल माना जाएगा. उदाहरण के तौर पर यदि कोई कर्मचारी अपने संस्थान में 5 साल 7 महीने काम करता है तो ग्रेच्युटी की गणना 6 साल की सर्विस के आधार पर की जाएगी.
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ग्रेच्युटी की गणना के लिए 1 महीने में होते हैं 26 दिन
ग्रेच्युटी की गणना के लिए एक महीने के काम को 26 दिन के तौर पर माना जाता है. इसलिए, 15 दिन की सैलरी भी इसी आधार पर कैलकुलेट की जाती है (मासिक वेतन x15)/26. इस संख्या को सर्विस के साल से गुणा कर ग्रेच्युटी की गणना की जाती है. यही फॉर्मूला रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी की गणना के लिए भी अपनाई जाती है.
कर्मचारी की मृत्यु की दशा में 5 साल की सर्विस का फॉर्मूला नहीं होता लागू
अगर किसी कर्मचारी की मृत्यु 5 साल की सर्विस पूरी करने से पहले ही हो जाती है तो उस पर पांच साल की सर्विस का फॉर्मूला लागू नहीं होता है. ग्रेच्युटी की जो भी रकम जमा होती है वह उसके नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी को दे दी जाती है.
30 दिनों के भीतर एंप्लॉयर को करना होता है ग्रेच्युटी का भुगतान
कर्मचारी की नौकरी के आखिरी दिन के 10 दिनों के भीतर एंप्लॉयर को ग्रेच्युटी का भुगतान करना होता है. अगर इसमें 30 दिनों से ज्यादा का विलंब होता है तो एंप्लॉयर को इसपर ब्याज का भी भुगतान करना होता है.
09:01 PM IST