पन्नाः मजदूर को मिला 42 कैरेट का बेशकीमती हीरा, कीमत जान चौंक जाएंगे आप
जिले की हीरा खदान के इतिहास की बात करें तो मोतीलाल ऐसा दूसरा व्यक्ति है जिसे इतनी अच्छी क्वालिटी का हीरा मिला है.
मध्य प्रदेश के पन्ना में लोगों की किस्मत चमकते देर नहीं लगती. यहां किस्मत जब किसी पर मेहरबान होती है तो वह एक झटके में ही रंक से राजा बन जाता है. ऐसा ही कुछ हुआ है पन्ना के रहने वाले पेशे से मजदूर मोतीलाल प्रजापति के साथ. मोतीलाल को मंगलवार 9 अक्टूबर 2018 की सुबह 42 कैरेट 59 सेंट का बेशकीमती हीरा मिला है.
जिले की हीरा खदान के इतिहास की बात करें तो मोतीलाल ऐसा दूसरा व्यक्ति है जिसे इतनी अच्छी क्वालिटी का हीरा मिला है. इससे पहले 1961 में पन्ना के रसूल मोहम्मद को 44 कैरेट का हीरा मिला था. मजदूर को मिले हीरे की कीमत 2 करोड़ बताई जा रही है. वहीं नियम के अनुसार मजदूर से हीरा लेकर उसे सरकारी खजाने में रख दिया गया है और वहीं नीलामी के बाद रॉयल्टी हटाकर पूरी रकम मजदूर को दे दी जाएगी.
पन्ना से 8 किमी दूर चलाते हैं खदान
मोतीलाल प्रजापति के मुताबिक वह पन्ना से 8 किलोमीटर दूर कृष्णा कल्याणपुर गांव के रहने वाले हैं और वहीं वह हीरा खदान चलाते हैं. मोतीलाल के मुताबिक, वह इस खदान को पिछले डेढ़ महीने से चला रहे हैं. जिसके बाद मंगलवार को उन्हें यह हीरा मिला. हीरा मिलने से खुश मोतीलाल और उसके भाई रघुवीर प्रजापति के मुताबिक कुछ देर तक तो यकीन ही नहीं हो रहा था कि उनकी किस्मत चमक उठी है.
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बहुमूल्य हीरा लेकर दोपहर में दोनों भाई जब पन्ना स्थित देश के एकमात्र हीरा कार्यालय पहुंचे तो पता चला कि 57 साल बाद दूसरा सबसे बड़ा जैम क्वॉलिटी का नायाब हीरा उन्हें मिला है. यह जानकर उनकी खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा. हीरा कार्यालय पन्ना के आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार पूर्व 15 अक्टूबर 1961 में पन्ना के ही रसूल मोहम्मद को महुआटोला की उथली खदान में 44 कैरेट 55 सेंट का सबसे बड़ा हीरा मिला था.
दूसरा बहुमूल्य हीरा
हीरा पारखी अनुपम सिंह के अनुसार मोतीलाल प्रजापति को मिला हीरा वजन और क्वालिटी के लिहाज से दूसरा बहुमूल्य हीरा है. उन्होंने श्रमिक मोतीलाल से हीरा प्राप्त कर उसे सरकारी खजाने में जमा कर लिया है.
अनुपम सिंह ने बताया कि प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात आगामी माह में आयोजित होने वाली हीरों की शासकीय नीलामी में इस हीरे को भी बिक्री के लिए रखा जायेगा. वहीं बहुमूल्य हीरा मिलने की खबर फैलने के बाद से मोतीलाल और उसके भाईयों के घर पर उत्सव जैसा माहौल है. पन्ना के बेनीसागर मोहल्ला स्थित इनके घर पर सुबह से ही परचितों और रिश्तेदारों का आना-जाना लगा है. मोतीलाल ने कहा कि 'ईश्वर की कृपा से उसे महज डेढ़ माह की मेहनत ही हीरा मिल गया. जबकि कई लोग पूरी जिंदगी खदान खोदते रहते हैं और उन्हें एक अदद हीरा नहीं मिलता.'
10:26 AM IST