तय समय से एक दिन पहले ही समाप्त हुआ संसद का शीतकालीन सत्र, जानिए किन मुद्दों पर जमकर हुआ हंगामा
Parliament Winter Session: संसद का शीतकालीन सत्र अपने तय समय से एक दिन पहले बुधवार को समाप्त हो गया. दोनों सदनों को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया है.
23 दिसंबर को समाप्त होने वाला था संसद का शीतकालीन सत्र. (Source: PTI)
23 दिसंबर को समाप्त होने वाला था संसद का शीतकालीन सत्र. (Source: PTI)
Parliament Winter Session: संसद का शीतकालीन सत्र अपने तय समय से एक दिन पहले बुधवार को समाप्त हो गया. दोनों सदनों राज्य सभा और लोक सभा को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया. इस शीतकालीन सत्र में महंगाई और लखीमपुर हिंसा जैसे मुद्दों पर विपक्ष ने सरकार का काफी विरोध किया.
संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर को शुरू हुआ था, जो गुरुवार 23 दिसंबर को समाप्त होने वाला था.
लोकसभा से पास हुए बिल
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा से 9 विधेयकों को पारित किया गया, जिसमें कृषि कानून निरसन विधेयक (Farm Laws Repeal Bill), चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक और प्रवर्तन निदेशालय (ED) और CBI के निदेशकों का कार्यकाल पांच साल तय करने और अनुदान की अनुपूरक मांगों को शामिल किया गया था.
कितना प्रोडक्टिव रहा सत्र
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संसद के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी आदि शामिल थे. सदन के अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद राजनीतिक दलों के नेताओं ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से उनके कक्ष में मुलाकात की. शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा की 18 बैठकें हुईं, जो 83 घंटे और 12 मिनट तक चलीं.
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इन मुद्दों पर हुई बहस
शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में कोरोना वायरस पर 12 घंटे 26 मिनट बहस हुई जिसमें 99 सदस्यों ने हिस्सा लिया. वहीं जलवायु परिवर्तन पर 6 घंटे और 26 मिनट तक बहस हुई. इस मुद्दे पर सदन में 61 सदस्यों ने बहस किया, हालांकि यह बहस अनिर्णायक रही.
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदन में व्यवधान के कारण 18 घंटे 48 मिनट का नुकसान हुआ, लेकिन 2 दिसंबर को जब महामारी के मुद्दे पर चर्चा हुई तो उत्पादकता बढ़कर 204 प्रतिशत हो गई. बिरला ने बताया कि इस सत्र में लोकसभा की कुल उत्पादकता 82 प्रतिशत थी."
सरकार ने सत्र के दौरान 12 विधेयक पेश किए, जिसमें बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक (Prohibition of Child Marriage (Amendment) Bill) भी शामिल है, जिसमें लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने का प्रावधान है.
राज्यसभा में हंगामे से प्रभावित हुआ काम
संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर राज्यसभा चेयरमैन एम वेंकैया नायडू ने अफसोस जताया कि बार-बार हो रहे व्यवधान के कारण उच्च सदन ने अपनी क्षमता से बहुत कम काम किया. उन्होंने कहा कि उन्हें सदस्यों को यह बताते हुए खुशी नहीं हो रही है कि सदन ने अपने क्षमता से बहुत कम काम किया है.
सभापति नायडू ने कही ये बात
सभापति ने जोर देकर कहा कि सदन में नियमों और प्रक्रियाओं का पालन किया जाना चाहिए और सदस्यों को सदन में शालीनता और मर्यादा बनाए रखनी चाहिए. उन्होंने राज्य सभा के सदस्यों से इस बात का एहसास करने को कहा कि जो हुआ है वह गलत है और सभी को देश के हित में काम करना चाहिए.
इन मुद्दों पर हुआ हंगामा
इस सत्र में विपक्ष ने उत्तर प्रदेश में 3 अक्टूबर को हुए लखीमपुर खीरी हिंसा और किसानों के मुद्दों के संबंध में विशेष जांच दल की रिपोर्ट का विरोध किया. घंटों के व्यवधान और बहस के बावजूद भी इस सत्र में चुनावी सुधा और सरोगेसी जैसे कई प्रमुख विधेयकों को राज्य सभा से पारित किया गया.
03:31 PM IST