Insurance के साथ वैल्यू एडेड सर्विसेस भी मिलेगी, IRDAI ने कहा- कस्टमर्स को कवर से वंचित नहीं कर सकतीं कंपनियां
Insurance latest news: बीमा नियामक आईआरडीएआई ने कहा है कि जेनेटिक बीमारी का कवर पॉलिसी होल्डर को नहीं देना गलत है, इंश्योरेंस कंपनियों (Insurance Companies) को इसमें ध्यान देने की जरूरत है.
रेगुलेटर का कहना है कि ज्यादा डेटा एनालिसिस कर पॉलिसी होल्डर को इंश्योरेंस से वंचित करना गलत है.
रेगुलेटर का कहना है कि ज्यादा डेटा एनालिसिस कर पॉलिसी होल्डर को इंश्योरेंस से वंचित करना गलत है.
Insurance latest news: आने वाले दिनों में इंश्योरेंस कंपनियां इंश्योरेंस (Insurance) पॉलिसी के साथ वैल्यू ऐडेड सर्विसेस भी शामिल करेंगी. इससे कस्टमर्स यानी इंश्योर्ड व्यक्ति को ज्यादा आसानी होगी. इस बात की जानकारी बीमा नियामक आईआरडीएआई ने दी है. इसमें कहा गया है कि इस सर्विस के ऐड होने से कस्टमर्स का एक्सपीरियंस बेहतर होगा. इसमें कहा गया है कि जेनेटिक बीमारी का कवर पॉलिसी होल्डर को नहीं देना गलत है, इंश्योरेंस कंपनियों (Insurance Companies) को इसमें ध्यान देने की जरूरत है. रेगुलेटर का कहना है कि ज्यादा डेटा एनालिसिस कर पॉलिसी होल्डर को इंश्योरेंस से वंचित करना गलत है.
इंश्योरेंस कवर से वंचित नहीं करें कंपनियां (Insurance Companies and cover)
बीमा नियामक आईआरडीएआई (IRDAI) के चेयरमैन सुभाष चंद्र खुंटिया (Subhash Chandra Khuntia) ने कहा कि अगर किसी को कोई जन्मजात बीमारी है या ऐसी बीमारी जिसके लिए इंश्योरेंस कंपनी पॉलिसी नहीं दे रही है तो कंपनियों को जो बीमारी व्यक्ति के हाथ में नहीं है उसके लिए इंशयोरेंस कवर से वंचित नहीं करना चाहिए.
बीमा नियामक आईआरडीएआई (IRDAI) के चेयरमैन सुभाष चंद्र खुंटिया (ज़ी बिज़नेस)
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खुंटिया ने नेशनल इंश्योरेंस अकादमी के कार्यक्रम में बोलते हुए बताया कि जल्द ही इंश्योरेंस कंपनियां इंश्योरेंस प्रोडक्ट के साथ वैल्यू एैडेड सर्विस भी जोड़ेंगी जिससे पॉलिसी होल्डर्स को बेहतर सर्विस दी जा सके. इंश्योरेंस रेगुलेटर का मानना है कि अब इंश्योरेंस कंपनियों को मरीज का हॉस्पिटल में इलाज करवाने से ज्यादा मरीज को हॉस्पिटल बार-बार नहीं जाना पड़े, उस पर भी ज्यादा ध्यान अपनी सर्विस में देना चाहिए.
इंश्योरेंस में बड़े स्तर पर इनोवेशन (Large scale innovation in insurance)
इंश्योरेंस कंपनियों ने कोविड-19 में हजारों करोड़ के क्लेम सेटल किए हैं. बेहतर टेक्नोलॉजी की मदद से रिस्क को भी कम किया जा रहा है. खबर के मुताबिक, सैंडबॉक्स नियमों से इंश्योरेंस में बड़े स्तर पर इनोवेशन हो रहा है. इसका असर है कि कंपनियों की इनोवेटिव प्रोडक्ट्स में दिलचस्पी बढ़ी है.
खासकर हेल्थ और स्टैंडर्ड प्रोडक्ट में अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. खबर के मुताबिक, स्टैंडर्ड प्रोडक्ट में भी इनोवेशन किए जा सकते हैं. डेटा के जरिए रिस्क का पता लगाया जा सकता हैं. साथ ही डेटा सिक्योरिटी और प्राइवेसी पर इंश्योरेंस कंपनियों को ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है.
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01:26 PM IST