7 दिन में मिलेगा बिजली कनेक्शन, शिकायत दूर न करने पर लगेगा जुर्माना, ऊर्जा अधिकार लागू
बिजली मंत्री (Power Minister RK Singh) ने कहा कि ये नियम बिजली उपभोक्ताओं को मजबूत बनाएंगे.
कोई भी नया बिजली कनेक्शन बिना मीटर के नहीं दिया जाएगा. बिजली मीटर स्मार्ट या पूर्व भुगतान यानी प्रीपेमेंट मीटर होगा.
कोई भी नया बिजली कनेक्शन बिना मीटर के नहीं दिया जाएगा. बिजली मीटर स्मार्ट या पूर्व भुगतान यानी प्रीपेमेंट मीटर होगा.
Power Consumers Rights: सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. नए नियमों के तहत बिजली कनेक्शन जारी करने, बिजली बिलों का भुगतान की सुविधा और बिजली सप्लाई के लिए उपभोक्ताओं के ऊर्जा अधिकार तय किए हैं. यह पहली बार है जब पावर सेक्टर में उपभोक्ताओं के लिए मानक तय किए गए हैं. बिजली मंत्रालय के ये नियम ग्राहकों के अधिकार से जुड़े है.
नियमों के मुताबिक, मानव सेवा मुहैया नहीं कराए जाने की दशा में बिजली या सेवा मुहैया कराने वाली
पावर उपभोक्ता अधिकार (Power Consumers Rights)
नियमों के बारे में जानकारी देते हुए बिजली मंत्री आरके सिंह ने कहा कि अब कोई भी ग्राहक 'बिजली बिना' नहीं होगा. वितरण कंपनियों को सेवाएं देनी होंगी और अगर वे इसका पालन नहीं करती हैं, जुर्माना देना पड़ेगा.
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बिजली मंत्री (Power Minister RK Singh) ने कहा कि ये नियम बिजली उपभोक्ताओं (Power Consumers) को मजबूत बनाएंगे. उन्होंने कहा नियमों के तहत प्रत्येक वितरण इकाइयों का यह कर्तव्य है कि वे विद्युत कानून के प्रावधानों के अनुरूप किसी मकान के मालिक या वहां रहने वालों के आग्रह पर बिजली आपूर्ति की व्यवस्था करें.
इसमें कहा गया है कि बिजली सप्लाई के बारे में ग्राहकों के पास बिजली वितरण कंपनियों से न्यूनतम मानक सर्विस हासिल करने का अधिकार है.
7 दिन में मिलेगा बिजली कनेक्शन (New electricity connection)
नए नियमों में बिजली कनेक्शन को लेकर कई प्रावधान किए गए हैं. नए कनेक्शन के लिए मानक प्रक्रिया लागू की गई है. नए बिजली कनेक्शन के लिए लोगों के पास ऑनलाइन आवेदन का विकल्प है.
वितरण कंपनियों को बिजली कनेक्शन (electricity connection) या उसमें सुधार का काम महानगरों में अधिकतम सात दिनों में, नगर पालिका वाले क्षेत्रों में 15 दिनों में और ग्रामीण इलाकों में 30 दिनों में करने होंगे.
बिना मीटर कनेक्शन नहीं (Electricity meter)
नियमों के अनुसार कोई भी नया बिजली कनेक्शन बिना मीटर के नहीं दिया जाएगा. बिजली मीटर स्मार्ट या पूर्व भुगतान यानी प्रीपेमेंट मीटर होगा. बिजली बिल में पूरी तरह से ट्रांसपेरेंसी रहेगी. ग्राहकों के पास ऑनलाइन या ऑफलाइन बिल भुगतान का विकल्प होगा. इसके अलावा बिलों का पहले से भुगतान का भी प्रावधान किया गया है. इसके अनुसार वितरण कंपनियां सभी ग्राहकों को 24 घंटे बिजली देंगी.
वितरण कंपनियों को एक ऐसा ऑटोमैटिक सिस्टम विकसित करना होगा, जिससे बिजली गुल होने पर नजर रखी जा सके और उसे तुरंत बहाल किया जाए.
बिजली देने वालों को भी सुविधा
नए नियमों में ग्राहकों की एक नई श्रेणी भी बनाई गई है जो बिजली भी पैदा करेंगे. ऐसे ग्राहकों को प्रोज्यूमर (Prosumer) कहा गया है. प्रोज्यूमर उपभोक्ता का दर्जा बरकरार रखेंगे और उनके पास भी वे अधिकार होंगे, जो दूसरे ग्राहकों के पास होंगे.
साथ ही उनके पास छतों पर सौर फोटोवोल्टिक (पीवी) सिस्टम समेत नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन इकाई लगाने का अधिकार होगा. इसे वे खुद या सर्विस मुहैया कराने वाले के जरिये लगा सकते हैं.
देना होगा जुर्माना
नियमों के अनुसार आयोग (बिजली नियामक) वितरण लाइसेंस रखने वाली यूनिटों के लिये कामकाज को लेकर मानक अधिसूचित करेगा. अगर कामकाज से जुड़े मानकों का उल्लंघन होता है, तो ग्राहकों को उसके एवज में हर्जाना देना होगा.
जिन सेवाओं में कमी के एवज में वितरण कंपनियों को ग्राहकों को खुद ही हर्जाना देने की जरूरत होगी, उसमें निश्चित अवधि के बाद भी बिजली की आपूति नहीं होना शामिल है. इस बारे में आयोग (नियामक) अधिसूचना जारी कर चीजों को स्पष्ट करेगा.
वितरण कंपनियों के प्रदर्शन का आकलन कनेक्शन के लिये लगने वाला समय, बिजली काटने, उसे जोड़ने, मीटर को दूसरी जगह लगाने, उपभोक्ता श्रेणी में बदलाव, क्षमता बढ़ावाने में लगने वाला समय, खराब मीटर को बदलने में लगने वाला समय, समय पर बिल देना, वोल्टेज संबंधित शिकायतों के समाधान और बिल संबंधी शिकायतों के समाधान में लगने वाले समय के आधार पर की जाएगी.
वितरण कंपनियां अगर आयोग द्वारा निर्धारित समयसीमा में सेवा नहीं देती हैं, उन्हें ग्राहकों को हर्जाना देना होगा.
45 दिन में दूर होगी शिकायत
नियमों के तहत शिकायतों के समाधान को आसान बनाया गया है. इसके तहत मल्टी लेयर सिस्टम तैयार किया गया है और इसमें ग्राहकों के प्रतिनिधियों की संख्या एक से बढ़ाकर चार की गई है.
वितरण कंपनियां हर प्रकार की शिकायतों के विभिन्न स्तरों पर समाधान के लिये समय सीमा स्पष्ट करेंगी. किसी भी प्रकार की शिकायतों के समाधान के लिये अधिकतम समयसीमा 45 दिन तय की गयी है.
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08:44 PM IST