फिजिकल गोल्ड रखने में लगता है डर, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में करें निवेश, इतना मिलेगा सालाना ब्याज
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना 2021-22- सीरीज 5 या पांचवीं किस्त 9 अगस्त को खुलकर 13 अगस्त को बंद होगी.
Sovereign Gold Bond Scheme: सोने की खरीदारी की योजना बना रहे लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी निकलकर सामने आ रही है. सरकार ने निवेशकों के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold) की चौथी सीरीज लॉन्च कर दी है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond Scheme) योजना का इश्यू प्राइस (Issue Price) 4,790 रुपए प्रति ग्राम तय किया है. बता दें वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने अपने एक स्टेटमेंस में कहा था कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना 2021-22- सीरीज 5 या पांचवीं किस्त 9 अगस्त को खुलकर 13 अगस्त को बंद होगी, जिसे आप 17 अगस्त तक निपटा सकते हैं.
दरअसल केंद्र सराकर ने आरबीआई के साथ ऑनलाइन अप्लाई करने वाले और डिजिटल तरीके से भुगतान (Digital Pyament) करने वाले इन्वेस्टर्स को 50 रुपए प्रति ग्राम की छूट देने का फैसला किया है. ऐसे इन्वेस्टर्स के लिए निर्गम मूल्य 4,740 रुपए प्रति ग्राम बैठेगा. सीरीज चार के लिए इश्यू प्राइस (Issue Price) 4,807 रुपए प्रति ग्राम था, जो कि 12 जुलाई को ओपन हुआ और 16 जुलाई को बंद हो गया था.
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कहां से खरीदें सस्ता सोना
बॉन्ड
बैंकों (छोटे वित्त बैंकों और भुगतान बैंकों को छोड़कर)
स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL)
मनोनीत डाकघरों और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड
BSE जैसे मान्यता प्राप्त शेयर बाजारों के माध्यम से बेचे जाएंगे
सालाना 2.5 फीसदी मिलेगा ब्याज
गोल्ड बॉन्ड का सबसे अट्रैक्टिव फीचर है कि इस पर सालाना 2.5 फीसदी का ब्याज सरकार देती है. गोल्ड की कीमतों में तेजी के अलावा यह ब्याज भी जुड़ जाता है. SGB में आठ साल के लिए निवेश किया जाता है. (sasta sona kaha milta hai) बता दें सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) की मेच्योरिटी 8 साल की होती है. (From where we can buy cheap gold) लेकिन 5 साल बाद अगले ब्याज भुगतान की तारीख पर बॉन्ड से निकल सकते हैं लेकिन इन 5 वर्षों के बीच SGB की बिक्री नहीं की जा सकती है. वहीं 5 साल का लॉक-इन पीरियड पूरा होने के बाद SGB की बिक्री की जा सकती है. दूसरा सबसे बड़ा फायदा यह है कि गोल्ड बॉन्ड मेच्योरिटी पर यह टैक्स फ्री होता है.
क्या SGB पर कोई मेकिंग चार्ज (Making Charge) लगता है?
बता दें सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर कोई भी मेकिंग चार्ज नहीं लिया जाता. क्योंकि इसकी एक्यूरेसी की चिंता भी नहीं रहती. वहीं ज्वैलरी के लिए गोल्ड खरीदने के लिए इन्वेस्टर्स को मेकिंग चार्ज का भुगतान करना पड़ता है, जिसकी उन्हें गोल्ड को लेकर चिंता रहती है. खोने के डर को दूर करने के लिए यह बॉन्ड रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की बुक या डीमैट तरीके से रखे जाते हैं.
02:20 PM IST