त्योहारी सीजन में क्रेडिट कार्ड पर मिल रहे कई ऑफर्स, EMI ऑप्शन का यूज करते समय इन बातों का रखें ध्यान
Emi पर सामान लेना कस्टमर्स के लिए भी आसान हो जाता है, लेकिन ऐसे में ज्यादा खर्चा होने के चांसेज भी बढ़ जाते हैं.
त्योहारी सीजन शुरू होते ही कंपनियों की तरफ से तरह-तरह के ऑफर्स कस्टमर्स के लिए लाए जाते हैं. ऐसे में क्रेडिट कार्ड होल्डर्स को खासतौर पर EMIs लेने पर बेहतर डिस्काउंट वाले ऑफर्स दिए जाते हैं. Emi पर सामान लेना कस्टमर्स के लिए भी आसान हो जाता है, लेकिन ऐसे में ज्यादा खर्चा होने के चांसेज भी बढ़ जाते हैं. इसलिए क्रेडिट कार्ड यूज से पहले आप कुछ खास बातों का ध्यान रख सकते हैं.
क्रेडिट कार्ड EMI यूज करने के क्या हैं फायदे
क्रेडिट ईएमआई का सबसे बड़ा फायदा ये है कि कस्टमर्स इसके जरिए महंगे अमाउंट के प्रोडक्ट्स को आसान किस्तों में खरीद सकते हैं. इसका बिल आपको छोटे-छोटे हिस्सों में करना होता है. यूजर्स को अपनी सुविधा के रीपेमेंट्स के लिए अनुसार कुछ महीनों से लेकर 1-2 साल तक का समय भी दिया जाता है.
Credit Card EMIs का काम करने का तरीका
क्रेडिट कार्ड emis दो तरह से शुरू किए जा सकते हैं. पहला तरीका होता है डायरेक्ट EMI में प्रोडक्ट परचेज करना, और दूसरा तरीका ये भी होता है जहां आप टोटल क्रेडिट कार्ड के खर्च को EMIs में स्प्लिट कर सकते हैं. लेकिन इसके पहले ध्यान रखें कि आपको इन पर ब्याज भी देना होता है. इस ब्याज का निर्धारण कस्टमर के क्रेडिट स्कोर पर भी निर्भर करता है. इसलिए ध्यान रखें प्रोसेसिंग फीस और भुगतान में देरी पर पेनल्टी लगाईं जा सकती है. इसके अलावा कंपनियां कस्टमर्स को EMIs पर कई बार नौ कॉस्ट EMIs का भी ऑप्शन देती हैं. लेकिन इसके लिए आपको कुछ तय टेन्योर का सिलेक्शन करना होता है. लंबी अवधि का चयन करते समय आपको ज्यादा इंटरेस्ट भी देना पड़ सकता है. इसलिए EMIs का सिलेक्शन करते समय इंटरेस्ट रेट पर भी ध्यान दें.
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Flat Rate मैथड
जब लोन की राशि लगातार चुकाई जा रही होती है तब हर इंटरेस्ट चार्ज को ओरिजिनल प्रिंसिपल अमाउंट के आधार पर कैलकुलेट किया जाता है. EMI कैलकुलेट करने के लिए होल लोन प्रिंसिपल और टोटल इंटरेस्ट प्रिंसिपल को ऐड किया जाता है और फिर इसे टोटल EMI के नंबर से डिवाइड कर दिया जाता है. इसे फ्लैट रेट स्ट्ट्रेटजी कहते हैं. जिसका यूज ज्यादातर पर्सनल और ऑटो लोन्स के लिए किया जाता है.
02:58 PM IST