IPO ला रही ऐप बेस्ड कैब सर्विस Uber, बाजार से 9 अरब डॉलर जुटाने का लक्ष्य
उबर पिछले 5 वर्षों का सबसे बड़ा आईपीओ लाने जा रही है. इस आईपीओ के जरिए कंपनी बाजार से 900 करोड़ डॉलर यानी लगभग 63,000 करोड़ रुपये जुटाने की कोशिश करेगी.
उबर (Uber) अपना पहला आईपीओ लाने जा रही है. कंपनी कल यानी 10 मई को IPO लॉन्च कर रही है. (फोटो- Uber)
उबर (Uber) अपना पहला आईपीओ लाने जा रही है. कंपनी कल यानी 10 मई को IPO लॉन्च कर रही है. (फोटो- Uber)
अमेरिका की ऐप आधारित कैब सर्विस उबर (Uber) अपना पहला आईपीओ लाने जा रही है. कंपनी कल यानी 10 मई को IPO लॉन्च कर रही है. लेकिन आईपीओ लॉन्चिंग से पहले ही कंपनी और कैब चालकों के बीच तनाव की खबरें आ रही हैं. कैब ड्राइवरों ने कम आमदनी और वर्किंग सिस्टम नहीं होने की दुहाई देते हुए विश्वव्यापी हड़ताल पर जाने का फैसला किया है. उधर, उबर के आईपीओ से स्टॉक मार्केट में निवेशकों को एक अच्छा विकल्प मिल रहा है.
आईपीओ (इनीशियल पब्लिक ऑफर्स) के लिए कंपनियां स्टॉक मार्केट में खुद को रजिस्टर्ड कराती है और निवेशकों के बीच अपने शेयर बेचने का प्रस्ताव रखती है.
सबसे बड़ा IPO
बाजार जानकारों का कहना है कि उबर पिछले 5 वर्षों का सबसे बड़ा आईपीओ लाने जा रही है. इस आईपीओ के जरिए कंपनी बाजार से 900 करोड़ डॉलर यानी लगभग 63,000 करोड़ रुपये जुटाने की कोशिश करेगी. उबर से पहले 2014 में चीन की ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा ने आईपीओ से 2500 करोड़ डॉलर जुटाए थे.
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अमेरिका-चीन के बीच चल रहे ट्रेड वॉर के बीच उलझे स्टॉक मार्केट के लिए उबर का यह आईपीओ एक संजीवनी का काम करेगा. जानकार बताते हैं कि उबर का यह आईपीओ अमेरिका के 10 शीर्ष आईपीओ में शामिल हो सकता है.
मुनाफा घटने से ड्राइवर नाराज
उधर, कैब के ड्राइवर कंपनी की कुछ नीतियों को लेकर नाराज हैं और हड़ताल पर चले गए हैं. ड्राइवरों का कहना है कि उनके वर्किंग ऑवर ज्यादा हैं और कमाई कम है.
रिसर्च ऐंड अडवाइजरी फर्म द्वारा किए एक सर्वे में बताया गया था कि वर्ष 2016 में कैब ड्राइवर की औसत आमदनी 30,000 रुपये मासिक थी, जो कि 2018 में घटकर 20,000 रुपये रह गई है. इसके अलावा उबर के कर्मचारियों का आरोप है कि उनके कार्य घंटे बहुत अधिक हैं. कर्मचारियों को 12 घंटे तक काम करना पड़ता है.
02:34 PM IST