आर्थिक अपराध भगोड़ा मामले में विजय माल्या ने दाखिल किया अपना जवाब
प्रवर्तन निदेशालय ने विजय माल्या को आर्थिक भगोड़ा अपराधी घोषित करने के लिए कोर्ट में एक अपील दायर की थी. इस अपील का जवाब देने के लिए कोर्ट ने माल्या को तीन हफ्ते का समय दिया था.
पिछली सुनवाई के दौरान विजय माल्या ने यह कहकर सनसनी फैला दी थी कि भारत छोड़ने से पहले उसने वित्त से मुलाकात की थी.
पिछली सुनवाई के दौरान विजय माल्या ने यह कहकर सनसनी फैला दी थी कि भारत छोड़ने से पहले उसने वित्त से मुलाकात की थी.
भारत से हजारों करोड़ का गबन करके भागे शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण मामले में आज सोमवार को कोई फैसला आ सकता है. इस मामले में विशेष कोर्ट में दोपहर बाद सुनवाई की जाएगी. आर्थिक भगोड़ा अपराधी मामले में विजय माल्या ने कोर्ट में अपना जवाब दाखिल कर दिया है. स्पेशल कोर्ट ने इस मामले में तीन हफ्ते के अंदर जवाब दाखिल करने के आदेश दिए थे.
प्रवर्तन निदेशालय ने विजय माल्या को आर्थिक भगोड़ा अपराधी घोषित करने के लिए कोर्ट में एक अपील दायर की थी. इस अपील का जवाब देने के लिए कोर्ट ने माल्या को तीन हफ्ते का समय दिया था.
विजय माल्या इन दिनों लंदन में हैं और वहीं की एक स्पेशल कोर्ट में उन पर मामला चल रहा है. लंदन स्थित वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में माल्या के खिलाफ मामला चल रहा है. यह मामला प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग ने दर्ज कराया है. माल्या पर कई बैंकों को 9,000 करोड़ का कर्ज नहीं लौटाने का आरोप है.
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देश छोड़ने से पहले वित्त मंत्री से की थी मुलाकात
बता दें कि पिछली सुनवाई के दौरान 12 सितंबर को विजय माल्या ने यह कहकर सनसनी फैला दी थी कि भारत छोड़ने से पहले उसने वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी. माल्या ने वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के बाहर पत्रकारों से कहा, "मेरी जेनेवा में एक बैठक प्रस्तावित थी। भारत छोड़ने से पहले मैंने वित्तमंत्री से मुलाकात की थी. बैंकों के साथ मामला निपटाने का अपना प्रस्ताव मैंने दोहराया था. यह सच है."
माल्या के इस दावे के बाद भारत की राजनीति में भूचाल खड़ा हो गया था. विपक्षी दलों ने सरकार पर विजय माल्या के साथ साठगांठ होने का आरोप लगाया था.
आर्थिक भगोड़ा अपराध कानून
भारत में लगातार हुए बैंकिंग गबन के बाद भारत सरकार ने एक विधेयक लाकर यह कानून बनाया है. पहले विजय माल्या फिर नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के लाखों-करोड़ों का गबन करने के बाद देश से भाग जाने की घटनाओं से सरकार पर सवालिया निशान उठने लगे थे. आर्थिक अपराध के भगोड़ों को कानूनी प्रक्रिया से बचने से रोकने, उनकी संपत्तियों को जब्त करने और उन्हें दंडित करने के प्रावधान वाले भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक 2018 को जुलाई में लोकसभा में पारित किया गया था.
इस कानून के मुताबिक, भगोड़ा आर्थिक अपराधी वह है जिसने अनुसूचित अपराध और ऐसे अपराध किए हैं जिनमें 100 करोड़ रुपये या उससे अधिक की रकम शामिल है. और ऐसे लोग भारत से फरार हैं. इस कानून के तहत ऐसे भगोड़ों अपराधियों की संपत्ति कुर्क करने का प्रावधान किया गया. इसके अलावा ऐसे अपराधी को सिविल दावा करने या बचाव करने का हक़ नहीं होगा.
01:27 PM IST