कोरोना काल में भी रेलवे ने कई रूटों पर बिजली से चलाईं ट्रेनें, हर साल 10 हजार करोड़ बचाने का है प्लान
भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने अपने सभी रेल ट्रैकों को इलेक्ट्रिफाइड (electrify rail tracks) करने के लिए 2023 तक का लक्ष्य रखा है. रेलवे की कोरोना काल में भी काफी तेजी से रेलवे लाइनों का इलेक्ट्रिफिकेशन किया है.
भारतीय रेलवे 2023 दिसम्बर तक सभी रेल लाइनों का इलेक्ट्रिफिकेशन पूरा कर लेगा (फाइल फोटो)
भारतीय रेलवे 2023 दिसम्बर तक सभी रेल लाइनों का इलेक्ट्रिफिकेशन पूरा कर लेगा (फाइल फोटो)
भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने अपने सभी रेल ट्रैकों को इलेक्ट्रिफाइड (electrify rail tracks) करने के लिए 2023 तक का लक्ष्य रखा है. रेलवे की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक ये काम तय समय पर पूरा कर लिया जाएगा. कोराना वायरस (corana virus) के चलते किए गए लॉकडाउन (lockdown) के बाद भी ट्रैकों के इलेक्ट्रिफिकेशन (electrification) का काम काफी तेजी से किया जा रहा है. ट्रैक के इलेकट्रिफिकेशन के बाद से देश में हर साल लगभग 10 हजार करोड़ रुपये की तेल की बचत होगी. इससे तेल के आयात में भी कमी आएगी.
रेलवे की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक अब तक रेलवे ने लगभग 63 फीसदी रेलवे ट्रैक का इलेक्ट्रिफिकेशन पूरा कर लिया है. हाई डैंसिटी नेटवर्क (High density network) जिस पर ज्यादा ट्रेनें चलती हैं उन रूटों का इलेक्ट्रिफिकेशन पहले किया जा हा है. 2022 तक इस तरह के सभी रूटों को इलेक्ट्रिफाइड कर दिया जाएगा.
कोरोना काल के दौरान भी रेलवे ने लगभग 365 किलोमीटर रेल ट्रैक का इलेक्ट्रिफिकेशन किया है. इनमें से कई रूटों पर इलेक्ट्रिक ट्रेनें चलाना भी शुरू कर दिया गया है. कोरोना काल के दौरान मुंबई से हावड़ा के बीच इलाहाबाद होते हुए एक सेक्शन को इलेक्ट्रिफिाइड कर दिया गया. इससे हावड़ा के लिए एक वैकल्पिक रूट शुरू हो गया. 29 जून 2020 को इस रूट पर पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाई गई.
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इंदौर से गूना होते हुए बीना जाने वाली रेल लाइन को भी इलेक्ट्रिफाइड कर दिया गया है. भागलपुर से शिवनारायणपुर के बीच 45 किलोमीटर ट्रैक को इलेक्ट्रिफाइड किए जाने से मुंबई से न्यू जलपाईगुड़ी तक पूरा रेल सेक्शन इलेक्ट्रिफाइड हो गया है. इस रूट पर सिर्फ बिजली से ट्रेन चलाई जा सकती है.
05:35 PM IST