Crude की गर्मी अभी और भड़काएगी पेट्रोल की आग! इन वजहों से कीमतों में बनी सकती है तेजी
जनवरी से अबतक दिल्ली में पेट्रोल (Petrol) 17.48 रुपये/लीटर महंगा हो चुका है. क्रूड (Crude) के दाम 48 फीसदी तक बढ़ चुके हैं.
(Image: Reuters)
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पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) की महंगाई से हाल-फिलहाल राहत मिलने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि क्रूड (Crude) यानी कच्चे तेल की कीमतों में तेजी बनी हुई है और आगे भी बरकरार रह सकती है. इस साल अबतक क्रूड की कीमतों में करीब 48 फीसदी की तेजी आ चुकी है. फिलहाल क्रूड 75 डॉलर के आसपास ट्रेड कर रहा है. एक्सपर्ट मान रहे हैं कि ग्लोबल लेवल पर ऐसे कई फैक्टर हैं, जो क्रूड को सपोर्ट दे सकते हैं और यह 80-82 डॉलर प्रति बैरल (Crude level) का लेवल दिखा सकता है. अगर क्रूड में यह तेजी आती है, तो घरेलू बाजार में पेट्रोल-डीजल की कीमतें घटने की गुजाइंश नहीं है. पेट्रोल के भाव 110 रुपये प्रति लीटर के पार बने रह सकते हैं.
इस साल जनवरी से अबतक क्रूड और पेट्रोल-डीजल के रेट देखें तो अच्छी-खासी तेजी आई है. क्रूड का भाव करीब 48 फीसदी बढ़ गया है. वहीं, 1 जनवरी 2021 से 12 जुलाई 2021 तक के बीच राजधानी दिल्ली में प्रति लीटर पेट्रोल 17.48 रुपये प्रति लीटर और डीजल 15.85 रुपये प्रति लीटर महंगा हुआ है. 12 जुलाई को राजधानी में पेट्रोल 101.19 रुपये और डीजल 89.72 रुपये प्रति लीटर पर बिका. अगर क्रूड में तेजी रहती है तो घरेलू बाजार में तेल की कीमतों में और तेजी आ सकती है.
कहां तक जा सकता है क्रूड (Crude outlook)
क्रेडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया का कहना है कि क्रूड के दाम अभी 75 डॉलर के आसपास है. आगे इसमें क्या रहेगा, यह ओपेक (OPEC) के प्रोडक्शन बढ़ाने के फैसले पर निर्भर करेगा. अगर ओपेक की ओर से प्रोडक्शन बढ़ाने पर फैसला होता है, तो क्रूड अगले 2 महीने में भाव 66-68 डॉलर पर आ सकते हैं, नहीं तो यह 82 डॉलर प्रति बैरल के तक पहुंच जाएगा.
दूसरी ओर, IIFL सिक्योरिटीज के VP (रिसर्च) अनुज गुप्ता का कहना है कि ओपेक में प्रोडक्शन बढ़ाने पर अभी तक कोई सहमति नहीं बन पाई है. ऐसे में क्रूड जल्द ही 80 डॉलर प्रति बैरल का स्तर तक जा सकता है.
क्रूड में तेजी की बड़ी वजहें-
ईरान-यूएस टेंशन (US-Iran Tension)
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अजय केडिया का कहना है कि ग्लोबल मार्केट में क्रूड की कीमतों में तेजी की एक वजह ईरान-यूएस टेंशन भी है. दोनों देशों में तनाव बढ़ने से क्रूड की कीमतों को सपोर्ट मिलेगा. इसलिए यह क्रूड के लिए एक अहम फैक्टर होगा.
डिमांड में तेजी (Crude Demand)
अनुज गुप्ता का कहना है कि आने वाले दिना में क्रूड की डिमांड बढ़ने की उम्मीद है, जबकि सप्लाई में कमी बनी हुई है. ऐसे में कीमतों को सपोर्ट मिलेगा. लॉकडाउन खुलने से ग्लोबल डिमांड में तेजी आई है. इंडस्ट्रियल डिमांड भी बढ़ी है. दूसरी ओर, अमेरिका की इन्वेंटरी में कमी आई है. इसका भी क्रूड के भाव पर असर हो रहा है.
ओपेक में प्रोडक्शन कट पर फैसला नहीं (OPEC Production Cut)
हाल में प्रोडक्शन के मसले पर ओपेक की मीटिंग नहीं हो पाई. अजय केडिया का कहना है कि अगर ओपेक की बैठक में क्रूड का प्रोडक्शन बढ़ाने पर कोई फैसला नहीं होता है तो कीमतों को सपोर्ट मिलना तय है.
घरेलू बाजार में पेट्रोल-डीजल पर कैसे होगा असर?
क्रूड में अगर तेजी आती है तो इसका घरेलू बाजार में पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर असर पड़ना लगभग तय माना जा रहा है. अजय केडिया बताते हैं, डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी का असरभी पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर पड़ रहा है. इकोनॉमिक रिकवरी से डिमांड भी बढ़ रहा है. इसके अलावा, ऑयल बॉन्ड रिपेमेंट के चलते भी कीमतों ऊंची बनी रहेंगी.
केडिया का कहना है कि सरकार के पास भी कीमतों को कंज्यूमर पर डालने के अलावा फिलहाल कोई दूसरा ऑप्शन नजर नहीं आ रहा है. हालांकि, सोलर और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के रूप में अल्टरनेटिव पर काम हो रहा है, लेकिन अभी इनमें समय लगेगा. दूसरी ओर, अगर कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिंएट का असर बढ़ता है तो यह क्रूड के लिए निगेटिव खबर होगी. कई देशों में देखा डेल्टा प्लस वेरिंएट के चलते दोबारा से लॉकडाउन की खबरें आ रही हैं.
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03:44 PM IST