कैश में खरीदेंगे Gold ज्वेलरी तो इतनी रकम पर देना होगा KYC, सरकार ने तय की Limit
सोने-चांदी की ज्वेलरी की खरीद पर KYC देने के भ्रम को सरकार ने क्लीयर किया है. सरकार के रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने कहा है कि किसी भी ज्वेलरी की खरीद पर PAN या Aadhaar की जरूरत नहीं है.
डिपार्टमेंट ने ऐसा कोई नोटिफिकेशन नहीं जारी किया है. (Reuters)
डिपार्टमेंट ने ऐसा कोई नोटिफिकेशन नहीं जारी किया है. (Reuters)
सोने-चांदी की ज्वेलरी की खरीद पर KYC देने के भ्रम को सरकार ने क्लीयर किया है. सरकार के रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने कहा है कि किसी भी ज्वेलरी की खरीद पर PAN या Aadhaar की जरूरत नहीं है. कोई भी KYC डाक्युमेंट देना जरूरी नहीं है. डिपार्टमेंट ने ऐसा कोई नोटिफिकेशन नहीं जारी किया है. सूत्रों ने बताया कि मीडिया में चल रहीं ऐसी खबरें गलत हैं.
28 दिसंबर को आए नोटिफिकेशन के मुताबिक अगर कोई ग्राहक 10 लाख रुपए या इससे ज्यादा की ज्वेलरी खरीदता है तो KYC की जरूरत है. यह Financial Action Task Force (FATF) के लिए जरूरी है. भारत 2010 से FATF का सदस्य है.
10 लाख से कम की ज्वेलरी अगर किसी ग्राहक को बेची जाती है तो कोई KYC दस्तावेज नहीं देना होगा. डिपार्टमेंट के मुताबिक, नए नोटिफिकेशन में 10 लाख रुपए या ज्यादा पर KYC वाली शर्त फाइनेंशियल एक्शन टास्कफोर्स की सिफारिशों को ध्यान में रखकर लाया गया है.
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28 दिसंबर को PMLA के तहत जारी नोटिफिकेशन में KYC जरूरी होने का दावा कर कई ज्वेलर्स ग्राहकों से KYC दस्तावेज मांगने लगे थे. ज्वेलर्स को इस नोटिफिकेशन में कई व्यावहारिक दिक्कतें दिखने लगीं. जैसे कि वे एक-एक ग्राहक की बिक्री का रिकॉर्ड कैसे रखेंगे और देखेंगे कि 10 लाख या उससे ज्यादा की सीमा पार हुई या नहीं. इस वजह से ऐहतियातन कुछ ज्वेलर्स ने ग्राहकों से सभी तरह की खरीद पर KYC मांगना शुरू कर दिया. मौजूदा नियमों के मुताबिक, 2 लाख रुपए से ज्यादा की नकद में ज्वैलरी खरीद पर ही KYC दस्तावेज लगते हैं.
क्या है मामला?
वित्त मंत्रालय ने 28 दिसंबर को गोल्ड ट्रेड को PMLA (Prevention of Money Laundering Act) के दायरे में लाने का नोटिफिकेशन जारी किया था. नोटिफिकेशन के मुताबिक, संदिग्ध खरीद या लेन-देन पर एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) के पास यह हक है कि वह बिना दस्तावेज के गोल्ड ट्रेड की गहनता से जांच कर सके. आदेश के मुताबिक, ट्रांजैक्शन का हिसाब-किताब अब ज्वेलर्स को अपने पास रखना होगा. मामले में पकड़े जाने पर 3-7 साल तक सजा का प्रावधान भी है. सारा कंफ्यूजन यहीं से शुरू हुआ. क्योंकि, इससे अंदाजा लगाया गया कि छोटी रकम खरीदने पर भी KYC जरूरी होगी. जबकि सरकार का कहना है कि एक महीने में 10 लाख से ज्यादा की खरीद पर ही KYC की मांग की जाएगी.
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06:47 PM IST