Bank FD: मैच्योरिटी में 1 दिन के अंतर से हो जाएगा बड़ा नुकसान, समझें कैलकुलेशन
Bank FD key points: अगर बैंक किसी कंडीशन में डिफाल्ट कर जाए तो निवेशकों की सिर्फ 5 लाख तक डिपॉजिट ही सेफ रहता है.
(Image: Representational)
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Bank FDs key facts: बैंकों की फिक्स्ड डिपॉजिट (Bank FDs) आमतौर पर सेफ और फिक्स्ड रिटर्न का बेस्ट ऑप्शन है. बैंक एफडी की सबसे अच्छी बात यह है कि निवेशक को डिपॉजिट के समय ही यह मालूम रहता है कि उसे टेन्योर के हिसाब से कितना रिटर्न मिलेगा. यानी, निवेशक को अगर किसी निश्चित टाइम फ्रेम में फिक्स फंड चाहिए, तो बैंक एफडी इस जरूरत को आसानी से पूरा करती है. इसमें बाजार के उतार-चढ़ाव का कोई खतरा नहीं रहता. बैंक FD कराते समय में अक्सर हम मैच्योरिटी पीरियड पर ध्यान नहीं देते हैं, जबकि 1 दिन का अंतर भी आपको नुकसान करा सकता है. जैसेकि, अगर किसी बैंक में 2 साल से कम और 2 साल या उससे ज्यादा का एफडी टेन्योर है, तो महज एक दिन के कम या ज्यादा होने से ब्याज दरों में अंतर आ जाता है. इसलिए, FD कराते समय इसे ध्यान रखना चाहिए.
1 दिन के अंतर से कितना नफा-नुकसान
आमतौर पर लोग FD राउंड फिगर कहलाने वाली अवधि जैसे 6 माह, 1 साल, 2 साल के हिसाब से कराते हैं. कुछ बैंकों में इस राउंड फिगर अवधि के लिए, इससे 1 या थोड़े ज्यादा दिन या कम दिनों के लिए FD पर ब्याज दर अलग-अलग होती है. इसलिए FD खुलवाने से पहले FD अवधि और उस पर ब्याज का पता जरूर कर लें. हो सकता है कि राउंड फिगर अवधि के बजाय थोड़े दिन कम या ज्यादा पर कुछ एक्स्ट्रा ब्याज मिल जाए.
जैसेकि, SBI में 211 दिन से लेकर 1 साल से कम की एफडी पर 4.40 फीसदी सालाना ब्याज मिल रहा है. यही, अगर एफडी की मियाद 1 साल से लेकर 2 साल से कम की रखी जाए, तो ब्याज दर 5.0 फीसदी मिलेगा. यानी, महज 1 दिन के अंतर से ब्याज दर में 0.60 फीसदी का अंतर आ गया.
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इसी तरह, अगर आपने शॉर्ट टर्म यानी 7-45 दिन की एफडी एसबीआई में कराते हैं, तो ब्याज दर 2.90 फीसदी है. लेकिन जैसे आप टेन्योर 46 दिन का करते हैं, ब्याज दर सीधे 1 फीसदी ज्यादा यानी 3.90 फीसदी हो जाती है. इसलिए, हमेशा एफडी कराते समय में 1 दिन के अंतर पर ध्यान रखना चाहिए.
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Bank FD में डिपॉजिट कितना सेफ
आमतौर पर लोग बैंक एफडी को पूरी तरह सुरक्षित मानते हैं और अपनी बड़ी रकम उसमें निवेश करते हैं. वैसे तो एफडी में रकम सुरक्षित ही होती है, लेकिन अगर बैंक किसी कंडीशन में डिफाल्ट कर जाए तो निवेशकों की सिर्फ 5 लाख तक डिपॉजिट ही सेफ रहता है. फाइनेंस कंपनियों पर भी यही नियम लागू है. डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC) बैंक डिपॉजिट पर सिर्फ 5,00,000 रुपये तक का ही इंश्योरेंस गारंटी देता है.
02:54 PM IST