क्या है 3D प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी? 3D प्रिंटर से कैसे 43 दिनों के अंदर बना पोस्ट ऑफिस- जानिए सबकुछ
What is 3D Printing Technology: 3D प्रिटिंग टेक्नोलॉजी से बने इस पोस्ट ऑफिस को बनने में महज 43 दिनों का समय लगा. इसे बनाने के लिए महज 45 दिनों का लक्ष्य रखा गया था, जो दो दिन पहले ही बनकर तैयार हो गया. जानिए क्या है ये और कितना आता है खर्च.
What is 3D Printing Technology: प्रिंटिंग का इस्तेमाल ज्यादातर लोग कंप्यूटर पर डिजाइन बनाने, डॉक्यूमेंट्स प्रिंट कराने के लिए करते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि प्रिंटर से बिल्डिंग तक प्रिंट हो सकता है. यकीन नहीं हो रहा है न? बताते हैं...नई 3D टेक्नोलॉजी की मदद से आप घर और मकान को प्रिंट करा सकते हैं. इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल पोस्ट ऑफिस की बिल्डिंग को बनाने के लिए किया गया है. (3D Printed Post office in India) बता दें, देश के पहले 3D प्रिंटिंग से बने बिल्डिंग में पोस्ट ऑफिस खुला है. केन्द्रीय रेलवे, कम्युनिकेशन, आई और इलेक्ट्रॉनिक्स मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू में इस पोस्ट ऑफिस का उद्घाटन किया. आइए जानते हैं आखिरकार ये 3D Technology होती क्या है. इसकी मदद से कैसे 43 दिनों के अंदर पोस्ट ऑफिस बना.
बता दें, 3D प्रिटिंग टेक्नोलॉजी से बने इस पोस्ट ऑफिस को बनने में महज 43 दिनों का समय लगा. इसे बनाने के लिए महज 45 दिनों का लक्ष्य रखा गया था, जो दो दिन पहले ही बनकर तैयार हो गया. इस बिल्डिंग को आईआईटी मद्रास (IIT Madras) और L&T की पार्टनर्शिप से बनाया गया है. 3D प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी की सफलता पर PM Modi ने टीम को बधाई दी है. केन्द्रीय मंत्री ने अपने X पोस्ट के जरिए इस 3D प्रिंटर से बने पोस्ट ऑफिस की तस्वीर भी शेयर की है.
क्या है 3D प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी?
- 3D प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी आर्किटक्चर के लिए पूरी तरह से नया कॉन्सेप्ट है.
- कंप्यूटर में डिजाइन की गई 3D Printing Technology.
- 3D कॉन्क्रिट प्रिंटिंग का यूज करके तैयार की जाती है बिल्डिंग.
- इसके लिए एक बड़ा रोबोटिक कॉन्क्रीट प्रिंटर...बिल्डिंग बनाने की साइट पर इंस्टॉल किया जाता है.
- ये पोस्ट ऑफिस बिल्डिंग 1,021 स्क्वायर फीट (वर्ग फुट) में तैयार की गई है.
- इसमें प्रिंटर का यूज करके कॉन्क्रीट की एक के ऊपर दूसरा लेयर रखते हुए बिल्डिंग की शेप दी जाती है.
- इसमें ऐसे कॉन्क्रीट का इस्तेमाल होता है, जो तेजी से हार्ड हो जाता है और इसके लेयर एक-दूसरे के साथ आसानी से चिपक जाते हैं.
IT Minister Ashwini vaishnaw ने पोस्ट ऑफिस की बिल्डिंग की वीडियो शेयर की है. इस वीडियो में बिल्डिंग को 3D Technology के जरिए बनाने का पूरा प्रोसेस है. कैसे इसकी शुरुआती हुआ और कितना ये देखने में सुंदर है. ये सब आप वीडियो में देख सकते हैं. इस पोस्ट ऑफिस की बिल्डिंग को बनाने में कुल 43 दिनों का समय लगा.
The spirit of Aatmanirbhar Bharat!
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) August 18, 2023
🇮🇳India’s first 3D printed Post Office.
📍Cambridge Layout, Bengaluru pic.twitter.com/57FQFQZZ1b
कहां से आई टेक्नोलॉजी और कितना आया खर्च
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बता दें, इस टेक्नोलॉजी को डेनमार्क से लाया गया है. इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें कर्व्ड सतह आसानी से चिपकाई जा सकती है. इस बिल्डिंग को बनाने में करीब 23 लाख रुपए का खर्च आया है, जो पुराने तरीके से बिल्डिंग बनाने में लगने वाले संभावित खर्च से 30% से 40% तक कम है. IIT मद्रास के प्रोफेसर मनु शांतानाम ने इसके लिए L&T का शुक्रिया अदा किया है, जिसने प्रिंटिंग के लिए सभी पैरामीटर को पूरा किया है.
पोस्ट ऑफिस की इस बिल्डिंग के सक्सेसफुली बन जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हर भारतीय को बेंगलुरू में बने कैम्ब्रिज ले आउट में बने पोस्ट ऑफिस पर गर्व करना चाहिए. पीएम ने ये पोस्ट X (Twitter) पर किया है. उन्होंने आगे कहा कि यह हमारे देश के इनोवेशन और प्रगति का एक शानदार उदाहरण है. यह हमारी आत्मनिर्भर भारत के जज्बे को और मजबूत बनाती है.
Every Indian would be proud to see India's first 3D printed Post Office at Cambridge Layout, Bengaluru. A testament to our nation's innovation and progress, it also embodies the spirit of a self-reliant India. Compliments to those who have worked hard in ensuring the Post… pic.twitter.com/Y4TrW4nEhZ
— Narendra Modi (@narendramodi) August 18, 2023
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