मजबूत सेंटीमेंट मिलने तक बाजार में दबाव! निफ्टी 17000 के स्तर तक हो सकता है कमजोर, निवेशक क्या करें?
इस हफ्ते बाजार में बिकवाली का दबाव देखने को मिला है. घरेलू स्तर पर जहां कोई ट्रिगर नहीं था, वहीं ग्लोबल मार्केट सेंटीमेंट भी कमजोर रहे. नवंबर एक्सपायरी तक बाजार में कमजोरी दिख सकती है.
शेयर बाजार को नए पाजिटिव सेंटीमेंट की तलाश है, जिसके न मिलने तक दबाव बना रह सकता है. (reuters)
शेयर बाजार को नए पाजिटिव सेंटीमेंट की तलाश है, जिसके न मिलने तक दबाव बना रह सकता है. (reuters)
Stock Market Outlook: 4 करोबारी दिन वाले इस हफ्ते की बात करें शेयर बाजार में सेलिंग प्रेशर हावी रहा है. गुरूवर के बजर लगातर तीसरे दिन कमजोर होकर बंद हुआ. ग्लोबल सेंटीमेंट जहां कमजोर रहे, वहीं घरेलू स्तर पर कोई पॉजिटिव ट्रिगर देखने को नहीं मिला. FIIs द्वरा बिकवाली और महंगाई के चलते बाजार के सेंटीमेंट और कमजोर हुए. FIIs नवंबर में अबतक 6000 करोड़ रुपये इक्विटी से निकाल चुके हैं. निफ्टी गुरूवार को 101 अंक और सेंसेक्स 314 अंक कमजोर होकर बंद हुआ. पूरे हफ्ते ब्रॉडर मार्केट भी अंडरपरफॉर्मर रहे. तकरीबन सभी सेक्टर लाल निशान में बंद हुए. एक्सपर्ट का कहना है कि आने वाले हफ्ते की बात करें तो उसमें भी बाजार में उतार चढ़ाव की आशंका है. मौजूदा सेलिंग प्रेशर नवंबर महीने के एक्सपायरी तक खिंच सकता है. हालांकि लॉन्ग टर्म आउटलुक बेहतर है. इस वजह से गिरावट आने पर क्वालिटी स्टॉक पोर्टफोलियो में जोड़ें.
एक्सपायरी तक रहेगी कमजोरी
Swastika Investmart Ltd. के रिसर्च हेड संतोष मीना का कहना है कि घरेलू बाजार में लंबे कंसोलिडेशन के बाद कमजोरी देखने को मिल रही है. नवंबर F&O एक्सपायरी तक बाजार में कमजोरी देखने को मिल सकती है. उनका कहना है कि बाजार नवंबर की शुरूआत से ही अंडरपरफॉर्मर रहा है. ग्लोबल मार्केट की बात करें तो उनमें मिल जुला एक्शन देखने के मिला है. वहीं डॉलर इंडेक्स में बढ़त भारत जैसे इमर्जिंग मार्केट के लिए चिंता बना हुआ है. ब्रेंट क्रूड में कुछ नरमी देखने के मिली है, जो एक पॉजिटिव फैक्टर है.
अगले हफ्ते FIIs का रुख क्या रहत है, यह भी बाजार के लिए बहुत अहम होगा. पिछले कुछ दिनों से FIIs बिकवाली के मूड में दिख रहे हैं. ऐसा आगे भी जारी रहा तो बाजार में गिरावट बढ़ सकती है. डोमेस्टिक फ्रंट पर सरकार द्वारा कृषि कानून वापस लेने का बाजार पर खास असर नहीं होगा. क्यों कि यह कानून अभी अमल में नहीं आया था.
निफ्टी 17100-17000 तक हो सकता है कमजोर
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संतोष मीना का कहना है कि टेक्निकली निफ्टी अपने 20 और 50-DMA के बीच कंसोलिडेट हो रहा था. लेकिन अभी यह 50-DMA के नीचे बंद हुआ है, जिससे आगे सेलिंग प्रेशर बढ़ सकता है. निफ्टी बियरिश हेड एंड सोल्डर फॉर्मेशन बना रहा है, जहां 17600 के लेवल पर नेकलाइन सपोर्ट है. निफ्टी यह लेवल ब्रेक करता है तो यह नीचे की ओर 17100-17000 के जोन तक कमजोर हो सकता है. हालांकि इस दौरान 17450-17250 इंटरमीडिएट सपोर्ट जोन होगा.
अपसाइड की बात करें तो 20-DMA अभी 18000 के लेवल पर प्लेस है, जो एक मजबूत रेजिस्टेंस है. निफ्टी यह लेवल ब्रेक करता है तो यहां से कुछ शॉर्ट कवरिंग रैली देखने को मिल सकती है. बैंक निफ्टी की बात करें तो इस हफ्ते यह अंडरपरफॉर्मर रहा है और अपने राइजिंग 100-DMA की ओर जा सकता है जो 37000 के लेवल के आस पास है. यहां 38500 का 50-DMA इमेडिएट हर्डल होगा.
घरेलू स्तर पर खास ट्रिगर नहीं
Religare Broking के VP रिसर्च अजीत मिश्रा का कहना है कि अगले हफ्ते भी एक्सपायरी के चलते बाजार में उतार चढ़ाव देखने को मिल सकता है. डोमेस्टिक लेवल पर बाजर के लिए कोई खास ट्रिगर नहीं है, ऐसे में ग्लोबल सेंटीमेंट पर नजर रहेगी. टेक्निकल चार्ट देखें तो निफ्टी के लिए अभी 17300-17500 जोन पर सपोर्ट है, जबकि रीबाउंड के केस में 17900-18000 के जोन पर रेजिस्टेंस दिख रहा है. उनका कहना है कि अगले हफ्ते बाजर में बिकवाली बढ़ सकती है लेकिन ऐसा लगता है कि बैंकिंग सेक्टर में इस हफ्ते गिरावट के बाद ज्यादा कमजोरी नहीं देखने को मिलेगी. मौजूद महौल को देखते हुए यह समझदारीर है कि इंडेक्स में लॉन्ग को रेस्ट्रिक्ट करें और पैटर्न के नकारने तक शॉर्ट्स बनाने के लिए रिबाउंड का इस्तेमाल करें.
क्या करें निवेशक
मोतीलाल ओसवाल फइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड रिटेल सिद्दार्थ खेमका का कहना है कि ओवरआल बेहतर तिमाही नतीजों के बाद भी बाजार कंसोलिडेशन के मूड में है, क्योंकि बाजार का वैल्युएशन बेहद हाई है. सितंबर तिमाही में कंपनियों का प्रदर्शन उम्मीद से बेहतर रहा है. O&G और मेटल सेक्टर ने बेहतर नतीजे दिए हैं. BFSI सेक्टश्र की बात करें तो एसेट क्वालिटीइमें सुधार हुआ है. टेक्नोलॉजी सेक्टर में बेहतर टॉपलाइन ग्रोथ देखने के मिली है. इसके बद भी कमजोर ग्लोबल संकेतों और हाई वैल्युएशन के चलते बाजार में सेलिंग प्रेशर बना हुआ है. हालांकि बाजार का लॉन्ग टर्म अउटलुक बेहतर है, इसलिए मौजूदा समय में किसी भी गिरावट पर क्वलिटी स्टॅक्स पोर्टफोलियो में जोड़ने की सलाह है. जब तक कोई फ्रेश पॉजिटिव ट्रिगर नहीं मिलता, बाजार में कमजेारी देखने को मिलेगी.
08:48 AM IST