टर्म इंश्योरेंस लेते समय कौन - कौन से टेस्ट हैं जरूरी, जानें इनके बारे में - चेक करें डीटेल्स
टर्म इंश्योरेंस प्लान के लिए फॉर्म में आपने जो डिटेल फिल की हैं, उसके वैरिफिकेशन के लिए मेडिकल टेस्ट रिपोर्ट की जरुरत होती है.
एक टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी (TERM INSURANCE) आपकी फैमिली को अचानक आने वाली परेशानियों के लिए कवर देता है. इन प्लान की मदद से आपके जाने के बाद भी आपकी फैमिली को फाइनेंशियल हैल्प मिलती रहती है. जब आप टर्म इंश्योरेंस ऑनलाइन खरीदते हैं. तो इस प्रॅासेस में आपसे कुछ जानकारी और दस्तावेज देने के लिए कहा जाता है. प्रॅासेस की स्टेप में से एक आपकी हैल्थ कंडीशन का पता लगाना होता है. इसके लिए आपको मेडिकल टेस्ट कराने के लिए कहा जाएगा. मैडिकल टैस्ट कराना आपके लिए जरुरी होता है. इसका कारण है कि ये एक डॅक्यूमैंटेड प्रूफ है. आप अपने टर्म इंश्योरेंस के लिए जो प्रीमियम पे करते हैं. वो आपकी हैल्थ कंडीशन पर भी डिपेंड करता है. इसलिए आपको अपनी हैल्थ कंडीशन का डिक्लेशन करना पड़ता है. अगर आप अपनी हैल्थ कंडीशन को छिपाते हैं, तो आपका क्लेम तक रिजेक्ट किया जा सकता है. कई मामलों में, टर्म इंश्योरेंस कंपनी इसके लिए आपसे कॅन्टेक्ट करती हैं. फिर वे आपको आपके एरिया में उपलब्ध सेंटर की एक लिस्ट देती हैं. जहाँ आप उन टेस्ट को करवा सकते हैं.
क्या शामिल है इन टेस्ट में
हर इंसान के लिए हैल्थ टैस्ट अलग-अलग होतें हैं. यहां आपके डिक्लेशन का रोल इंपोर्टेंट है. इस में आपके और आपकी फैमिली की मैडिकल हिस्ट्री को ध्यान में रखकर सारे मैडिकल पैरामीटर को कवर किया जाता है. आमतौर पर हाइट और वजन लेना, ब्लड टैस्ट और यूरिन टैस्ट कॅामन होते हैं. यूरिन टैस्ट से सैम्पल में पाए जाने वाले कोटिनाइन का जरुरी लेवल में होना जांचा जाता है. आपके शरीर के बेसिक मीजरमेंट, बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) को समझने में मदद करते हैं. इंश्योरेंस कंपनी आपको ब्लड टैस्ट के लिए भी रिक्वेस्ट करती हैं. इसकी मदद से कम्पलीट ब्लड काउंट, डिफरेंशियल काउंट, बायो,फास्टिंग प्लाज्मा ग्लूकोज और हीमोग्लोबिन के बारे में जानकारी मिलती है.
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कौनसे टैस्ट हैं जरुरी
इंश्योरेंस कंपनी हाइट और वेट जैसे बेसिक डिटेल के साथ रेगुलर यूरिन टैस्ट और यूरिन कोटिनाइन टैस्ट को शामिल करते हैं. इसके साथ ही ब्लड टैस्ट, पूर्ण रक्त गणना (सीबीसी), लिपिड प्रोफाइल, लिवर फंक्शनल टैस्ट, किडनी फंक्शनल टैस्ट, फास्टिंग ब्लड शुगर, ईसीजी/टीएमटी/2डी इकोकार्डियोग्राफी, अल्ट्रासोनोग्राफी (एब्डॅामिन), छाती का एक्स - रे, HIV टैस्ट भी लिए जातें हैं. इन टैस्ट के अलावा डॉक्टर शरीर की अन्य जरुरी जानकारी जैसे ऊंचाई, वजन, ब्लड प्रैशर और मैडिकल हिस्ट्री को भी रिकॉर्ड करते हैं. कई कंडीशन में आपसे एडीशनल टैस्ट के लिए भी रिक्वेस्ट की जा सकती है.
क्या हैं मैडिकल टैस्ट के बैनिफिट
डिक्लरेशन में गड़बड़ी होने पर भी क्लेम रिजेक्ट नहीं होता
पॉलिसी खरीदते समय पर्सनल जानकारी देते समय हुई गलतियों के कारण क्लेम कैंसिल कर दिया जाता है. पॉलिसी खरीदते समय मैडिकल टेस्ट करवाना आपको इससे छूट देता है. क्योंकि ये रिपोर्ट अपने आप में ही आपकी फिटनेस का प्रमाण हैं. ये किसी भी क्लेम को एक्सेप्ट करने के लिए पर्याप्त हैं.
कोई भारी प्रीमियम नहीं देना पड़ता
जिन बीमा पॉलिसियों के लिए मेडिकल टैस्ट की जरुरत नहीं होती है, उनमें अक्सर भारी प्रीमियम होता है. ये रिस्क को कवर करने के लिए है. जिस कारण इंश्योरेंस पॉलिसी महंगी हो जाती है.
ज्यादा कवरेज
बिना मेडिकल टैस्ट के प्लान में उन प्लान की तुलना में कम कवरेज मिलता है, जो प्लान मैडिकल टैस्ट की रिक्वेस्ट करते हैं. टैस्ट रिपोर्ट के साथ कंपनी आपकी रिस्क प्रोफाइल का ठीक से अनुमान लगा सकती है. इसलिए आपको ज्यादा कवरेज मिलता है.
08:40 AM IST