रिसर्च गुरुकुल: होटल सेक्टर में निवेश का 'हिट फॉर्मूला', निवेश से पहले 4 ट्रिगर पर रखें नजर
होटल सेक्टर में पैसा लगाना चाहिए है या नहीं और पैसा किस तरह की कंपनियों में लगाना चाहिए. जानिए जी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी और पैंटोमैथ फंड मैनेजर्स LLP के फंड मैनेजर वरिंदर बंसल के साथ.
होटल सेक्टर में आने वाले दिनों में पैसा बनने की संभावना है. (फोटो: रॉयटर्स)
होटल सेक्टर में आने वाले दिनों में पैसा बनने की संभावना है. (फोटो: रॉयटर्स)
शेयर मार्केट में पैसा लगाने से पहले निवेशकों को किस तरह की रिसर्च करनी चाहिए. किस कंपनी या किस सेक्टर को चुनना उनके लिए फायदेमंद होगा. जी बिजनेस की सीरीज रिसर्च गुरुकुल में किसी एक सेक्टर पर रिसर्च करके खास चर्चा होती है. रिसर्च गुरुकुल ने इस बार होटल सेक्टर को चुना है. हालांकि, होटल सेक्टर को लेकर निवेशक काफी सतर्क रहते हैं. लेकिन, आज इस शो के जरिए समझेंगे कि इस सेक्टर में कौन सी कंपनियां अच्छी हैं. होटल सेक्टर वाकई अच्छा है या नहीं. होटल सेक्टर में पैसा लगाना चाहिए है या नहीं और पैसा किस तरह की कंपनियों में लगाना चाहिए. जी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी के साथ पैंटोमैथ फंड मैनेजर्स LLP के फंड मैनेजर वरिंदर बंसल ने इस सेक्टर पर खास चर्चा की.
होटल इंडस्ट्री में बढ़ता कमरे
साल | कमरे |
2018 | 27.24 लाख |
2019 | 28,36 लाख |
2020 | 29.53 लाख |
2021 | 30.75 लाख |
2022 | 32.02 लाख |
किस कैटेगरी में कितने कमरे
होटल कैटेगरी | कमरे | हिस्सेदारी |
नॉन ब्रांडेड | 19.61 लाख | 72% |
ब्रांडेड होटल चेन | 13.62 लाख | 5% |
न्यू ऐज होटल चेन | 21.79 लाख | 8% |
अल्टरनेट एकॉमडेशन | 40.86 लाख | 15% |
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होटल सेक्टर का बिजनेस मॉडल
होटल सेक्टर तीन तरह के मॉडल पर काम करता है. इन मॉडल्स में ओन्ड, मैनेज्ड और हाइब्रिड मॉडल शामिल है.
ओन्ड होटल | मैनेज्ड होटल | हाइब्रिड होटल |
ईस्ट इंडिया होटल (EIH) | रॉयल ऑर्किड | लेमन ट्री |
EIH एसोसिएटेड | ओयो रूम्स | इंडियन होटल्स |
ओरिएंटल होटल | ट्रीबो होटल्स | - |
ताज GVK | - | - |
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— Zee Business (@ZeeBusiness) May 15, 2019
निवेश से पहले ध्यान रखें ये बातें
ओन्ड मॉडल में निवेश से पहले | मैनेज्ड मॉडल में निवेश से पहले | हाइब्रिड मॉडल में निवेश से पहले |
कर्ज | ग्रोथ | ग्रोथ |
वैल्यूएशन | ऑपरेशनल मैट्रिक्स | ब्रांड |
ऑपरेशनल मैट्रिक्स | ब्रांड | कर्ज |
ओन्ड होटल में निवेश से पहले
फायदे | नुकसान |
साइकिल में बढ़िया प्रदर्शन | कर्ज ज्यादा हो सकता है |
प्रॉपर्टी की वैल्यू बढ़ेगी | ग्रोथ सुस्त हो सकती है |
पुरानी प्रॉपर्टी से आय बढ़ेगी | कैश फ्लो आने में ज्यादा समय लग सकता है |
मैनेज्ड होटल में में निवेश से पहले
फायदे | नुकसान |
अच्छी और बुरी साइकिल में बढ़िया प्रदर्शन | प्रॉपर्टी की वैल्यू नहीं मिलती |
ग्रोथ के लिए पैसा नहीं लगाना पड़ता | ओयो और ट्रीबो जैसी चेन्स से कम्पटीशन |
ब्रांड नेम का अच्छा इस्तेमाल | - |
होटल सेक्टर को कैसे परखें
होटल सेक्टर में फिलहाल स्टेबिलिटी लौट रही है. लेकिन, इंडस्ट्री का सबसे अच्छा वक्त 2003-2008 के बीच रहा. इस दौरान इंडस्ट्री का मार्जिन सबसे बेहतर था. 2003-08 के बीच होटल इंडस्ट्री मार्जिन 35-36 फीसदी रहा था. वहीं, 2008-14 के बीच ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस के चलते होटल इंडस्ट्री को भी सेटबैक लगा. इस दौरान होटल इंडस्ट्री को सबसे ज्यादा कर्ज लेना पड़ा. 2015-18 के बीच वापस स्टेबिलिटी लौटी है. आज इंडस्ट्री का एबिटा मार्जिन करीब 20 फीसदी है.
किन दो चीजों पर चलती है होटल इंडस्ट्री
- एवरेज रूम रेंट (ARR)- औसत किराया प्रति कमरा
- ऑक्यूपेंसी रेट (OR)- कमरे भरने की दर
होटल सेक्टर में तेजी के संकेत
- औसत किराया प्रति कमरा: 8-10 फीसदी ग्रोथ
- कमरा भरने की दर- 70 फीसदी से कम
- पिछले 5 साल में सप्लाई से ज्यादा डिमांड
होटल सेक्टर की आय
रूम्स | 45-55 फीसदी |
फूड एंड बेवरेजज | 40-45 फीसदी |
अन्य | 05-10 फीसदी |
होटल सेक्टर में खर्च
कहां | खर्च |
वेतन खर्च | 25-30 फीसदी |
सेलिंग और डिस्ट्रीब्यूशन | 15-20 फीसदी |
फूड और बेवरेजज | 10-15 फीसदी |
बिजली और तेल | 8-10 फीसदी |
अन्य | 35-40 फीसदी |
होटल शेयरों में कैसे बनेगा पैसा
होटल सेक्टर में आने वाले दिनों में पैसा बनने की संभावना है. हालांकि, निवेश से उन ट्रिगर पर गौर करना होगा, जो होटल सेक्टर के लिए सबसे अहम है.
पहला- क्या होटल के कमरों का किराया बढ़ रहा है?
दूसरा- क्या कमरे भरने की दर यानी ऑक्यूपेंसी रेट बढ़ रहा है?
तीसरा- कंपनी का कर्ज ज्यादा तो नहीं है?
चौथा- कंपनी के होटल किस जगह हैं?
02:30 PM IST