एडिबल ऑयल की कीमत पर केंद्र सख्त, राज्यों से कहा- हर हफ्ते कारोबारियों से मांगें स्टॉक डिटेल
नई फसलों के आने के बाद खाद्य तेलों के दाम घटने के आसार थे, लेकिन दाम कम होने के बजाए बढ़ रहे हैं.
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आसमान छूते खाद्य तेलों के दाम त्योहारी सीजन का मज़ा न बिगाड़ दें इसलिए सरकार इन पर खास नजर बनाए हुए है. लगातार बढ़ रहे खाद्य तेल के दामों के बीच सरकार को डर है कि कहीं खाद्य तेलों के साथ तिलहनों की जमाखोरी न होने लगे. जमाखोरी होने से तेल के दाम और ऊपर जा सकते हैं. लिहाजा सरकार ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है. केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने राज्य सरकारों से ऐसे स्टॉकिस्टों पर खास नजर रखने के लिए निर्देश जारी किया है. सरकार ने राज्यों से तिलहन और खाद्य तेलों के स्टॉक का ब्योरा इक्ट्ठा करने के लिए कहा है. सरकार ने ये निर्देश आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत जारी किया है.
शुल्क घटाने का भी नहीं हुआ असर
दरअसर केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की ओर से जारी इस निर्देश में कहा गया है कि खाद्य तेल के दाम तब भी बढ़ने बंद नहीं हुए हैं जबकि सरकार ने इनके आयात शुल्क में कटौती की है. वावजूद इनके खाद्य तेलों और तिलहनों के दामों में अचानक तेजी आई है. ऐसे में सरकार को आशंका है कि तिलहन और खाद्य तेलों के व्यवसाय से जुड़े बड़े प्लेयर्स कहीं जमाखोरी तो नहीं कर रहे हैं. इसलिए सरकार ने राज्यों से ऑइल स्पिल मालिकों, रिफाइनरीज़, होलसेल विक्रेता और व्यापारियों से साप्ताहिक तौर पर स्टॉक का ब्योरा मांगें और उसकी लगातार निगरानी करें. केवल स्टॉक ही नहीं खाद्य तेलों के दामों की भी लगातार निगरानी करें. अचानक भाव में ज्यादा बढ़क दिखाई देने पर कार्रवाई करे.
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हर हफ्ते स्टॉक जांच के निर्देश
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सरकार ने राज्यों से स्टॉकिस्टों से स्टॉक का खुलासा लेने के लिए पोर्टल विकसित करने की हिदायत भी दी है. हालांकि सरकार ने अपने निर्देश में स्टॉक लिमिट का खुलासा नहीं किया है. सरकार का मकसद है कि खाद्य तेलों के दाम किसी अप्राकृतिक तौर पर न बढ़े. अगर बात सरकारी आंकड़ों की ही की जाए तो बीते साल भर में छह खाद्य तेलों जिसमें पाम, सूरजमुखी, सोया, मूंगफली, सरसों और वनस्पति की औसत खुदरा कीमतों में 20 से 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
नई फसलों के बाद भी रेट नहीं घटे
बता दें कि मंभआलय के सचिव सुधांशु पांडे ने बढ़ते खाद्य तेलों के दाम के बीच बयान भी दिया था कि नई फसलों के आने के बाद दाम काबू में आएंगे. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. दाम कम होने के बजाए और बढ़ते चले गए. इससे सरकार की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं. देश में खाद्य तेल दो तिहाई आयात से आता है. अब राज्यों को दिए गए निर्देश त्योहारी सीजन में कितना कारगर साबित होगा ये जल्द ही पता चल जाएगा.
03:00 PM IST