AirAsia India की पूरी हिस्सेदारी खरीदेगी Air India, CCI से मिली मंजूरी
CCI ने मंगलवार को एक नोटिस में कहा कि टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड (TSPL) की सब्सिडियरी एयर इंडिया लिमिटेड (AIL) के एयरएशिया (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड की 100 फीसदी इक्विटी शेयर कैपिटल को खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है.
एयर एशिया इंडिया में टाटा संस की 83.67 फीसदी और एयर एशिया इनवेस्टमेंट की 16.33 फीसदी हिस्सेदारी है. (Image: PTI)
एयर एशिया इंडिया में टाटा संस की 83.67 फीसदी और एयर एशिया इनवेस्टमेंट की 16.33 फीसदी हिस्सेदारी है. (Image: PTI)
Acquisition of AirAsia India by Air India: भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने एयर इंडिया (Air India) की तरफ से एयर एशिया (AirAsia) के अधिग्रहण को मंजूरी दे दी है. टाटा संस की सब्सिडियरी कंपनी एयर इंडिया को एयर एशिया में 100 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की मंजूरी मिली है. CCI ने मंगलवार को एक नोटिस में कहा कि टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड (TSPL) की परोक्ष रूप से पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी कंपनी एयर इंडिया लिमिटेड (AIL) के एयरएशिया (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड की 100 फीसदी इक्विटी शेयर कैपिटल को खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है.
एयर एशिया इंडिया, TSPL और एयर एशिया इनवेस्टमेंट लि. (AAIL) की ज्वाइंट वेंचर है. इसमें टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड की 83.67 फीसदी और एयर एशिया इनवेस्टमेंट की 16.33 फीसदी हिस्सेदारी है. एयर एशिया इंडिया ने जून, 2014 में ऑपरेशन शुरू किया था. कंपनी देश में शेड्यूल्ड एयर पैसेंजर सर्विस, एयर कार्गो ट्रांसपोर्ट और चार्टर उड़ान सर्विसेज उपलब्ध कराती है. इसका कोई इंटरनेशनल ऑपरेशन नहीं है. टाटा संस की ओर से इस सौदे को लेकर सीसीआई में अपील की गई थी.
पिछले साल टाटा संस की सब्सिडियरी कंपनी टैलेस प्राइवेट लिमिटेड ने एयर इंडिया और किफायदी उड़ान सेवाएं देने वाली उसकी सहायक कंपनी एयर इंडिया एक्सप्रेस का अधिग्रहण किया था. बता दें कि टाटा सिंगापुर एयरलाइंस के साथ संयुक्त रूप से एक फुल सर्विस एयरलाइन विस्तारा (Vistara) का भी संचालन करती है.
टाटा ने जनवरी में एयर इंडिया का किया टेकओवर
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टाटा ने इस साल जनवरी में एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस का टेकओवर किया. अक्टूबर 2021 में टाटा ने घाटे में चल रही एयर इंडिया के लिए बोली जीती थी. यह बोली 18,000 करोड़ रुपये थी. इसमें 2700 करोड़ रुपये कैश पेमेंट और कंपनी का 15,300 करोड़ रुपये का कर्ज शामिल था. यहा बता दें, एक तय सीमा से अधिक हिस्सेदारी लेने के लिए किसी भी कंपनी को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग से मंजूरी लेनी होती है.
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07:26 AM IST