House Rent: मकान मालिक की नहीं चलेगी मनमानी, यूपी सरकार ने उठाया ये कदम
सुप्रीम कोर्ट (SC) के निर्देश पर यूपी सरकार ने मॉडल टेनेंसी एक्ट के आधार पर नया अध्यादेश तैयार किया है. इसे शुक्रवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिए मंजूरी दी गई.
यूपी सरकार के अध्यादेश के अनुसार मकान मालिक सालाना 5 से 7 फीसदी तक ही किराया बढ़ा सकेंगे. (फाइल फोटो )
यूपी सरकार के अध्यादेश के अनुसार मकान मालिक सालाना 5 से 7 फीसदी तक ही किराया बढ़ा सकेंगे. (फाइल फोटो )
अगर आप यूपी में किराए के मकान में रहते हैं तो अब मकान मालिक की मनमानी से आपको राहत मिलने वाली है. मकान मालिक अब घर या कमर्शियल जगहों का रेंट मनमर्जी से नहीं बढ़ा सकेंगे. दरअसल प्रदेश में किराएदार और मकान मालिकों के बीच विवादों को कम करने के लिए सरकार ने नया अध्यादेश लेकर आई है. जिसके तहत अब मकान मालिक किराए में मनमानी बढ़ोतरी नहीं कर सकेंगे. साथ ही यूपी में अब बिना कॉन्ट्रैक्ट के किराए का मकान भी नहीं मिल सकेगा.
अध्यादेश को मंजूरी (Ordinance approved)
योगी सरकार (Yogi Government) ने शुक्रवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिए उत्तर प्रदेश नगरीय किरायेदारी विनियमन अध्यादेश-2021 को मंजूरी दी है. इसके तहत सालाना 5 से 7 फीसदी तक ही किराया बढ़ाया जा सकेगा. अध्यादेश के contract के आधार पर ही किराए पर मकान दिया जाएगा. वहीं इससे जुड़े विवादों का निपटारा रेंट अथॉरिटी एवं रेंट ट्रिब्युनल करेंगे. ट्रिब्युनल को 60 दिन के अंदर मामले का निस्तारण करना होगा.
अध्यादेश में प्रमुख व्यवस्था (Major system in ordinance)
- आवासीय भवन पर 5 फीसदी और गैर आवासीय पर 7 फीसदी सालान किराया बढ़ाया जा सकता है
- किराएदार को भी जगह की देखभाल करनी होगी
TRENDING NOW
- दो महीने तक किराया न मिलने पर मकान मालिक किराएदार को हटा सकेंगे
- मकान मालिक की सहमति के बिन किराएदार कोई तोड़फोड़ मकान में नहीं करा सकेगा
- पहले से रह रहे किराएदारों के साथ अनुबंध के लिए 3 महीने का समय दिया गया है
- विवाद पर रेंट ट्रिब्युनल संशोधित किराया और किराएदार द्वारा देनेवाला अन्य शुल्क का निर्धारित कर सकेंगे
- सिक्योरिटी डिपॉजिट के नाम पर मकान मालिक दो महीने से ज्यादा का एडवांस नही ले सकेंगे
- गैर आवासीय परिसरों के लिए 6 महीने का एडवांस लिया जा सकेगा
- समय पर देना होगा किराया
- मकान मालिक को किराए की रसीद देनी होगी
- किराएदारी अनुबंध पत्र की मूल प्रति का एक-एक सेट दोनों के पास रहेगा
- Contract term में मकान मालिक किराएदार को नहीं कर सकता बेदखल
- मकान मालिक को जरूरी सेवाएं देनी होंगीं
इन पर लागू नहीं होगा नियम (These rules will not apply)
केंद्र सरकार, राज्य सरकार या केंद्र शासित प्रदेश के उपक्रम, कंपनी, विश्वविद्यालय या कोई संगठन, सेवा अनुबंध के रूप में अपने कर्मचारियों को मकान देना, धार्मिक संस्थान, लोक न्याय अधिनियम के तहत रजिस्टर्ड ट्रस्ट, वक्फ संपत्ति. दरअसल किराएदारों और मकान मालिक के बीच सैकड़ों मुकदमे अदालतों में लंबित हैं. जिसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर यूपी सरकार ने मॉडल टेनेंसी एक्ट के आधार पर नया अध्यादेश तैयार किया है.
Zee Business App: पाएं बिजनेस, शेयर बाजार, पर्सनल फाइनेंस, इकोनॉमी और ट्रेडिंग न्यूज, देश-दुनिया की खबरें, देखें लाइव न्यूज़. अभी डाउनलोड करें ज़ी बिजनेस ऐप.
ज़ी बिज़नेस LIVE TV यहां देखें
04:11 PM IST