नौकरीपेशा को मिल सकती है बड़ी खुशखबरी, इनकम टैक्स छूट सीमा हो सकती है 5 लाख
वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, इनकम टैक्स छूट सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपए किया जा सकता है. पिछले वित्त वर्ष तक इनकम टैक्स छूट सीमा 2.5 लाख रुपए थी.
बजट में नौकरीपेशा के लिए हो सकता है बड़ा ऐलान. (प्रतीकात्मक)
बजट में नौकरीपेशा के लिए हो सकता है बड़ा ऐलान. (प्रतीकात्मक)
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में सरकार नौकरीपेशा को बड़ी खुशखबरी देने जा रही है. 5 जुलाई को आने वाले बजट में नौकरीपेशा के लिए बड़ा ऐलान होने की संभावना है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इनकम टैक्स छूट का दायरा बढ़ाया जा सकता है. वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, इनकम टैक्स छूट सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपए किया जा सकता है. पिछले वित्त वर्ष तक इनकम टैक्स छूट सीमा 2.5 लाख रुपए थी. चुनाव से पहले पेश किए गए बजट में सरकार ने टैक्सपेयर्स को थोड़ी और राहत देते हुए इनकम टैक्स रिबेट की सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने का ऐलान किया था.
क्या है नया प्लान
सूत्रों के मुताबिक, अब इनकम टैक्स छूट सीमा को सीधे 5 लाख करने की तैयारी है. मतलब यह कि इस बार बजट में इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव किया जा सकता है. हालांकि, पिछले बजट में भी 5 लाख की आय को कर मुक्त किया गया था. लेकिन, वह रिबेट के साथ छूट दी गई थी. अब सीधे 5 लाख तक इनकम टैक्स छूट देने पर विचार चल रहा है. अगर ऐसा हुआ तो टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत मिल सकती है.
क्या मिला था तोहफा
लोकसभा चुनाव से पहले पेश किए गए अंतरिम बजट में 5 लाख रुपए तक की आमदनी वालों को अब कर देने की जरूरत नहीं होगी. ऐसे लोग जिनकी सालाना आय 6.5 लाख रुपए तक है और उन्होंने जीवन बीमा, पांच साल की सावधि जमा तथा अन्य कर बचत वाली योजनाओं में निवेश किया है तो उन्हें भी अपनी पूरी आय पर छूट मिल सकती है.
#BreakingNews | #IncomeTax छूट सीमा ₹5 लाख करने पर विचार: सूत्र#Budget2019 #BudgetWithZee pic.twitter.com/77S2jCsC89
— Zee Business (@ZeeBusiness) June 14, 2019
TRENDING NOW
टैक्स स्लैब में नहीं हुआ था बदलाव
5 लाख तक की टैक्सेबल इनकम को टैक्स फ्री किया गया. हालांकि, टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया. पांच लाख रुपए तक की व्यक्तिगत आय पूरी तरह से कर मुक्त होगी और विभिन्न निवेश उपायों के साथ 6.50 लाख रुपए तक की व्यक्तिगत आय पर कोई कर नहीं देना होगा. व्यक्तिगत कर छूट का दायरा बढ़ने से तीन करोड़ करदाताओं को 18,500 करोड़ रुपए तक का कर लाभ मिलेगा. वेतनभोगियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40,000 से बढ़ाकर 50,000 रुपए किया गया.
बैंकों और डाकघर की बचत योजनाओं पर मिलने वाले सालाना 40,000 रुपए तक के ब्याज के स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) से छूट देने की भी घोषणा की गई थी. पिछले वित्त वर्ष में यह छूट 10,000 रुपए तक के ब्याज पर मिलती थी. एक मकान में निवेश से होने वाले पूंजीगत कर लाभ को आगे बढ़ाते हुए सरकार ने इसे दो आवासीय इकाइयों में किए गए निवेश तक बढ़ाया था. यह सुविधा दो करोड़ रुपए तक के पूंजीगत लाभ वाले करदाता को मिलेगी. हालांकि, इसका लाभ जीवनकाल में सिर्फ एक बार लिया जा सकेगा.
01:33 PM IST