किचन में जाएं और LPG गैस सिलेंडर पर लिखे ये स्पेशल कोड देखें, पता चलेगा- आपका परिवार कितना सुरक्षित है...
LPG Gas Cylinder: हर चीज का कुछ फायदा और कुछ नुकसान भी होता है. ऐसे ही Gas Cylinder के साथ भी है. सिलेंडर से जुड़ी कई ऐसी बाते हैं, जो शायद ही लोगों को पता होती हैं.
LPG गैस सिलेंडर (LPG Gas Cylinder) की साइड पट्टियों पर एक स्पेशल कोड लिखा जाता है.
LPG गैस सिलेंडर (LPG Gas Cylinder) की साइड पट्टियों पर एक स्पेशल कोड लिखा जाता है.
LPG Gas Cylinder: देश के लगभग हर घर में गैस सिलेंडर का इस्तेमाल होता है. प्रधानमंत्री उज्जवला योजना से गांव-कस्बों में भी अब रसोई गैस सिलेंडर की पहुंच आसान हुई है. हर चीज का कुछ फायदा और कुछ नुकसान भी होता है. ऐसे ही Gas Cylinder के साथ भी है. सिलेंडर से जुड़ी कई ऐसी बाते हैं, जो शायद ही लोगों को पता होती हैं. क्या आप जानते हैं दवाई और खाने-पीने की चीजों की तरह आपका रसोई गैस सिलेंडर भी एक्सपायर हो सकता है? इसकी भी अपनी एक्सपायरी डेट (Expiry date) होती है. अगर सिलेंडर को चेक न किया जाए तो ये खतरनाक भी हो सकता है. इसलिए अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के लिहाज से इस पर जरूर गौर करें.
15 साल होती है LPG Gas cylinder की उम्र
रसोई गैस सिलेंडर की एक्पायरी की पहचान के लिए इस पर कुछ स्पेशल कोड लिखे जाते हैं. लेकिन, इन कोड्स की जानकारी होने से पहले आपको यह जानना चाहिए कि आपका रसोई गैस सिलेंडर (LPG Gas Cylinder) कितने टेस्ट से गुजरता है. इन टेस्ट के बाद ही LPG गैस सिलेंडर BIS 3196 मानक को ध्यान में रखकर बनाया जाता है. LPG गैस सिलेंडर की उम्र 15 साल होती है. आपके घर में डिलिवरी से पहले सिलेंडर की टेस्टिंग होती है. 15 साल में दो बार इसका क्वॉलिटी चेक होता है. पहला टेस्ट 10 साल बाद होता है. फिर उसके 5 साल बाद दोबारा टेस्ट किया जाता है.
सिलेंडर पर लिखे स्पेशल कोड्स क्या बताते हैं?
LPG गैस सिलेंडर (LPG Gas Cylinder) की साइड पट्टियों पर एक स्पेशल कोड लिखा जाता है. हर सिलेंडर का कोड अलग होता है. A, B, C और D से इन कोड्स की पहचान होती है. इनके आगे दो अंकों का एक नंबर लिखा होता है. कुछ ऐसा- A 24, B 25, C 26, D 22. यहां A, B, C और D का मतलब महीने से है. A का इस्तेमाल जनवरी, फरवरी और मार्च के लिए किया जाता है. B का इस्तेमाल अप्रैल, मई और जून के लिए किया जाता है. C का इस्तेमाल जुलाई, अगस्त और सितंबर के लिए किया जाता है. D का इस्तेमाल अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर के लिए किया जाता है. इसके अलावा दो अंकों वाले नंबर जिस साल में सिलेंडर की टेस्टिंग होनी है, उसके आखिरी दो अंक होते हैं.
टेस्टिंग डेट के लिए लिखे जाते हैं कोड
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कोड्स का इस्तेमाल इसलिए किया सिलेंडर की टेस्टिंग डेट के लिए किया जाता है. मान लीजिए किसी सिलेंडर पर B 25 कोड लिखा है, इसका मतलब ये हुआ कि उस सिलेंडर को साल 2025 के अप्रैल, मई और जून महीने में टेस्टिंग के लिए जाना है. ध्यान रखें कि आप घर पर डिलिवर होने वाला सिलेंडर पर हमेशा आने वाले साल का कोड लिखा हो. ऐसे डेट जिनकी टेस्टिंग डेट या एक्पायरी डेट निकल चुकी है, उनका इस्तेमाल खतरनाक हो सकता है.
12:42 PM IST