Air India-Vistara: ये मर्जर नहीं आसान... IATA बोला- 'एयरलाइंस के लिए प्रॉफिट कमाना मुश्किल, ये हैं चुनौतियां'
Air India-Vistara Merger: एयर इंडिया और विस्तारा के मर्जर को लेकर IATA के अधिकारी ने कहा कि इस मर्जर के पहले एयरलाइंस को कई अन्य मुद्दों को हल करने की आवश्यकता है.
(Source: Reuters)
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Air India-Vistara Merger: एयर इंडिया का अधिग्रहण करने के बाद टाटा ग्रुप (Tata Group) के पास 3 एयरलाइन हो गए हैं, जिनका वह ऑपरेशन देखती है. इसमें एयर इंडिया (Air India) के अलावा एयरएशिया इंडिया (AirAsia India) और विस्तारा भी हैं. ऐसे में इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं, कि एयर इंडिया और विस्तारा (Vistara) का भी मर्जर किया जा सकता है. इसे लेकर IATA के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस मर्जर के पहले काफी सारे अन्य मुद्दों को हल कर लेना चाहिए.
प्रॉफिट बनाना आसान नहीं
इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) के एशिया पैसिफिक के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष फिलिप गोह (Philip Goh) ने ग्लोबल एयरलाइंस बॉडी के 78वें एनुअल जनरल मीटिंग में कहा कि एक एयरलाइन के लिए भारत में प्रॉफिट कमाना आसान नहीं है. इसे पहले फेयर कैप और एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) पर हाई टैक्स जैसे कई मुद्दों को हल करना चाहिए.
इन मुद्दों को करना होगा हल
यह पूछे जाने पर कि क्या विस्तारा और एयर इंडिया का मर्जर टाटा ग्रुप द्वारा किया जाना चाहिए? उन्होंने जवाब दिया कि दोनों (Air India- Vistara) फुल सर्विस कैरियर हैं. विस्तारा अभी भी काफी छोटी विमान कंपनी है. हालांकि वे 5-6 साल से बिजनेस में है, फिर भी वह अभी घाटे में चल रहे हैं. भारत में किसी एयरलाइन के लिए प्रॉफिट कमाना आसान नहीं है. उन्हें कई सारे मुद्दों को हल करना है.
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गोह ने कहा कि उन्हें यकीन है कि Air India और Vistara के बीच मर्जर को लेकर टाटा ग्रुप (Tata Group) और सिंगापुर एयरलाइंस (Singapore Airlines) के बीच किसी तरह की चर्चा हो रही होगी.
एयरलाइंस को तय करना चाहिए टिकट प्राइसिंग
भारत में एविएशन सेक्टर को लेकर गोह ने कहा कि फ्लाइट टिकट (Flight Ticket) की प्राइसिंग को एयरलाइंस के ऊपर छोड़ देना चाहिए. देश में इसे जिस तरह से नियंत्रित किया जा रहा है, वह नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि एयरलाइंस के लिए फ्यूल और अन्य सभी चीजों पर टैक्स हमेशा से एक मुद्दा रहा है.
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा एयरलाइनों की लागत बढ़ाने के लिए किया गया कोई भी फैसला एविएशन सेक्टर की इकोनॉमी के लिए बुरा है.
कोविड 19 के बाद लगा प्राइस कैप
कोरोना महामारी के बाद पूरे देश में लॉकडाउन लगने से देश भर में हवाई सेवाएं ठप्प हो गई थीं. इसके बाद 25 मई, 2020 से सेवाओं को फिर से शुरू किया गया. हालांकि सिविल एविएशन मिनिस्ट्री (Ministry of Civil Aviation) ने उड़ान की अवधि के आधार पर हवाई किराए (Air Fare) पर निचली और उपरी सीमा लगा दी थी. उदाहरण के लिए, वर्तमान में 40 मिनट से कम अवधि वाली उड़ानों पर 2,900 रुपये (जीएसटी छोड़कर) से कम और 8800 रुपये (GST छोड़कर) से अधिक शुल्क नहीं ले सकती है.
पिछले साल 8 अक्टूबर को टाटा ग्रुप (Tata Group) ने एयरलाइंस के लिए बोली जीत ली. जिसके बाद 27 जनवरी को Air India और उसकी सहायक एयर इंडिया एक्सप्रेस का नियंत्रण टाटा ग्रुप के पास आ गई.
01:32 PM IST