Israel Hamas War: डिफेंस सेक्टर के लिए अवसर या चुनौती? किन कंपनियों पर पड़ेगा असर?
Israel-Hamas War: ब्रोकिंग रिसर्च कंपनी Nuvama ने 10 अक्टूबर को एक रिसर्च पब्लिश किया है, जिसमें बताया गया है कि डिफेंस सेक्टर के लिए आने वाले वक्त में इजरायल का युद्ध अभियान कैसे मौके बना सकता है.
Israel Hamas War से डिफेंस कंपनियां फोकस में रह सकती हैं. (Image: Reuters)
Israel Hamas War से डिफेंस कंपनियां फोकस में रह सकती हैं. (Image: Reuters)
Israel-Hamas War में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है. हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं और अपनी जिंदगी बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. दुनिया इजरायल-फिलीस्तीन के बीच दशकों से चल रहे संघर्ष का नया दौर देख रहे हैं. लेकिन इस जियोपॉलिटिकल टेंशन के उभरने से इजरायल के समर्थन में बड़े देशों ने आतंक के खिलाफ आह्वान भरा है, अमेरिका ने सैन्य सहायता भी भेज दी है.
डिफेंस सेक्टर फोकस में?
ये कहना बहुत गलत नहीं होगा कि युद्ध, इंसानों के लिए विपदा जैसी ऐसी स्थितियों में रक्षा क्षेत्र काफी अहम हो जाता है, यानी कि जाहिर है कि डिफेंस सेक्टर की कंपनियों के लिए मूवमेंट होता है और बिजनेस बढ़ता है. ऐसे में इजरायल-हमास युद्ध क्या भारत की कंपनियों के लिए नए अवसर खोलने वाला है? ब्रोकिंग रिसर्च कंपनी Nuvama ने 10 अक्टूबर को एक रिसर्च पब्लिश किया है, जिसमें बताया गया है कि डिफेंस सेक्टर के लिए आने वाले वक्त में इजरायल का युद्ध अभियान कैसे मौके बना सकता है.
रक्षा निर्यात में प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों की 60 से 70 फीसदी की बड़ी हिस्सेदारी है, ऐसे में रिपोर्ट का कहना है कि इससे Bharat Forge, L&T, Tata Advanced Systems और Adani Group जैसी कंपनियों के लिए शॉर्ट से मीडियम टर्म में मौके मिल सकते हैं. इजरायल और भारत के संबंध अच्छे हैं, ऐसे में जरूरत पड़े तो भारत से मदद मांगने की संभावनाएं कम नहीं हैं.
भारत के डिफेंस सेक्टर पर कैसा रहेगा असर?
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इजरायल और भारत के अच्छे व्यापार संबंध हैं. भारत उनके लिए बड़ा निर्यातक देश है, जिनमें कीमती जवाहरात, धातु, केमिकल उत्पाद और टेक्सटाइल का निर्यात शामिल है. वहीं भारत इजरायल से मोती, प्रीशियस स्टोन्स, केमिकल और मिनरल/फर्टिलाइजर, मशीनरी और इलेक्ट्रिकल उपकरण, पेट्रोलियम ऑयल, डिफेंस, मशीनरी और ट्रांसपोर्ट उपकरण मंगाता है. ऐसे में भारत के प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों के लिए अवसर बन सकते हैं.
इसके अलावा, पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर की ऐसी कंपनियां जो कच्चा माल मंगाती हैं, या जिनके IAI, Elbit Systems और/या Rafael Advanced Systems के साथ टाई-अप हैं, वो सप्लाई चेन में रुकावट, समझौते पूरे होने में दिक्कतें, ऑर्डर न मिलने जैसी दिक्कतें देख सकती हैं, क्योंकि इजरायल युद्ध की स्थिति में अपने युद्ध उपकरण, हथियार का पूरा स्टॉक रखना चाहेगा.
निर्यात/बिजनेस संबंध रखने वाली भारतीय कंपनी कौन सी हैं?
Kalyani Rafael Advanced Systems (JV of Kalyani Group: Bharat Forge and Rafael Advanced Defence
Systems), Adani-Elbit JV, DCX Systems, L&T, HBL Power Systems, Tech Mahindra, Astra Microwave, Tata Advanced Systems वगैरह.
भारत इजरायल से क्या-क्या मंगाता है?
Dornier-228, artillery guns, Brahmos missiles, PINAKA rockets & launchers, radars, simulators, armoured vehicles वगैरह.
03:42 PM IST