फिर से रूठे विदेशी निवेशक, सितंबर में FPI ने 7624 करोड़ निकाले, सेंसेक्स 2111 अंक फिसला, अब आगे क्या?
सितंबर में नेट आधार पर FPI ने 7600 करोड़ से ज्यादा की बिकवाली की है. एकबार फिर से उनका रुख नेगेटिव हो गया है. बीते महीने सेंसेक्स में 2111 अंकों की गिरावट दर्ज की गई. आने वाले समय में FPI में उतार-चढ़ाव का सिलसिला कायम रहने की उम्मीद है.
Share market outlook: एकबार फिर से विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से रुठे दिख रहे हैं. दो महीने के बाद एकबार फिर से फॉरन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स ने भारतीय बाजार से निकासी की है. सितंबर में एफपीआई ने शेयर बाजार से 7624 करोड़ रुपए के शेयर बेचे. इससे पहले अगस्त के महीने में एफपीआई ने बाजार में 51204 करोड़ की खरीदारी की थी. जुलाई में 4989 करोड़ की लिवाली की गई थी. उससे पहले लगातार नौ महीने तक वे बिकवाल रहे थे. साल 2022 में अब तक नेट आधार पर एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजार में 168789 करोड़ के शेयर बेचे हैं. बीते महीने सेंसेक्स में 2111 अंकों की गिरावट दर्ज की गई और यह 57426 के स्तर पर बंद हुआ.
FPI की गतिविधियों में उतार-चढ़ाव जारी रहेगा
शेयर बाजार के जानकारों का मानना है कि एफपीआई की गतिविधियों में उतार-चढ़ाव का सिलसिला कायम रहने की संभावना है. विदेशी निवेशकों के सेंटिमेंट पर कई फैक्टर का असर देखा जा रहा है. रुपए में गिरावट से निवेशकों का सेंटिमेंट प्रभावित हुई है. इसके अलावा ग्रोथ का अनुमान घटाया गया है. यह भी नकारात्मक असर दिखा रहा है.
इंग्लैंड के फिस्कल एक्शन का दिखा बड़ा असर
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा, "मौजूदा वैश्विक महंगाई के बीच ब्रिटिश सरकार की राजकोषीय नीतियों ने वैश्विक मुद्रा बाजार पर गहरा असर डाला है और इक्विटी बाजारों में भी जोखिम से दूर रहने की धारणा बनी है." उन्होंने कहा कि घरेलू मोर्चे पर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) अनुमान में आंशिक गिरावट के अलावा ईंधन से संबंधित कुछ चिंताएं भी हैं.
यील्ड और डॉलर इंडेक्स में उछाल का नेगेटिव असर
मॉर्निंगस्टार इंडिया के सह निदेशक-शोध प्रबंधक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, "बाद में रुपये की कीमत में आ रही गिरावट और अमेरिका में बॉन्ड यील्ड बढ़ने एवं फेडरल रिजर्व की ब्याज दर बढ़ने जैसे कारणों से विदेशी निवेशकों के बीच निराशावादी धारणा हावी होती गई."
रुपए में गिरावट से बिकवाली का बोझ बढ़ा
रुपये की कीमत में गिरावट आने से भी एफपीआई की निकासी को बल मिला. वीकेंड इंवेस्टिंग के संस्थापक एवं स्मॉलकेस प्रबंधक आलोक जैन ने कहा, "सितंबर में डॉलर के मजबूत होने से निवेशक इसकी सुरक्षा का रुख करने लगे हैं. आने वाले समय में रुपये की कीमत में और भी गिरावट देखी जा सकती है लिहाजा निवेशकों में फिलहाल यहां से निकलने और बाद में लौटने की प्रवृत्ति नजर आ सकती है."
टेक्निकल आधार पर इस सप्ताह तेजी की उम्मीद
IIFL Securities के वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता ने कहा कि इस सप्ताह निफ्टी के लिए 16800 का स्तर महत्वपूर्ण है और उसके बाद 16550 का स्तर सपोर्ट की तरह काम करेगा. तेजी की स्थिति में 17450 का स्तर अवरोधक है. बैंक निफ्टी के लिए 38200 का स्तर सपोर्ट की तरह काम करेगा. उसके बाद 37500 का स्तर महत्वपूर्ण है. तेजी की स्थिति में 40200 के स्तर पर अवरोध है. टेक्निकल आधार पर बाजार में तेजी की उम्मीद है क्योंकि यह ओवरसोल्ड जोन में है. ऐसे में इस सप्ताह तेजी की उम्मीद ज्यादा है. रुपए में भी तेजी की उम्मीद है. यह 80-81 के दायरे में ट्रेड कर सकता है.
(भाषा इनपुट के साथ)
01:35 PM IST