हिमाचल प्रदेश में कम बारिश की वजह से 85,538.20 हेक्टेयर जमीन पर लगी फसल बर्बाद, 10 जिलों में ₹9462 लाख का नुकसान
हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में लंबे समय से बारिश न होने की वजह से रबी फसलों (Rabi Crops) को भारी नुकसान हुआ है. सबसे ज्यादा 2,857.78 लाख रुपये का नुकसान राज्य के हमीरपुर जिले (Hamirpur District) में हुआ है. अधिकारियों ने गुरुवार को ये जानकारी दी.
हिमाचल प्रदेश में कम बारिश की वजह से 85,538.20 हेक्टेयर जमीन पर लगी फसल बर्बाद, 10 जिलों में ₹9462 लाख का नुकसान (Reuters)
हिमाचल प्रदेश में कम बारिश की वजह से 85,538.20 हेक्टेयर जमीन पर लगी फसल बर्बाद, 10 जिलों में ₹9462 लाख का नुकसान (Reuters)
हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में लंबे समय से बारिश न होने की वजह से रबी फसलों (Rabi Crops) को भारी नुकसान हुआ है. सबसे ज्यादा 2,857.78 लाख रुपये का नुकसान राज्य के हमीरपुर जिले (Hamirpur District) में हुआ है. अधिकारियों ने गुरुवार को ये जानकारी दी. राज्य के क्षेत्रीय अधिकारियों की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में अपर्याप्त बारिश की वजह से 4,01,853 हेक्टेयर जमीन में से 85,538.20 हेक्टेयर जमीन पर लगी फसल खराब हो गई. पहाड़ी राज्य के 5 जिलों बिलासपुर, हमीरपुर, मंडी, शिमला और सिरमौर में रबी फसल को हुआ नुकसान 33 प्रतिशत तक है.
हिमाचल प्रदेश के 10 जिलों में 9,462 लाख रुपये की फसलों का नुकसान
कृषि विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा कि किन्नौर, लाहौल और स्पीति (Lahaul and Spiti) के जनजातीय क्षेत्रों को छोड़कर राज्य के 12 में से 10 जिलों में फसल का अब तक कुल 9,462 लाख रुपये का नुकसान हुआ है. प्रवक्ता ने कहा कि बाकि के 5 जिलों में फसल नुकसान 33 प्रतिशत से कम रहा. मौसम की सबसे ज्यादा मार बारिश पर निर्भर रहने वाले इलाकों पर पड़ी है. उन्होंने कहा कि बारिश की कमी के कारण गेहूं, जौ और मटर की फसल प्रभावित हुई है.
बारिश पर निर्भर रहने वाले इलाकों में हुआ सबसे ज्यादा नुकसान
राज्य के कृषि निदेशक राजेश कौशिक (Rajesh Kaushik) ने कहा कि जिन इलाकों में किसान सिंचाई के लिए पूरी तरह से बारिश पर निर्भर रहते हैं, वे इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं और यहां फसल खराब हुई है. फसलों को पूरी तरह से खराब होने से बचाने के लिए उन्होंने किसानों को कृषि विशेषज्ञों से सलाह लेने की राय दी. राज्य में 1 जनवरी से 28 फरवरी तक बारिश की कमी लगभग 36 प्रतिशत और 1 मार्च से 8 मार्च तक लगभग 84 प्रतिशत देखी गई. वहीं दिसंबर, 2022 में बारिश की कमी लगभग 100 फीसदी रही थी.
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भाषा इनपुट्स के साथ
04:23 PM IST