कई दिनों की गिरावट के बाद गुलजार हुआ कॉटन बाजार, आगे भी तेजी की संभावना
इंटरनेशल मार्केट में अच्छी क्वालिटी का कॉटन नहीं होने और भारत में स्टॉक कम होने के चलते कॉटन के भाव में तेजी की संभावना थी. लेकिन अमेरिका और चीन के बीच चल रहे ट्रेड वॉर के चलते बाजार लगातार गिरता चला गया.
अमेरिका कॉटन का दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक है जबकि चीन एक बड़ा आयातक देश है. (Photo-Reuters)
अमेरिका कॉटन का दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक है जबकि चीन एक बड़ा आयातक देश है. (Photo-Reuters)
इस साल कपास यानी कॉटन का उत्पादन कम रहने का पूर्वानुमान जारी किया गया है. इसके अलावा इंटरनेशल मार्केट में अच्छी क्वालिटी की कॉटन नहीं होने और भारत में स्टॉक कम होने के चलते कॉटन के भाव में तेजी की संभावना थी. लेकिन अमेरिका और चीन के बीच चल रहे ट्रेड वॉर के चलते बाजार लगातार गिर रहा था. दो महाशक्तियों के बीच चल रहे तनाव का असर कॉटन मार्केट पर साफ देखा जा रहा था. लेकिन आज बुधवार को इसमें कुछ सुधार दर्ज किया गया है.
अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक मसलों को लेकर गतिरोध दूर करने की दिशा में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सकारात्मक बयान के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कॉटन के भाव में रिकवरी आई है जिससे घरेलू बाजार में भी बुधवार को लगातार दूसरे दिन कॉटन के वायदे में तेजी का रुख बना रहा.
ट्रेड वॉर का असर
अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता में खटास आने के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कॉटन का भाव मंगलवार को 64.51 सेंट प्रति पौंड तक चला गया था जो कि करीब तीन साल में सबसे निचला स्तर है. हालांकि उसके बाद 1.26 फीसदी की रिकवरी दर्ज की गई.
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अंतरराष्ट्रीय बाजार में आई भारी गिरावट के कारण भारतीय वायदा बाजार में भी कॉटन के वायदे में सोमवार को करीब चार फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, लेकिन मंगलवार को मिले सकारात्मक विदेशी संकेतों से घरेलू कॉटन बाजार में तेजी का रुख बुधवार को भी जारी रही.
ट्रंप-शी जिनपिंग की मुलाकाते के संकेत से सुधारा बाजार
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है कि अमेरिका-चीन के बीच व्यापारिक वार्ता जारी रहेगी और उन्होंने अगले महीने जी-20 सम्मेलन के दौरान जापान में अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग से मुलाकात के संकेत दिए हैं, जिसके बाद कमोडिटी और स्टॉक बाजार में रिकवरी देखी जा रही है.
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर सुबह 10.16 बजे कॉटन का मई वायदा अनुबंध 70 रुपये की तेजी के साथ 20,950 रुपये प्रति गांठ पर बना हुआ था जबकि इससे पहले भाव 21,050 रुपये प्रति गांठ तक उछला. वहीं, जून वायदा अनुबंध 60 रुपये की तेजी के साथ 21,190 रुपये प्रति गांठ पर बना हुआ था. आईसीई पर कॉटन का जुलाई वायदा अनुबंध 0.52 फीसदी की तेजी के साथ 67.07 सेंट प्रति पौंड पर बना हुआ था.
बता दें कि अमेरिका कॉटन का दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक है जबकि चीन एक बड़ा आयातक देश है. लिहाजा अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक मसलों को लेकर तनाव के कारण कॉटन के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रभावित होने की आशंका से कीमतों में गिरावट आई है.
भारत में कॉटन उत्पादन और बाजार पर एक नजर-
- इस बार 14 फीसदी उत्पादन कम होना अनुमान है.
- पिछले साल 365 लाख गांठ का उत्पादन हुआ था.
- एक गांठ में 370 किलोग्राम कॉटन होता है.
- कम उत्पादन होने से दो गुना हो सकता है कपास का निर्यात.
- पिछले साल 15 लाख गांठ कपास का निर्यात हुआ था.
- इस बार 31 लाख गांठ कॉटन के निर्यात का अनुमान.
- अंतरराष्ट्रीय मार्केट में मौजूद कॉटन की क्वालिटी खराब है.
- घटिया क्वालिटी की कॉटन से कपड़ा मिलों को नुकसान.
- अच्छी क्वालिटी की कॉटन की चीन से खरीद कर ली.
- कॉटन उत्पादन इलाकों में पानी की किल्लत बड़ी समस्या है.
- पिछले 10 वर्षों में सबसे कम उत्पादन होने का अनुमान.
(इनपुट आईएएनएस से)
02:00 PM IST