बैंकों से लोन लेना नहीं होगा महंगा, RBI नहीं बढ़ाएगा रेपो रेट, लेकिन... : रिपोर्ट
रिजर्व बैंक ने अक्टूबर की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में रेपो दर 6.50 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा था.
रिजर्व बैंक खुदरा मुद्रास्फीति नरम बने रहने के कारण चालू वित्त वर्ष में मुख्य नीतिगत दरों को अपरिवर्तित रख सकता है. एक रिपोर्ट में यह अनुमान व्यक्त किया गया है. खुदरा मुद्रास्फीति के दूसरी छमाही में 3 से 4.4 प्रतिशत के दायरे में बने रहने की संभावना है. कोटक आर्थिक शोध की एक रिपोर्ट के अनुसार, मौद्रिक नीति समिति का ध्यान पूरी तरह से मुद्रास्फीति पर है जिसके 2018-19 के उत्तरार्द्ध में तीन से 4.4 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान है.
रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘हमारी दृष्टि में 2018-19 में रिजर्व बैंक की नीतिगत ब्याज दर में वृद्धि की संभावना सीमित ही दिखती है.’’ उसमें कहा गया, ‘‘अक्टूबर की नीतिगत बैठक की विस्तृत जानकारियों तथा सितंबर की उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति ने इस बात में हमारा यकीन मजबूत किया है कि रिजर्व बैंक इस वित्त वर्ष की बची अवधि में दरों को यथावत रख सकता है.’’
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हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें, वैश्विक वित्तीय बाजारों में उथल-पुथल, रुपये में गिरावट आदि के कारण मुद्रास्फीति के बढ़ने का जोखिम बना हुआ है. रिजर्व बैंक ने अक्टूबर की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में रेपो दर 6.50 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा था.
(इनपुट एजेंसी से)
05:28 PM IST