बैंक भी लगा सकेंगे बॉन्ड में पैसा, लेकिन अपनाना होगा यह रास्ता
बैंक बॉन्ड में पैसा लगा सकते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें म्यूचुअल फंड (MF) और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) के जरिए बिना किसी अतिरिक्त फीस के बांड सिक्योरिटीज में निवेश कर सकेंगे.
MF और ETF को इससे फायदा होगा. (Reuters)
MF और ETF को इससे फायदा होगा. (Reuters)
बैंकों (Bank) को भी अब बॉन्ड (Bond) में निवेश करने की इजाजत मिल गई है. RBI के मुताबिक बैंक बॉन्ड में पैसा लगा सकते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें म्यूचुअल फंड (MF) और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) के जरिए बिना किसी अतिरिक्त फीस के बांड सिक्योरिटीज में निवेश कर सकेंगे.
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि ऐसा करने से MF और ETF में मनी फ्लो बढ़ जाएगा. यह बड़ा फैसला है और MF और ETF को इससे फायदा होगा.
Basel 3 दिशानिर्देशों के मुताबिक अगर कोई बैंक सीधे बांड सिक्योरिटी लेता है तो उसे म्यूचुअल फंड (MF) या एक्सचेंज ट्रेडेट फंड से उसी बांड में किए गए निवेश के बदले कम पूंजी का आवंटन करना होता है.
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रिजर्व बैंक के मुताबिक मौजूदा व्यवस्था में अलग-अलग तरह के व्यवहार को सामान्य बनाते हुए यह फैसला किया गया है. इससे बैंकों की पूंजी बचत बढ़ेगी और साथ कॉरपोरेट बांड बाजार को भी बढ़त मिलेगी.
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ऐसे में बैंकों के सीधे बांड रखने या म्यूचुअल फंड या ईटीएफ से किए जाने वाले निवेश दोनों पर नौ प्रतिशत का साधारण बाजार जोखिम फीस लगाने का फैसला किया गया है.
ETF या एक्सचेंज ट्रेडेड फंड Stocks के एक सेट में निवेश करते हैं. ये अमूमन एक खास इंडेक्स को ट्रैक करते हैं. ETF म्यूचुअल फंड जैसे होते हैं. लेकिन, अंतर यह है कि ETF को केवल स्टॉक एक्सचेंज से खरीदा या बेचा जा सकता है. जिस तरह आप शेयरों को खरीदते हैं. ठीक वैसे ही आप एक्सचेंज के कारोबारी घंटों के दौरान ETF को भी खरीद सकते हैं.
11:08 AM IST