Crude Oil की तेजी पर ब्रेक! कल की तेजी के बाद क्रूड क्यों फिसला?, जानिए पूरी डिटेल्स
Crude Oil: रूस ने भी कह दिया है कि आप हमारे तेल एक्सपोर्ट पर कोई भी कैप लगा लीजिए, हम पश्चिमी दुनिया को तेल नहीं भेजेंगे लेकिन एशिया को हम अपना एक्सपोर्ट बढ़ाएंगे.
Crude Oil: कच्चे तेल में नरम रुख है. तेल उत्पादक देशों के समूह ओपेक (OPEC) की तरफ से उत्पादन घटाने की बात कहने के बाद भी कच्चा तेल (Crude Oil Price) के भाव में गिरावट देखा जा रहा है. कीमतों को लेकर देखें तो कच्चे तेल को लेकर एक्सपर्ट्स के दो धड़े हैं. एक कह रहे हैं कि दाम स्थिर रहेगा और दूसरा कह रहे हैं कि घटेगा. एक्सपर्ट तेल की घटी कीमत को सांकेतिक तौर पर देख रहे हैं. पिछले महीने सितंबर के लिए ओपेक देशों उत्पादन 1 लाख बैरल से बढ़ा दिया था क्योंकि उन्हें अमेरिका का मान रखना था. हालांकि अमेरिका बहुत खुश नहीं था. ओपेके के इस फैसले से यहां पर डिमांड को लेकर चिंता बनी हुई है.
ये वजहें रख सकती हैं तेल कीमतों को नरम
जर्मनी सहित कई देश हैं जहां की इकोनॉमी आर्थिक सुस्ती की तरफ बढ़ती जा रही हैं. उनकी जो कंपोजिट पीएमआई का आंकड़ा आया, वह डेढ़ साल के निचले लेवल पर है. निवेशक का उत्साह दो साल के लिए निचले स्तर पर है. इसी तरह प्राइवेट सेक्टर और सर्विस सेक्टर के ऐसे आंकड़ आए हैं जो कई साल के नुकसान पर हैं. यह संकेत दे रहे हैं कि आर्थिक गतिविधि खराब स्तर पर चल रही हैं.
चीन के सामने भी है चुनौती
चीन की बात करें तो भले ही उसने अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए उन्होंने बहुत सारे कदम उठाए हैं, लेकिन बहुत असर पड़ता दिख नहीं रहा है. वहां फिर से कोविड के मामले बढ़ने लगे हैं. दो तीन बड़े शहरों जहां उनके मैनुफैक्चरिंग हब हैं, इलेक्ट्रॉनिक हब हैं, वहां पर लॉक डाउन के कड़े प्रतिबंध लग गए हैं. चीन के करीब 33 ऐसे शहर बताए जा रहे हैं जहां कोविड के चलते लॉकडाउन या बैन लगाए गए हैं. उधर, रूस ने भी कह दिया है कि आप हमारे तेल एक्सपोर्ट पर कोई भी कैप लगा लीजिए, हम पश्चिमी दुनिया को तेल नहीं भेजेंगे लेकिन एशिया को हम अपना एक्सपोर्ट बढ़ाएंगे. अमेरिकी सरकार ने कहा है कि हम लगातार तेल (Crude Oil) सप्लाई बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है.
🛢️💫कच्चे तेल की तेजी पर ब्रेक !
— Zee Business (@ZeeBusiness) September 6, 2022
उत्पादन कटौती के बावजूद दायरे में क्रूड
कल की तेजी के बाद क्रूड क्यों फिसला?🔻
जानिए पूरी डिटेल्स नेहा आनंद से...@Neha_1007 @AnilSinghvi_ #Commodities #CrudeOil pic.twitter.com/G0J15FVgMQ
ब्रेंट 95 डॉलर प्रति बैरल के नीचे
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आगामी 8 सितंबर को ईसीबी की बैठक है. माना जा रहा है कि Crude Oil की मत में तगड़ी बढ़ोतरी हो सकती है. ये तमाम फैक्टर हैं जो मांग में कमजोरी की तरफ इशारा कर रहे हैं. यही वजह है कि ओपेक (OPEC) देशों के तेल उत्पादन में कटौती के फैसले का बड़ा असर नहीं देखने को मिला है और ब्रेंट (Crude Oil Price) 95 डॉलर प्रति बैरल के नीचे आ गया है.
03:18 PM IST