Weather today ; आज से कम होगी सूरज की तपिश, इन इलाकों के लिए IMD लाया राहत की खबर
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में आज से चिलचिलाती गर्मी से राहत मिलने जा रही है. पिछले 1 हफ्ते से पूरे उत्तर भारत में लू के थपेड़ों से लोग परेशान हैं. उत्तर प्रदेश के कई जिलों में पारा 45 के पार चला गया है.
50-60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं. (Reuters)
50-60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं. (Reuters)
REPORT - संदीप गुसाईं
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में आज से चिलचिलाती गर्मी से राहत मिलने जा रही है. पिछले 1 हफ्ते से पूरे उत्तर भारत में लू के थपेड़ों से लोग परेशान हैं. उत्तर प्रदेश के कई जिलों में पारा 45 के पार चला गया है. बुधवार को बांदा, झांसी और प्रयागराज में पारा 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था. हालांकि लखनऊ में बुधवार को थोड़ी राहत रही. अब एक बार फिर से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया है. मौसम विभाग (IMD) का अनुमान है कि उत्तर प्रदेश में धूल भरी आंधी के साथ कुछ इलाकों में बारिश हो सकती है.
IMD ने कहा कि 29 मई के बाद हीटवेव (Heatwave) से राहत मिलने की उम्मीद है. हीटवेव उत्तर पश्चिमी भारत, मध्य भारत और पूर्वी भारत के आंतरिक भागों से लगे मैदानी इलाकों में चलने वाली सूखी उत्तर-पूर्वी हवाओं के कारण है.
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क्षेत्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख डॉ. कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि 29 और 30 को धूल भरी आंधी चल सकती है और गरज के साथ बारिश हो सकती है. 50-60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं.
राजस्थान के चुरू में बुधवार को मौसम का उच्चतम तापमान 49.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. इसके अलावा, पश्चिमी राजस्थान के गंगानगर में 48.9 और बीकानेर में 48 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया, जबकि पूर्वी राजस्थान के कोटा में 47.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. राष्ट्रीय राजधानी में भी तापमान 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है.
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IMD ने कहा कि दिल्ली के सफदरजंग और पालम क्षेत्रों में कल की तुलना में अधिकतम तापमान क्रमश: माइनस 0.1 और माइनस 0.4 डिग्री सेल्सियस की मामूली गिरावट के साथ 45.9 और 47.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. 29 मई के बाद तापमान में गिरावट की उम्मीद है.
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— Zee Business (@ZeeBusiness) April 15, 2020
उधर, पश्मिची विक्षोभ के कारण बारबार मौसमी बदलाव और कोरोना महामारी (Corona mahamari) के प्रकोप के चलते फसल की कटाई और उसके बाद के हालात की चिंताओं के बावजूद भारत इस साल गेहूं के उत्पादन में नया कीर्तिमान स्थापित करने जा रहा है. कृषि वैज्ञानिक इसे देश में कृषि प्रौद्योगिकी के सतत विकास का सकारात्मक नतीजा मानते हैं.
12:10 PM IST