रुपया जमीन और पेट्रोल आसमान पर...आम आदमी पर भी महंगाई की चौतरफा मार
बाजार से ग्राहक नदारद हैं. दुकानदार अपनी दुकानें सजा कर इसी इंतजार में बैठे हैं कि शायद इस बार उनकी दिवाली मन जाए.
फेस्टिव सीजन शुरू हो गया है. बाजार आकर्षक ऑफरों से भरा पड़ा है. कंपनियां नितनए ऑफर और डिस्काउंट देकर लोगों को लुभाने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन फिर भी बाजार से ग्राहक नदारद हैं. दुकानदार अपनी दुकानें सजा कर इसी इंतजार में बैठे हैं कि शायद इस बार उनकी दिवाली मन जाए. लेकिन मंहगाई की चौतरफा मार से आम आदमी हलकान है. वह चाह कर भी बाजार का रुख नहीं कर पा रहा है.
इंटरनेशनल हालात लगातार भारत के बाजार पर चोट कर रहे हैं. डॉलर के मुकाबले रुपये का स्तर लगातार गिर रहा है, तो पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं. अब तो सरकार ने भी मान लिया कि महंगाई का ग्राफ बढ़ा है. खुदरा और थोक महंगाई इंडेक्स ने छलांग लगाई है और जरूरत की चीजें भी आम आदमी की पहुंच से दूर हो रही हैं.
गोते लगाता रुपया
पिछले काफी समय से डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार कमजोर हो रहा है. अगर सोमवार की बात करें तो रुपये 73.83 के स्तर पर पहुंच गया. पिछले हफ्ते तो यह 74 के आंकड़े को भी पार कर गया था. रुपये के गिरने से आयात-निर्यात पर असर पड़ रहा है और विदेश से इंपोर्ट की जा रही चीजें लगातार महंगी हो रही हैं.
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निर्यात 2.15 प्रतिशत घटा
रुपये के कमजोर होने के कारण देश का निर्यात सितंबर में पांच माह बाद फिर नकारात्मक दायरे में आ गया. सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार सितंबर में निर्यात में सालाना आधार पर 2.15 प्रतिशत की गिरावट आई. हालांकि, समीक्षाधीन माह में आयात 10.45 प्रतिशत बढ़ गया. चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-सितंबर की अवधि में आयात 16.16 प्रतिशत बढ़ा है.
सितंबर में व्यापार घाटा 13.98 अरब डॉलर रहा. आयात और निर्यात का अंतर व्यापार घाटा कहलाता है. चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में व्यापार घाटा 94.32 अरब डॉलर रहा है. अप्रैल से निर्यात लगातार बढ़ रहा था। मार्च में यह 0.66 प्रतिशत घटा था.
आसमान छूता तेल
रुपये के अलावा भारतीय अर्थव्यवस्था पर पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमतें भी असर डाल रही हैं. अंतराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतें बढ़ने से भारत में भी पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. दिल्ली समेत कोलकाता और चेन्नई में सोमवार को डीजल का दाम रिकॉर्ड उच्च स्तर पर चला गया. दिल्ली में डीजल 75.46 रुपये लीटर, कोलकाता में 77.31 रुपये लीटर और चेन्नई में 79.80 रुपये प्रति लीटर हो गया है, जबकि मुंबई में 79.11 रुपये प्रति लीटर है.
पेट्रोल सोमवार को दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में क्रमश: 82.72 रुपये, 84.54 रुपये, 88.18 रुपये और 85.99 रुपये प्रति लीटर था। पेट्रोल के दाम में कोई वृद्धि नहीं दर्ज की गई. तेल के दामों में इजाफे से माल की ढुलाई महंगी हो गई है, जिसका सीधा असर उपभोक्ता की जेब पर पड़ रहा है.
थोक महंगाई दर बढ़ी
रुपये के गिरते स्तर और पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों का सीधा असर महंगाई पर पड़ रहा है. सरकार द्वारा जारी आंकड़े बताते हैं कि देश में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मंहगाई दर सितंबर में बढ़कर 5.13 फीसदी हो गई. सोमवार को जारी आकड़ों के अनुसार, अगस्त में थोक मंहगाई दर 4.53 फीसदी थी. सालाना आधार पर थोक महंगाई दर सितंबर 2017 में 3.14 फीसदी थी.
मासिक डब्ल्यूपीआई पर आधारित सितंबर माह की मंहगाई दर 5.13 फीसदी (तत्कालिक) रही जो अगस्त में 4.53 फीसदी थी जबकि सितंबर 2017 में यह दर 3.14 फीसदी रही.
जेब पर असर
पेट्रोल-डीजल हो सकता है और महंगा : डॉलर के मुकाबले रुपए के गिरते स्तर का असर क्रूड के इंपोर्ट पर पड़ रहा है. इंपोर्ट्स को तेल की ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है. इसकी वजह से तेल कंपनियां रोजाना होने वाली पेट्रोल-डीजल की कीमतों में हो रहा है. भारत अपनी जरूरत का 80 फीसदी से ज्यादा क्रूड आयात करता है. ऐसे में डॉलर की कीमतें बढ़ने से इनके इंपोर्ट के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है.
बढ़ी महंगाई : देश में खाने-पीने की चीजों और दूसरे जरूरी सामानों के ट्रांसपोर्टेशन के लिए डीजल का इस्तेमाल होता है. ऐसे में डीजल महंगा होते ही इन सारी जरूरी चीजों के दाम बढ़ रहे हैं. खाद्य तेल भी महंगा हो रहा है. इसके अलवा साबुन, शैंपू, पेंट इंडस्ट्री की लागत बढ़ेगी, जिससे इन प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ने की संभावना है.
किसे होगा सबसे ज्यादा फायदा : रुपए के मुकाबले डॉलर के मजबूत होने का सबसे ज्यादा फायदा आईटी, फॉर्मा के साथ ऑटोमोबाइल सेक्टर को हो रहा है. इन सेक्टर से जुड़ी कंपनियों की ज्यादा कमाई एक्सपोर्ट बेस है. ऐसे में डॉलर की मजबूती से टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो जैसी आईटी कंपनियों के साथ यूएस मार्केट में कारोबार करने वाली फार्मा कंपनियों को हो रहा है. इसके अलावा ओएनजीसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज, ऑयल इंडिया लिमिटेड जैसे गैस प्रोड्यूसर्स को डॉलर में तेजी का फायदा मिल रहा है, क्योंकि ये कंपनियां डॉलर में फ्यूल बेचती हैं.
09:52 AM IST