Tata AIA लाइफ इंश्योरेंस ने जताई उम्मीद, FY 2022 में 14,000 करोड़ रुपये से ज्यादा हो सकती है प्रीमियम इनकम
Tata AIA के एमडी और सीईओ नवीन ताहिल्यानी ने कहा कि, कोविड के बाद इंश्योरेंस खरीदने के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ी है. हालांकि, इंडस्ट्री को ग्राहकों के बीच लगातार जागरूकता पैदा करते रहना होगा. क्योंकि यह एक बार के ट्रिगर की तरह रहा है और वहीं भारत में प्रोटेक्शन गैप अभी भी बहुत बड़ा है.
कंपनी को साल 2020-21 में कुल 11,105.09 करोड़ रुपये की प्रीमियम आय हुई थी. (फाइल फोटो)
कंपनी को साल 2020-21 में कुल 11,105.09 करोड़ रुपये की प्रीमियम आय हुई थी. (फाइल फोटो)
Tata AIA: देश की दिग्गज लाइफ इंश्योरेंस कंपनी, Tata AIA लाइफ इंश्योरेंस अपने कारोबार को लेकर काफी उत्साहित हैं. कंपनी ने उम्मीद जताई है कि FY 2022 में इसकी कुल प्रीमियम इनकम 30 फीसदी बढ़कर 14,000 करोड़ रुपये से ज्यादा हो सकती है. कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को ये बात कही. समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में टाटा एआईए के एमडी और सीईओ नवीन ताहिल्यानी ने कहा कि, साल के पहले 10 महीनों में इस इंडस्ट्री के लिए वृद्धि मुख्य रूप से बेस इफेक्ट के कारण लगभग 20 फीसदी रही है. वहीं यदि आप कंपनी की ग्रोथ को देखते हैं, तो यह वेटेड न्यू बिजनेस (weighted new business) प्रीमियम में लगभग 32 प्रतिशत है.
2020-21 में इतना रही प्रीमियम इनकम
2020-21 में कंपनी का कुल प्रीमियम इनकम 11,105.09 करोड़ रुपये रहा. ताहिल्यानी ने कहा कि "इस कारोबारी साल के पहले 9 महीनों में हम 32 फीसदी और साल के पहले 10 महीनों में 40 फीसदी के करीब बढ़े. इसलिए मुझे नये बिजनेस प्रीमियम में लगभग 35 प्रतिशत व्यापार वृद्धि और कुल प्रीमियम में लगभग 30 प्रतिशत ग्रोथ की उम्मीद है. हमारा कुल प्रीमियम निश्चित रूप से इस साल 14,000 करोड़ रुपये से अधिक होना चाहिए."
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लगातार जागरूक करने की जरूरत
ताहिल्यानी के मुताबिक, कोविड के बाद इंश्योरेंस खरीदने के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ी है. हालांकि, इंडस्ट्री को ग्राहकों के बीच लगातार जागरूकता पैदा करते रहना होगा. क्योंकि यह एक बार के ट्रिगर की तरह रहा है और वहीं भारत में प्रोटेक्शन गैप अभी भी बहुत बड़ा है.
'83 फीसदी प्रोटेक्शन गैप'
उन्होंने कहा कि "मुझे लगता है कि इंडस्ट्री के लिए चुनौतियों और अवसरों में से एक यह है कि हमें ग्राहकों के बीच जागरूकता पैदा करना जारी रखना है. यदि आप आज देश में प्रोटेक्शन गैप को देखते हैं, तो यह 83 प्रतिशत है. जिसका मतलब है कि औसत भारतीय के पास 10 लाख रुपये का कवर होना चाहिए. लेकिन 10 लाख रुपये के बजाय एक औसत भारतीय के पास सिर्फ 1.70 लाख रुपये का कवर है. जिसका मतलब है कि प्रोटेक्शन गैप 83 प्रतिशत है. मुझे लगता है कि हमारे सामने जागरूकता फैलाने का टास्क है." ताहिल्यानी ने कहा कि, कोविड के चरम पर पहुंचते ही लोग टर्म इंश्योरेंस के लिए सर्च करने लगे. वहीं कोरोना के मामले घटते ही लोग इसे भूल जाते हैं.
'कोविड के बाद भूल जाते हैं लोग'
"लोग मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में भूल जाते हैं, वहीं वे जीवन बीमा के बारे में भी भूल जाते हैं. इसलिए मेरा कहना है कि कोविड केवल सिर्फ शॉर्ट टर्म के लिये जागरूकता कर सकता है. लंबे समय के लिए हमें अपना काम खुद करना होगा," अधिकारी ने कहा.
इंश्योरर द्वारा क्लेम सेटलेंट के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि कोविड के दावे ज्यादातर चालू कारोबारी साल में मई-अगस्त के दौरान आए. क्योंकि क्लेम के दावों की रिपोर्ट लगभग दो महीने के अंतराल के साथ की जाती है. COVID-19 की दूसरी लहर 2021 के अप्रैल-जून के दौरान आई थी.
'प्लान खरीदने से पहले कंपनियों की तुलना'
उन्होंने बताया कि "जब मैं सकल दावों (gross claims) की वैल्यू को देखता हूं, तो लगभग 60 प्रतिशत दावे कोविड मामलों के आ रहे हैं. इसलिए इसे देखने का एक और तरीका यह है कि हमारे दावे कोविड के कारण ढाई गुना बढ़ गए हैं." यह कहते हुए कि, लोग अब टर्म इंश्योरेंस प्रोडक्ट को बेहतर समझते हैं, उन्होंने कहा कि आज लोग प्लान खरीदने से पहले 4-5 कंपनियों की तुलना कर रहे हैं.
03:31 PM IST