SBI Card के फ्रेश इश्यू से ₹500 करोड़ जुटाने की योजना, IPO को मिला रहा है अच्छा रिस्पॉन्स
आमतौर पर IPO तीन दिन के लिए खुलते हैं, लेकिन SBI Card IPO में एक दिन एक्स्ट्रा पैसा लगाने का मौका मिल रहा है.
एसबीआई कार्ड्स ने 500 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने के लिए फ्रेश इश्यू किया है.
एसबीआई कार्ड्स ने 500 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने के लिए फ्रेश इश्यू किया है.
SBI कार्ड का IPO आज से खुल गया है. 2 से 5 मार्च तक आईपीओ में पैसा लगाने का मौका है. आमतौर पर IPO तीन दिन के लिए खुलते हैं, लेकिन SBI Card IPO में एक दिन एक्स्ट्रा पैसा लगाने का मौका मिल रहा है. इस आईपीओ से जहां निवेशकों को पैसा कमाने का मौका मिलेगा वहीं, कंपनी को भी अच्छी पूंजी मिलने की उम्मीद है.
एसबीआई कार्ड्स (SBI Card) के एमडी और सीईओ हरदयाल प्रसाद ने बताया कि एसबीआई कार्ड्स ने 500 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने के लिए फ्रेश इश्यू किया है. इस फ्रेश इश्यू से जो 500 करोड़ की पूंजी इकट्ठा होगी उसे कंपनी के विकास के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.
ऑफर ऑफ सेल्स 14 प्रतिशत है. भारतीय स्टेट बैंक ने 4 प्रतिशत ऑफर किया है और दूसरे शेयर होल्डर कार्लाइल ने 10 प्रतिशत का ऑफर किया है. ये 14 प्रतिशत हिस्सा दोनों कंपनियों को वापस कर दिया जाएगा.
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#SBICardIPOZee | फ्रेश इश्यू से ₹500 करोड़ जुटाने की योजना, एंकर निवेशकों से IPO को काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिला: हरदयाल प्रसाद, MD और CEO, #SBICard#ZBizExclusive #SBICardIPO #NewIPO @AnilSinghvi_ @SBICard_Connect pic.twitter.com/mzPj7AgTCV
— Zee Business (@ZeeBusiness) March 2, 2020
बाजार में गिरावट के बाद भी इस आईपीओ को लेकर जनता में अच्छा रिस्पॉन्स देखने को मिल रहा है. उन्होंने बताया कि एंकर निवेशकों से एसबीआई कार्ड्स के आईपीओ को शानदार रिस्पॉन्स मिला है. एंकर निवेशकों में बाजार के दिग्गज नाम शामिल हैं. खासबात ये है कि एंकर निवेशकों के लिए कंपनी ने जितना हिस्सा तय किया था, वह पूरा हिस्सा बुक हो गया है.
छोटे शहरों में डिजिटल पेमेंट का चलन
एसबीआई कार्ड के 58 फीसदी ग्राहक टीयर-2 और टीयर-3 शहरों से हैं. टीयर-2, 3 और टीयर-4 शहरों में क्रेडिट कार्ड का चलन तेजी से बढ़ रहा है. ई-कॉर्मस की दोतिहाई सेल छोटे शहरों में ही हो रही है. फोन-पे ऐप्स का चलन भी तेजी से बढ़ रहा है. ये सभी बातें इस बात को दर्शा रही हैं कि भारत के लोग तेजी से डिजिटल पेमेंट की तरफ बढ़ रहे हैं. इसलिए भारत में क्रेडिट कार्ड की अभी बहुत गुंजाइश है.
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नोटबंदी के बाद देश में डिजिटल पेमेंट का चलन तेजी से बढ़ा है. देश की अर्थव्यवस्था अब नकद अर्थव्यवस्था से कैशलेस अर्थव्यवस्था में बदल रही है.
क्रेडिट कार्ड इंडस्ट्री लोगों के खर्चों से आगे बढ़ती है. जैसे-जैसे लोगों में खर्च करने की आदत में इजाफा होगा, क्रेडिट कार्ड इंडस्ट्री में इजाफा देखने को मिलेगा. और खर्चे बढ़ने से ही असेट बनते हैं, उसी से राजस्व में इजाफा होता है.
01:46 PM IST