यूक्रेन पर हमले का इंश्योरेंस इंडस्ट्री पर भी पड़ा असर, शुरू हुआ री-इंश्योरेंस प्रीमियम में बढ़ोतरी का सिलसिला
Effects of Russia-Ukraine War: री-इंश्योरेंस कंपनियों ने भारत की जनरल इंश्योरेंस कंपनियों को इसके लिए तैयार रहने के लिए कहा है. इंश्योरेंस कंपनियों को कहा गया है कि आने वाले दिनों में ज्यादा प्रीमियम के साथ सख्त नियम और शर्तों लागू हो सकती हैं.
री-इंश्योरेंस प्रीमियम बढ़ने पर जनरल इंश्योरेंस के प्रीमियम में भी बढ़ोतरी होती है.
री-इंश्योरेंस प्रीमियम बढ़ने पर जनरल इंश्योरेंस के प्रीमियम में भी बढ़ोतरी होती है.
Effects of Russia-Ukraine War: यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद दुनिया भर की इंश्योरेंस इंडस्ट्री पर भी असर दिखना शुरू हो गया है. युद्ध शुरू होने के बाद री-इंश्योरेंस प्रीमियम में बढ़ोतरी का सिलसिला शुरू हो चुका है. आनेवाले समय में इसका असर आपकी जेब पर भी पड़ सकता है. री-इंश्योरेंस कंपनियों ने भारत की जनरल इंश्योरेंस कंपनियों को इसके लिए तैयार रहने के लिए कहा है. इंश्योरेंस कंपनियों को कहा गया है कि आने वाले दिनों में ज्यादा प्रीमियम के साथ सख्त नियम और शर्तों लागू हो सकती हैं.
यूक्रेन-रूस जंग से मरीन और एविएशन सेक्टर के प्रीमियम पर ज्यादा असर होता हुआ दिख रहा है. सूत्रों के मुताबिक मरीन इंश्योरेंस में 0.05% तक की दरें बढ़ चुकी हैं. आगे इसमें और ज्यादा बढ़ोतरी हो सकती है.
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मरीन इंश्योरेंस को लेकर कंपनियां अलर्ट
यूक्रेन-रूस तनाव के बाद नो फ्लाइंग जोन और वॉर जोन की वजह से एविएशन सेक्टर पर दबाव है. यूक्रेन की समुद्री सीमा के पास जापान के शिप पर मिसाइल से हमला हुआ और शिप को काफी नुकसान हुआ है. इसके बाद से ही मरीन इंश्योरेंस को लेकर कंपनियां सतर्क हो गई हैं.
जनरल इंश्योरेंस पर भी दिखेगा असर
कई विदेशी री-इंश्योरेंस कंपनियों ने शर्तों के मुताबिक अपने मौजूदा कॉन्ट्रैक्ट्स रद्द कर दिए हैं. लेकिन भारतीय GIC RE (General Insurance Corporation of India) ने अभी तक कॉन्ट्रैक्ट रद्द नहीं किए हैं. लेकिन मरीन और एविएशन के प्रीमियम में युद्ध की वजह से बढ़ोतरी जारी रहेगी. जिसका असर जनरल इंश्योरेंस कंपनियों पर भी पड़ेगा.
GIC Re की रूस में GIC पेरेस्ट्राखोवानी में 100% सब्सिडियरी भी मौजूद है. अधिकांश रूसी व्यवसाय मास्को में इसकी सब्सिडियरी कंपनी द्वारा लिखे गए हैं. रूसी सरकार ने पहले ही अपने राष्ट्रीय री-इंश्योरेंस कंपनी को इसके लिए निर्देश दे दिए थे. अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के मद्देनजर स्थानीय व्यापार को री-इंश्योरेंस सपोर्ट प्रदान करने के लिए कहा था.
दरअसल इंश्योरेंस कंपनियां अपनी रिस्क को कम करने के लिए अपने पोर्टफोलियों को रीइंश्योर्ड करवाती हैं. इसलिए री-इंश्योरेंस प्रीमियम बढ़ने पर सामान्य इंश्योरेंस के प्रीमियम में भी बढ़ोतरी होती है.
07:37 PM IST