EPFO: पुरानी कंपनी का EPF नहीं किया ट्रांसफर तो बंद हो सकता है EPFO अकाउंट, फंसा जाएगा पूरा पैसा... जानिए क्यों?
EPFO Rules: आपकी पुरानी कंपनी अगर बंद हो गई है और आपने पैसा नई कंपनी के अकाउंट में ट्रांसफर नहीं कराया या फिर 36 महीनों तक कोई ट्रांजेक्शन नहीं हुआ तो 3 साल बाद ये खाता खुद बंद हो जाएगा.
EPFO Rules: एम्पलॉइज़ प्रोविडेंट फंड (EPF) को लेकर अक्सर लोगों के मन में कई सवाल होते हैं. जैसे वो अपना पैसा कब निकाल सकते हैं. पैसा निकालने के क्या नुकसान और फायदा है. EPF अकाउंट को ट्रांसफर कैसे करें. लेकिन, क्या आपको पता है कि आपका PF खाता अपने आप भी बंद हो सकता है. ऐसा होने पर पीएफ का पैसा निकालना भी काफी मुश्किल है. आइये समझते हैं क्यों होता है ऐसा...
कब बंद होता है EPF खाता?
आपकी पुरानी कंपनी अगर बंद हो गई है और आपने पैसा नई कंपनी के अकाउंट में ट्रांसफर नहीं कराया या फिर 36 महीनों तक कोई ट्रांजेक्शन नहीं हुआ तो 3 साल बाद ये खाता खुद बंद हो जाएगा और EPF के निष्क्रिय खातों (Inactive account) से जुड़ जाएगा. अकाउंट से पैसा निकालने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है. बैंक की मदद से KYC के जरिए आप पैसा निकाल सकते हैं. हालांकि, आपके निष्क्रिय खाते पर भी ब्याज मिलता रहता है. वहीं, अगर 7 साल तक अकाउंट इनएक्टिव रहता है तो जमा पैसे को सीनियर सिटीजन वेलफेयर फंड में डाल दिया जाता है.
क्या है EPFO का नियम?
EPFO ने कुछ समय पहले अपने एक सर्कुलर में कहा था निष्क्रिय खातों से जुड़े क्लेम को निपटाने के लिए सावधानी रखना जरूरी है. इस बात का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए कि धोखाधड़ी से संबंधित जोखिम कम हो और सही दावेदारों को क्लेम का भुगतान हो.
क्या होता है निष्क्रिय खाता?
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जिन प्रॉविडेंट फंड खातों में 36 महीने से ज्यादा वक्त से अंशदान की राशि जमा नहीं होती, उन्हें EPFO निष्क्रिय खातों की श्रेणी में डाल देता है. हालांकि, निष्क्रिय खातों पर भी ब्याज मिलता है.
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कौन करेगा सर्टिफाइड?
निष्क्रिय पीएफ खातों (Inactive EPF account) से संबंधित क्लेम को निपटाने के लिए जरूरी है कि उस क्लेम को कर्मचारी के नियोक्ता सर्टिफाइड करे. हालांकि, जिन कर्मचारियों की कंपनी बंद हो चुकी है और क्लेम सर्टिफाइड करने के लिए कोई नहीं है तो ऐसे क्लेम को बैंक केवाईसी दस्तावेजों के आधार पर सर्टिफाई करेंगे.
कौन से डॉक्युमेंट्स होंगे जरूरी?
KYC के लिए पैन कार्ड (Pan Card), वोटर आइडेंटिटी कार्ड (Voter ID), पासपोर्ट (Passport), राशन कार्ड (Ration Card), ESI आइडेंटिटी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस (Driving license) शामिल हैं. इसके अलावा सरकार की तरफ से जारी किए गए किसी दूसरी पहचान पत्र जैसे आधार का इस्तेमाल भी इसके लिए किया जा सकता है. इसके बाद असिस्टेंट प्रॉविडेंट फंड कमिश्नर या दूसरे अधिकारी राशि के हिसाब से खातों से विदड्रॉल या खाता ट्रांसफर की मंजूरी दे सकेंगे.
किसकी मंजूरी से मिलेगा पैसा?
50 हजार रुपए से ज्यादा राशि होने पर पैसा असिस्टेंट प्रोविडेंट फंड कमिश्नर की मंजूरी के बाद निकलेगा या ट्रांसफर होगा. इसी तरह 25 हजार रुपए से ज्यादा और 50 हजार रुपए से कम राशि होने पर फंड ट्रांसफर या विदड्रॉल की मंजूरी अकाउंट ऑफिसर दे सकेंगे. अगर राशि 25 हजार रुपए से कम है, तो इस पर डीलिंग असिस्टेंट मंजूरी दे सकेंगे.
12:33 PM IST