Editor's Take: देश में बिजली का संकट कितना गहरा, कैसे दूरी होगी कमी? जानिए अनिल सिंघवी की राय
Power crisis: सरकार का कहना है कि बढ़ी हुई मांग को देखते हुए सप्लाई बढ़ाने के लिए काम किया जा रहा है.
सरकार का कहना है कि बिजली सप्लाई बाधित नहीं होगी.
सरकार का कहना है कि बिजली सप्लाई बाधित नहीं होगी.
Editor's Take on Power crisis: देश में कोयले की कमी और बिजली संकट गहराने की आशंका से पैनिक की स्थिति देखी जा रही है. हालांकि, केंद्र सरकार की तरफ से यह साफ कहा जा चुका है कि बिजली सप्लाई बाधित नहीं होगी. सरकार का कहना है कि बढ़ी हुई मांग को देखते हुए सप्लाई बढ़ाने के लिए काम किया जा रहा है. इस बीच सवाल यह है कि ये बिजली संकट कितना गहरा है? बिजली की कमी कैसे होगी दूर? बिजली बचाने में आप कैसे दें योगदान? इन तमाम मामलों पर जवाब जी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने अपनी राय रखी.
कुछ समस्या, कुछ बढ़ा-चढ़ा कर बातें
देश में एनर्जी संकट की आशंका पर अनिल सिंघवी का कहना है, ''कुछ समस्या है, कुछ बढ़ा-चढ़ा कर बताया जा रहा है. जैसेकि मैं कहूं कि 3 दिन बाद पेट्रोल पंप पर पेट्रोल कम होने लगेगा, तो पहले मैं अपना टैंक फुल करा लूंगा. यह मानसिकता होती है. स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड भी उससे अलग नहीं है. अगर आपको लग रहा है पावर शॉर्टेज हो सकती है, तो मैं अपना पावर पहले ले हूं.''
सिंघवी का कहना है, पावर शॉर्टेज तो है दुनियाभर में, यहां भी थोड़ी दिक्कत है और इसमें कोई डाउट नहीं है. कोयल की थोड़ी बहुत कमी है, इसमें भी कोई संदेह नहीं है. कोयले का प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए कोल इंडिया और बाकी कोल प्रोड्यूसर प्रयास कर रहे हैं. इसका एक लिमिटेड इम्पैक्ट मार्केट पर हो सकता है. कुछ स्टॉक पर असर हो सकता है, जिन कंपनियों जहां प्रोडक्शन कट होगा. वहीं, कुछ स्टॉक चाहे कोल इंडिया, नेवयेली इंडिया शेयर बढ़ भी सकते हैं. ये तो एक बात है. लेकिन हमें इससे अलग अभी देखना है.
बिजली का संकट कितना गहरा?
— Zee Business (@ZeeBusiness) October 11, 2021
बिजली की कमी कैसे होगी दूर?
बिजली बचाने में आप कैसे दें योगदान?
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थोड़े से प्रयास से 20% बचा सकते हैं बिजली
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अनिल सिंघवी का कहना है, प्लीज पावर सेव करने की कोशिश करें. जबतक जरूरी न हो लाइट्स, एसी या अन्य इलेक्ट्रिक इक्विपमेंट का इस्तेमाल कम से कम करें. बिना वजह इस्तेमाल न करें. थोड़ा-सा हम प्रयास करें तो 20 फीसदी पावर सेव कर सकते हैं. यह किसी इंडस्ट्री या किसी गांव के काम आ सकता है. आपको यह करना चाहिए. जहां आप पावर सेविंग कर सकते हैं करिये. देश के लिए करना चाहिए.
महानगर वालों की खास जिम्मेदारी
सिंघवी का कहना है कि इससे पहले की पावर संकट आए हमें ज्यादा जिम्मेदार होना चाहिए. खासकर महानगरों में. महानगरों में जहां पावर कट नहीं होता है, वहां के लोगों को इसकी आदत नहीं है. इसलिए उनको यह नहीं सोचना चाहिए कि पावर संकट में हमारा कुछ नहीं होगा. बिजली जाएगी तो हमारी नहीं जाएगी. लेकिन ऐसा नहीं है. महानगरों में रहने वाले लोगों कि हमारी जिम्मेदारी ज्यादा है. हम पावर बचाएं. यह आपकी और हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है.
03:03 PM IST