Tata Power के एमडी और सीईओ डॉ. प्रवीर सिन्हा का बयान, कहा- रूस और यूक्रेन की लड़ाई के कारण बढ़ी कोयले की डिमांड
MD & CEO of Tata Power: जी बिजनेस संवाददाता सौरभ पांडे से बातचीत में उन्होंने कहा कि बिजली की मांग में भी तेजी आई है. डॉ. प्रवीर सिन्हा के मुताबिक उद्योग पूरी क्षमता के साथ काम कर रहे हैं. वहीं पिछले 3-4 दिनों में 190 गीगावाट तक का peak consumption हो रहा है.
प्रवीर सिन्हा ने उम्मीद जताई कि 6-8 महीने में कोयले के दाम में कमी आ सकती है.
प्रवीर सिन्हा ने उम्मीद जताई कि 6-8 महीने में कोयले के दाम में कमी आ सकती है.
MD & CEO of Tata Power: रूस और यूक्रेन के युद्ध का आज 17वां दिन है. दोनों देशों के बीच लड़ाई थमने का नाम नहीं ले रही है. वहीं खबरों के मुताबिक रूस ने कई जगहों पर हमले तेज कर दिए हैं. रूसी सेना कीव के करीब आ रही है और आवासीय क्षेत्रों की ओर तोपखाने से फायरिंग कर रही है. इस युद्ध से पूरी दुनिया के साथ-साथ हमारी अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ रहा है.
क्रूड ऑयल की कीमत आसमान छू रही है. वहीं डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ने के भी कयास लगाए जा रहे हैं. इस हालात में कोयले की डिमांड पर पड़ने वाले असर को लेकर जी बिजनेस ने Tata Power के एमडी और सीईओ डॉ. प्रवीर सिन्हा से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि इस दोनों देशों की लड़ाई की वजह से इसकी डिमांड बढ़ी है.
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190 गीगावाट तक बिजली की मांग
हमारे संवाददाता सौरभ पांडे से बातचीत में उन्होंने कहा कि बिजली की मांग में भी तेजी आई है. डॉ. प्रवीर सिन्हा के मुताबिक उद्योग पूरी क्षमता के साथ काम कर रहे हैं. वहीं पिछले 3-4 दिनों में 190 गीगावाट तक का peak consumption हो रहा है. इतनी डिमांड कोविड से पहले गर्मियों यानी जून-जुलाई में देखने को मिलती थी. लेकिन इस बार मार्च में ही इस तरह का कंजम्प्शन हो रहा है. उन्होंने उम्मीद जताई कि यह मांग 220 गीगावाट तक पहुंच सकता है.
#ZBizExclusive | रूस-युक्रेन युद्ध के कारण #Coal की डिमांड बढ़ने पर #TataPower के MD और CEO डॉ. प्रवीर सिन्हा का क्या है कहना?
— Zee Business (@ZeeBusiness) March 12, 2022
देखिए टाटा पावर के MD और CEO से सौरभ पांडे की खास बातचीत
@TataPower | @PandeySaurabh95
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इंडोनेशिया में कोयले का कारोबार
हाल ही में टाटा पावर ने कोल सप्लाई को लेकर इंडोनेशिया में एक पैक्ट रिन्यू किया है. यह बड़ा पैक्ट 10 साल के लिए किया गया है. इस बारे में उन्होंने कहा कि इस माइनिंग कंपनी में टाटा पावर की 30 फीसदी हिस्सेदारी है. उन्होंने कहा कि यह इंडोनेशिया की सबसे बड़ी कोल माइन्स है. इसकी कैपेसिटी सालाना 60 मिलियन टन की है. वहां से मुंद्रा प्लांट के लिए भी कोयला आता है. खास बात ये है कि इसकी क्वालिटी काफी अच्छी है.
दाम में कमी की जताई उम्मीद
प्रवीर सिन्हा के मुताबिक इस युद्ध की वजह से इंटरनेशनल मार्केट में कोयले की डिमांड काफी बढ़ गई है. रूस से गैस सप्लाई भी रूकी हुई है. वहां से कई देशों जैसे यूरोप, जापान, ताइवान, कोरिया आदि में कोयले की आपूर्ति की जाती था. लड़ाई के बाद इसकी सप्लाई रूक गई है. इसलिए इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के देशों से आने वाले कोल की डिमांड बढ़ गई है. इस वजह से इंटरनेशनल मार्केट में कीमत पर असर पड़ा है.
खास बात ये है कि घरेलू बाजार में इससे कीमत में बदलाव नहीं आया है. उन्होंने उम्मीद जताई कि हालात सुधरने के बाद कीमतें फिर पुराने लेवल पर जाएंगी. 6-8 महीने में उन्होंने दाम में कमी होने की संभावना जाहिर की.
07:57 PM IST