SBI ने उठाया बड़ा कदम, आज से आपके सेविंग अकाउंट के ब्याज पर चलेगी कैंची
आज यानी 1 मई, 2019 से बचत खाता जमाओं और छोटी अवधि के कर्ज के लिए अपनी प्रमुख दरों को आरबीआई के रेपो रेट से जोड़ देगा. एसबीआई बचत खातों में एक लाख रुपये तक रखने वाले लोगों को इस समय 3.50 प्रतिशत की दर से ब्याज देता है.
SBI ने बचत खाते में एक लाख रुपये से कम पैसे रखने वाले लोगों को मिलने वाले ब्याज में कोई कटौती नहीं की है.
SBI ने बचत खाते में एक लाख रुपये से कम पैसे रखने वाले लोगों को मिलने वाले ब्याज में कोई कटौती नहीं की है.
सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) आज यानी मई दिवस से अपने कुछ नियमों में बदलाव करने जा रहा है. ये बदलाव बैंक के ग्राहकों को बचत खाने पर मिलने वाले ब्याज पर असर डालेंगे. एसबीआई 1 मई से बचत खातों (savings account) पर मिलने वाली ब्याज दरों में बदलाव करने जा रहा है. इस बदलाव के तहत जिन बचत खातों में एक लाख रुपये से अधिक होंगे, उन्हें कम ब्याज मिलेगा. अब एक लाख से अधिक राशि वाले बचत खातों पर ब्याज दर 3.25 प्रतिशत होगी. इस महीने की शुरुआत में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती की थी.
भारतीय स्टेट बैंक आज से छोटी अवधि के कर्ज तथा बचत खाता की सेविंग्स को भारतीय रिजर्व बैंक की रेपो रेट से जोड़ने जा रहा है. जैसे-जैसे आरबीआई के रेपो रेट में बदलाव होगा उसी तरह एसबीआई के सेविंग्स और छोटे कर्ज के ब्याज पर असर होगा.
आरबीआई की Repo Rate से तय होगा ब्याज
एसबीआई की वेबसाइट sbi.co.in पर दी गई जानकारी के अनुसार, एसबीआई आज यानी 1 मई, 2019 से बचत खाता जमाओं और छोटी अवधि के कर्ज के लिए अपनी प्रमुख दरों को आरबीआई के रेपो रेट से जोड़ देगा. एसबीआई बचत खातों में एक लाख रुपये तक रखने वाले लोगों को इस समय 3.50 प्रतिशत की दर से ब्याज देता है. अब इसमें 0.25 फीसदी की कटौती हो जाएगी. आज से नई ब्याज दर 3.25 प्रतिशत होगी.
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छोटी बचत पर कोई बदलाव नहीं
एसबीआई ने हालांकि छोटी जमा रखने वाले ग्राहकों को राहत देने का फैसला किया है और इसलिए फिलहाल बचत खाते में एक लाख रुपये से कम पैसे रखने वाले लोगों को मिलने वाले ब्याज में कोई कटौती नहीं की है. इससे पहले एसबीआई ने 30 लाख रुपये तक के होम लोन की ब्याज दर में 0.10 प्रतिशत कमी करने का ऐलान किया था.
क्या होती है RBI की रेपो रेट
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की रेपो रेट वह दर होती है जिस पर वह अन्य बैंकों को कर्ज देता है. बैंक इस कर्ज से ग्राहकों को ऋण देते हैं. रेपो रेट कम होने से मतलब है कि बैंक से मिलने वाले कई तरह के कर्ज सस्ते हो जाएंगे. इनमें होम लोन, वाहन लोन आदि शामिल होते हैं.
रिवर्स रेपो रेट (RRR)
रेपो रेट का उल्टा होता है रिवर्स रेपो रेट यानी आरआरआर. RRR वह दर होती है जिस पर बैंकों को उनकी ओर से आरबीआई में जमा धन पर ब्याज मिलता है. रिवर्स रेपो रेट बाजारों में नकदी की तरलता को कंट्रोल करने में काम आती है. बाजार में जब भी बहुत ज्यादा नकदी दिखाई देती है, आरबीआई रिवर्स रेपो रेट बढ़ा देता है, ताकि बैंक ज्यादा ब्याज कमाने के लिए अपनी रकमे उसके पास जमा करा दे.
10:31 AM IST