भूकंप, तूफान, बाढ़ को कवर करता है Home Insurance? एक्सपर्ट से जानिए प्रोडक्ट खरीदते समय किन बातों का रखें ध्यान
होम इंश्योरेंस (Home Insurance) एक ऐसा प्रोडक्ट है, जिससे हम प्राकृतिक आपदाओं से मकान को एक सेफ्टी कवर जरूर दे सकते हैं. यहां यह सवाल है कि होम इंश्योरेंस कैसे मिल सकता है और इसे खरीदते समय क्या-क्या बातें ध्यान में रखनी चाहिए.
Home Insurance
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Home Insurance: मकान बनवाने या खरीदने के साथ-साथ समय-समय पर उसका मेन्टेनेंस करना भी जरूरी होता है. आमतौर पर हर दो या तीन साल में मकान की मेन्टेनेंस करानी पड़ती है, जिससे कि वह लंबे समय तक मजबूत और टिकाउ बना रहे. मकान को मजबूत और सुरक्षित रखने के लिए हर मुमकिन कदम उठाए जाते हैं. बावजूद इसके भूकंप, तूफान, बाढ़, चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं से मकान को पूरी तरह सेफ नहीं किया जा सकता है. ऐसे में होम इंश्योरेंस (Home Insurance) एक ऐसा प्रोडक्ट है, जिससे हम प्राकृतिक आपदाओं से मकान को एक सेफ्टी कवर जरूर दे सकते हैं. यहां यह सवाल है कि होम इंश्योरेंस कैसे मिल सकता है और इसे खरीदते समय क्या-क्या बातें ध्यान में रखनी चाहिए.
ICICI लोम्बार्ड जीआईसी के चीफ (अंडरराइटिंग एंड क्लेम्स प्रॉपर्टी एंड कैजुअल्टी) गौरव अरोड़ा का कहना है, होम इंश्योरेंस जनरल इंश्योरेंस का ही एक रूप है जो आपके घर/और आपके घर के अंदर किसी भी बीमित (इंश्योर्ड) संपत्ति को हुए नुकसान की लागत को कवर करता है. यह बीमाधारक को उसकी सबसे कीमती एसेट से जुड़ी किसी आपदा या दुर्घटना की स्थिति में फाइनेंशियल कवर उपलब्ध कराता है. होम इंश्योरेंस उस पॉलिसी में दिए गए बीमा राशि (सम एश्योर्ड) के 100 फीसदी तक भूकंप, तूफान, बाढ़, चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं से कवर सुनिश्चित करता है.
होम इंश्योरेंस पॉलिसी किसी भी जनरल इंश्योरेंस कंपनी की वेबसाइट या एजेंट के जरिए ले सकते हैं. इसके आपको बस अपने घर या बिल्डिंग की कीमत और घर में रखे सामानों की कीमत के साथ-साथ अपने केवाईसी डिटेल की जरूरत होती है.
इन बातों का ध्यान रखें
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उनका कहना है, मुख्य रूप से, होम इंश्योरेंस कवर से इनकार नहीं किया जाता है. हालांकि इमारत के पुराने होने जैसी असाधारण स्थिति में बीमा कंपनी जोखिम स्वीकार करने से इनकार कर सकती है. कोई भी व्यक्ति जो होम इंश्योरेंस चाहता है उसे अपनी संपत्ति और उसमें मौजूद सामानों के लिए कॉम्प्रिहेंसिव कवर लेना चाहिए.
एक्सपर्ट का कहना है, क्लेम की स्थिति में पर्याप्त सुरक्षा के लिए व्यक्ति को घर के कंस्ट्रक्शन की मौजूदा दर के मुताबिक अपनी बीमा राशि (सम एश्योर्ड) लेनी होगी. इसके अलावा पॉलिसी जारी करने/सर्विसिंग और क्लेम के मामले में बीमा कंपनी के डिजिटल फुटप्रिंट पर भी गौर करना चाहिए. आजकल हर कंपनी ऑनलाइन प्रोडक्ट उपलब्ध कराती हैं.
12:24 PM IST