वो साड़ी पहन के हवाई जहाज उड़ाती थीं.. जानें कौन हैं सरला ठकराल जिनकी जयंती गूगल मना रहा है
भारत की पहली महिला जिसने 21 साल की उमर में उड़ाया था हवाई जहाज
क्या महिला पायलट साड़ी पहन के किसी हवाई जहाज को उड़ा सकती है? आपका एका एक जवाब 'नहीं' में आ सकता है. लेकिन आपको जानकर ये अचरज होगा कि अंग्रेजों के जमाने में आज से 85 साल पहले सरला इस मिथक को तोड़ चुकी थीं. सरला ठकराल भारत की पहली महिला हैं जिन्हें एयरक्राफ्ट उड़ाने का रुतबा हासिल है. आज उनकी जयंती पर गूगल ने उनका डूडल शेयर कर उन्हें याद किया है.
1 हजार घंटे का फ्लाइंग अनुभव
1936 में सरला ठकराल ने एविएशन पायलट का लाइसेंस हासिल कर लिया था. तब वो महज़ 21 साल की थीं. उन्होंने 'मॉथ एयरक्राफ्ट' सोलो यानी अकेले उड़ाया था. तब उन्हें चार साल की एक बेटी थी. लाहौर फ्लाइंग क्लब के एयरक्राफ्ट में उन्होंने इस शुरुआती लाइसेंस के दम पर 1000 घंटे का फ्लाइंग अनुभव कमाया था.
परिवार में थे 9 पायलट
उमर के 16वें साल में ब्याही जानेवाली सरला ऐसे परिवार से आती थीं जहां पहले से परिवार के 9 सदस्य पायलट थे. ये सभी सरला को प्रोत्साहित करते थे. यही नहीं उनके पति पी.डी. शर्मा देश के पहले एयरमेल पायलट थे जो कराची से लाहौर उड़ानें भरते थे.
दिल्ली में बसीं और सफल बिजनेस विमन बनीॆ
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उनके पति का देहांत 1939 में प्लेन क्रैश में हो गया और सरला ने कमर्शियल पायलेट के लाइसेंस के लिए अर्जी लगाई थी. लेकिन द्वितीय विश्व युद्ध के चलते उन्हें ये लाइसेंस न मिल सका. लेकिन परिवार के पालन पोषण के लिए उन्हें कमर्शियल पायलट बनने के अपने सपने को त्यागना पड़ा और लाहौर आकर बसना पड़ा. यहां उन्होंने मेयो स्कूल ऑफ आर्ट में बंगाली स्कूल ऑफ पेंटिंग का अध्ययन किया और फाइन आर्ट में डिप्लोमा लिया. भारत पाकिस्तान के बंटवारे के दौरान वो अपनी दो बेटियों के साथ दिल्ली आ कर बस गईं जहां उन्होंने आरपी ठकराल के साथ दोबारा शादी कर घर बसाया. सरला कालांतर में एक सफल बिजनेस विमन के तौर पर प्रतिष्ठित हुईं. उन्होंने ज्वेलरीऔर कपड़ों के डिजाइनिंग से जुड़े व्यापार क्षेत्र में नाम कमाया. 2008 में उनका निधन हुआ.
09:40 PM IST