Mutual Fund निवेशकों के लिए अच्छी खबर, अब यूनिट बेचने पर फटाफट खाते में आ जाएंगे पैसे
कैपिटल मार्केट रेगुलेटर SEBI ने शुक्रवार को म्यूचुअल फंड यूनिट होल्डरों के डिविडेंड और यूनिट बेचने से प्राप्त राशि के पेआउट (Payout) के मामले में संपत्ति प्रबंधन कंपनियों (AMC) के लिए समयसीमा घटा दी है.
Mutual Fund निवेशकों के लिए अच्छी खबर, अब यूनिट बेचने पर फटाफट खाते में आ जाएंगे पैसे (PTI)
Mutual Fund निवेशकों के लिए अच्छी खबर, अब यूनिट बेचने पर फटाफट खाते में आ जाएंगे पैसे (PTI)
कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी ने शुक्रवार को म्यूचुअल फंड यूनिट होल्डरों के डिविडेंड और यूनिट बेचने से प्राप्त राशि के पेआउट (Payout) के मामले में संपत्ति प्रबंधन कंपनियों (AMC) के लिए समयसीमा घटा दी है. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक सर्कुलर में कहा कि नए नियम के तहत अब डिविडेंड का भुगतान मौजूदा 15 Working Days से घटाकर 7 दिन कर दिया गया है. सेबी ने कहा कि डिविडेंड पेमेंट मामले में सार्वजनिक रिकॉर्ड डेट (Record Date) सार्वजनिक नोटिस जारी होने से, जहां लागू हो, दो Working Days होगा.
7 दिनों के भीतर होगा डिविडेंड का भुगतान
सेबी ने कहा, ‘‘यूनिट होल्डरों को डिविडेंड का भुगतान रिकॉर्ड तारीख से 7 वर्किंग डेज (Working Days) के भीतर होगा.’’ साथ ही यूनिट बेचने से प्राप्त राशि के पेआउट के लिए समयसीमा मौजूदा 10 वर्किंग डेज से घटाकर तीन दिन कर दिया गया है. सेबी ने कहा कि यूनिट बेचने से प्राप्त होने वाली राशि यूनिट होल्डरों (निवेशकों) को यूनिट बेचने की तारीख से तीन दिन के भीतर उपलब्ध कराई जाएगी.
जिन योजनाओं में कुल संपत्ति में से कम-से-कम 80 प्रतिशत राशि अगर विदेशों में स्वीकृत निवेश उत्पादों में किया गया है तो ऐसी स्थिति में यूनिट बेचने से प्राप्त होने वाली राशि यूनिट होल्डरों को आवेदन देने की तारीख से 5 वर्किंग डेज के भीतर उपलब्ध कराई जाएगी.’’
30 दिनों के अंदर पब्लिश की जाएगी लिस्ट
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सेबी के साथ विचार-विमर्श कर उद्योग संगठन एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) उन अपवाद परिस्थितियों की सूची प्रकाशित करेगा, जिसके कारण वह निवेशकों को निर्धारित समयसीमा में भुनाई गई रकम देने में असमर्थन होंगे. साथ ही उन्हें ये बताना होगा कि ऐसी परिस्थिति में यूनिट होल्डरों को पैसा मिलने में कितना समय लगेगा. लिस्ट को 30 दिनों के अंदर पब्लिश किया जाएगा.
सेबी ने कहा कि अगर यूनिट बेचने से प्राप्त होने वाली राशि या डिविडेंड भुगतान में देरी होती है तो निवेशकों को प्राप्त होने वाली राशि पर सालाना 15 प्रतिशत की दर से ब्याज मिलेगा. ब्याज का भुगतान Asset Management Companies करेंगी और इस प्रकार के भुगतान का विवरण अनुपालन रिपोर्ट के तहत सेबी को देना होगा.
भाषा इनपुट्स के साथ
08:48 PM IST