Money Guru: रिटायरमेंट के लिए कमाल का है ये 3 स्टेज प्लान, 60 के बाद भी होती रहेगी रेगुलर इनकम
Money Guru: अगर आपको भी इस बात की चिंता सताती है कि कैसे आप अपने रिटायरमेंट को सुरक्षित बना सकते हैं, तो आप रिटायरमेंट के 3 स्टेज प्लान को अपना सकते हैं.
(Source: Pixabay)
(Source: Pixabay)
Money Guru: रिटायरमेंट को लेकर हम सभी को कभी-न-कभी चिंता होती ही है कि जब हम काम नहीं कर रहे होंगे, तब हमारे रेगुलर खर्च कैसे पूरे होंगे. ऐसे में हमें किसी ऐसे निवेश की आवश्यकता होती है, जो महंगाई को मात देते हुए हमारे सारे खर्च उठाए और जिसमें बेहतर पोस्ट टैक्स रिटर्न भी मिलता हो. टेंशन फ्री पेंशन के लिए हमें सही असेट एलोकेशन स्टैटजी अपनानी होगी. आइए जानते हैं सही रिटाटरमेंट प्लानिंग के लिए क्या है 3 स्टेज प्लान.
रिटायरमेंट की सही प्लानिंग के लिए हम 3 स्टेज प्लानिंग कर सकते हैं, जिसमें अलग-अलग उम्र के लिए अलग स्ट्रैटजी होती है. जैसे 25 साल की आयु के लिए एक्युमुलेशन, 45 साल की आयु के लिए कंसोलिडेशन और 60 साल की आयु के लिए डिस्ट्रिब्यूशन.
⚡️रिटायरमेंट से पहले पैसों की जरूरत?
— Zee Business (@ZeeBusiness) April 29, 2022
⚡️क्या हैं NPS से निकासी के नियम?
⚡️6 साल में ₹4 करोड़ कैसे बनेंगे?
⚡️उच्च शिक्षा की कैसी हो प्लानिंग?#MoneyGuru में आज देखिए
'रिटायरमेंट का- 3 स्टेज प्लान'@rainaswati | @bclceo | @Rajivshastri
https://t.co/YlfKyqb63Z
एक्युमुलेशन स्टेज
TRENDING NOW
एक्युमुलेशन स्टेज में हमें 25 साल से 40 साल की उम्र का निवेश प्लान करना होता है. इस दौरान निवेश से रकम इक्कट्ठा करने का समय होता है. इस उम्र में हमारे पास कम जिम्मेदारियां और ज्यादा जोखिम क्षमता होती है. एक्युमुलेशन स्टेज में अग्रेसिव स्ट्रैटेजी काम आती है. असेट एलोकेशन (Asset Allocation) में इक्विटी ज्यादा,डेट कम होता है. लंबी अवधि में वेल्थ क्रिएशन (Wealth Creation) के लिए इक्विटी सही ऑप्शन होता है.
कंसोलिडेशन स्टेज
कंसोलिडेशन स्टेज के लिए 45 साल से 55 साल की उम्र का निवेश प्लान है. इस स्टेज में ज्यादा जिम्मेदारियां और मॉडरेट जोखिम क्षमता होती है. कंसोलिडेशन में इक्विटी और डेट का संतुलन रखें. इस स्टेज में वेल्थ को बढ़ाना और बचाना जरूरी है. इक्विटी, शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग टर्म डेट फंड सही है.
Zee Business Hindi Live यहां देखें
डिस्ट्रिब्यूशन स्टेज
डिस्ट्रिब्यूशन स्टेज 60 साल और ऊपर की निवेश प्लानिंग का स्टेज है. यह अब तक के निवेश से रेगुलर आय पाने का समय है. रिटायरमेंट पर कम जोखिम वाली स्ट्रैटेजी जरूरी है. इस स्टेज में असेट एलोकेशन में डेट में निवेश का एक्सपोजर बढ़ा सकते हैं.
हाइब्रिड फंड
- अलग-अलग असेट क्लास में निवेश
- इक्विटी,डेट, गोल्ड में होता है निवेश
- REIT,InvITs,प्रेफेरेंशियल शेयर में निवेश
- रिस्क एडजस्टेडस रिटर्न मिलने में आसानी
- असेट क्लास के मिश्रण से उतार-चढ़ाव से बचाव
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम
- 60 साल या उससे अधिक आयु के लोगों के लिए
- 80C के तहत 1.5 लाख तक के निवेश पर टैक्स छूट
- स्कीम 5 साल में मैच्योर होती है
- मैच्योरिटी पूरी होने पर स्कीम को 3 साल बढ़ा सकते हैं
- 1000 से 15 लाख तक का निवेश संभव
- ब्याज दर हर तिमाही होती है रिव्यू
- अभी स्कीम में निवेश तो ब्याज दर हो जाती है फिक्स
प्रधानमंत्री वय वंदन योजना
प्रधानमंत्री वय वंदन योजना में 60 साल से ज्यादा उम्र वाले निवेश कर सकते हैं. स्कीम में निवेश की अधिकतम उम्र सीमा नहीं है. यह स्कीम सिर्फ सीनियर सिटीजन के लिए है. अधिकतम 15 लाख रुपये तक का निवेश संभव है. हालांकि पति-पत्नी दोनों 15-15 लाख रुपये निवेश कर सकते हैं. 10 साल का लॉक-इन है लेकिन इसमें अच्छा रिटर्न मिलता है. इसमें महीने के न्यूनतम 1000 रुपये अधिकतम 9250 पेंशन मिलते हैं. इस स्कीम में 80C के तहत टैक्स में छूट का प्रावधान नहीं है.
सिस्टमैटिक विद्ड्रॉल प्लान
सिस्टमैटिक विद्ड्रॉल प्लान (SWP) म्यूचुअल फंड से रेगुलर आय का तरीका है. मासिक, तिमाही, छमाही, सालाना स्तर पर पैसे मिलेंगे. अवधि और रकम, पहले से तय कर सकते हैं. तय समय पर ऑटोमैटिक पैसे अकाउंट में आ जाते हैं. SWP के जरिए नियमित अंतराल पर पैसे निकाल सकते हैं. NAV के आधार पर हर महीने पैसे निकालने का विकल्प है. पैसे आपके फंड से यूनिट्स बिकने से मिलते हैं.
60 के बाद हेल्थ प्लान
बढ़ती उम्र के साथ प्रीमियम भी बढ़ता है. हेल्थ के मुताबिक पर्याप्त हेल्थ इंश्योरेंस लें. एक सही हेल्थ प्लान के लिए कम से कम .25 लाख तक का कवर जरूर लें. फैमिली फ्लोटर प्लान लेना और भी बेहतर होगा. इसके साथ ही आप बेसिक कवर में सुपर टॉप-अप करवा सकते हैं. अपने बच्चे की मेडिक्लेम पॉलिसी में नाम जोड़ें. क्रिटिकल इलनेस प्लान को हेल्थ इंश्योरेंस में जोड़ें. इंश्योरेंस कंपनियों के सीनियर सिटीजन हेल्थ प्लान मौजूद होता है. रिटायरमेंट पर कंपनी की मेडिक्लेम पॉलिसी पोर्ट कराएं.
60 के बाद हेल्थ प्लान क्यों जरूरी?
बढ़ती उम्र के साथ बीमारी के खतरे भी बढ़ते हैं. ऐसे में अगर आपके पास एक सही हेल्थ प्लान हो तो इन खर्चों से निपटना आसान होगा. 60 की आयु के बाद हेल्थ इंश्योरेंस इन हेल्थ से जुड़े खर्चों को कम करने में मदद करता है.
07:56 PM IST