देर से आएगा बुढ़ापा, वैज्ञानिक ने खोजा जवान रहने का फॉर्मूला
एजिंग के लिए जिम्मेदार Kat7 जीन की खोज कर ली है और इसको निष्क्रीय करने से वैज्ञानिकों ने पाया कि एजिंग को रोका जा सकता है.
चीनी वैज्ञानिकों का दावा है कि उन्होंने एक नई जीन थेरेपी विकसित करने में कामयाबी पा ली है जो बढ़ती उम्र के असर को कम कर सकती है. (प्रतीकात्मक फोटो)
चीनी वैज्ञानिकों का दावा है कि उन्होंने एक नई जीन थेरेपी विकसित करने में कामयाबी पा ली है जो बढ़ती उम्र के असर को कम कर सकती है. (प्रतीकात्मक फोटो)
How to Stay Young: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में ज्यादातर लोग सेहत का खयाल नहीं रख पाते, नतीजा समय से पहले बुढ़ापा आ जाता है. बहुत से लोगों को तो उम्र से पहले ही झुर्रियां और स्वास्थ संबंधित गम्भीर परिस्थितियों से रूबरू होना पड़ता है.
लेकिन अब वे दिन दूर नहीं जब हमें बुढ़ापा रोकने के लिए घंटों आईने के आगे खड़े रहकर खुद को संवारने की जरूरत नहीं होगी. क्योंकि, चीनी वैज्ञानिकों का दावा है कि उन्होंने एक नई जीन थेरेपी विकसित (new gene therapy) करने में कामयाबी पा ली है जो बढ़ती उम्र के असर को कम कर सकती है. इससे बुढ़ापा देर से आएगा और जीवन काल में भी बढ़ोतरी देखी गई है.
वैज्ञानिकों का कहना है कि चूहों पर किए गए प्रयोग से ये बात सामने आई है. इससे मनुष्य में बढ़ती उम्र के प्रभाव को भी कम किया जा सकेगा.
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साइंस ट्रांसलेशनल मेडिसिन (Science Translational Medicine) पत्रिका में छपे लेख के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने एजिंग के लिए जिम्मेदार Kat7 जीन की खोज कर ली है और इसको निष्क्रीय करने से वैज्ञानिकों ने पाया कि एजिंग को रोका जा सकता है.
परियोजना के सह-पर्यवेक्षक 40 वर्षीय प्रोफेसर Qu Jing ने बताया कि इस विशिष्ट जीन थैरपी पर काम करते हुए ऐसे नतीजे विश्व में सबसे पहले मिलने से उत्साहित हैं.
उन्होंने ने बताया कि ये प्रयोग चूहों पर किए गए थे, इन चूहों में 6-8 महीने के बाद सुधार और मजबूती देखने को मिली और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उनके जीवनकाल में लगभग 25 फीसदी तक बढ़ोतरी देखी गई है.
चीनी के जीवविज्ञानियों की टीम ने CRISPR / Cas9 तकनीक का इस्तेमाल उन हजारों जीनों की स्क्रीनिंग की जो विशेष रूप से सेल्युलर बुढ़ापे की वजह थे, इस शोध में सेलुलर एजिंग का पूरा ब्यौरा देखने को मिला.
वैज्ञानिकों का कहना है कि 10,000 में से लगभग 100 जीनों की पहचान की गई जो Kat7 कोशिकाओं में सेनेस (बुढ़ापे) में योगदान देने सबसे बड़े कारक थे.
Kat7 स्तनधारियों की कोशिकाओं में पाए जाने वाले हजारों जीनों में से एक है. शोधकर्ताओं ने एक lentiviral वेक्टर (lentiviral vector) नामक एक विधि का उपयोग करके चूहों के यकृत में इसे निष्क्रिय कर दिया.
शोधकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने हमने विभिन्न प्रकार के सेल प्रकारों में इस जीन के कार्य का परीक्षण किया. मानव स्टेम सेल, मानव लीवर सेल और माउस लीवर सेल में और इन सभी कोशिकाओं के लिए मेसेनकाइमल कोशिकाएं होती हैं. इनमें से किसी में कोई भी कोशिका संबंधित विषाक्तता नहीं देखने को मिली. मानव और चूहों में अभी तक कोई साइड इफेक्ट नहीं देखा गया है.
Qu Jing ने कहा कि इन नतीजों से उत्साहित हैं, हालांकि इस थैरपी का मानव ट्रायल के लिए तैयार होने के लिए एक लंबी प्रक्रिया से गुजरना होगा.
उनका कहना है कि यह निश्चित रूप से आवश्यक है कि हम मानव उम्र बढ़ने या अन्य स्वास्थ्य स्थितियों के लिए रणनीति का उपयोग करने से पहले अन्य सेल प्रकार के मनुष्यों और चूहों के अन्य अंगों और अन्य पूर्व-नैदानिक जानवरों में kat7 के कार्य का ट्रायल करें.
Qu Jing ने कहा कि वे आशावादी हैं कि जल्द अगले प्राइमेट पर इस थैरपी का परीक्षण करने में सक्षम होंगे. इसके लिए पहले बहुत अधिक धन और बहुत अधिक शोध की आवश्यकता होगी.
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10:02 PM IST