CPI July Data: टमाटर-प्याज की कीमतों से 15 महीने के टॉप पर खुदरा महंगाई दर, जुलाई में बढ़कर हुई 7.44 फीसदी
CPI July Data: खुदरा मुद्रास्फीति (Retail Inflation) जुलाई में बढ़कर 7.44 फीसदी पर रही है.
(Source: Pexels)
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CPI July Data: सब्जियों और खाने-पीने की दूसरी चीजों की कीमतें बढ़ने से जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति (Retail Inflation) अपने 15 महीने के टॉप लेवल पर पहुंच गई है. सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आधारित मुद्रास्फीति जुलाई में 7.44 फीसदी दर्ज की गई है. इसके पहले जून, 2023 में ये 4.87 फीसदी और पिछले साल जुलाई, 2022 में ये 6.71 फीसदी थी.
बता दें कि खुदरा महंगाई दर इसके पहले अप्रैल, 2022 में इससे अधिक लेवल पर थी, जब CPI 7.79 फीसदी दर्ज किया गया था.
Year on year rate of 𝐢𝐧𝐟𝐥𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 (%) based on All India 𝐂𝐨𝐧𝐬𝐮𝐦𝐞𝐫 𝐏𝐫𝐢𝐜𝐞 𝐈𝐧𝐝𝐞𝐱 (𝐂𝐏𝐈) and Consumer Food Price Index (CFPI) for the month of July 2023.#KnowYourStats #DataForDevelopment #CPI #Retailinflation pic.twitter.com/Re1iWA5OH4
— Ministry of Statistics & Programme Implementation (@GoIStats) August 14, 2023
फूड बास्केट में लगी आग
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राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, फूड बास्केट में महंगाई दर जुलाई में 11.51 फीसदी थी, जबकि इसके पहले जून में यह 4.55 फीसदी पर थी और जुलाई, 2022 में ये 6.69 फीसदी पर थी. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, साल-दर-साल सब्जियों की खुदरा महंगाई 37.43 फीसदी थी, जबकि अनाज और उत्पाद में मूल्य वृद्धि की दर 13 फीसदी थी. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित मुद्रास्फीति में खाद्य और पेय पदार्थ खंड की हिस्सेदारी करीब 54 प्रतिशत है.
RBI के तय लिमिट से ऊपर महंगाई दर
चालू वित्त वर्ष में यह पहला मौका है जब मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के संतोषजनक दायरे से ऊपर गयी है. RBI को दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ खुदरा मुद्रास्फीति चार प्रतिशत यानी दो से छह प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है. बीते वित्त वर्ष में ज्यादातर समय खुदरा मुद्रास्फीति छह प्रतिशत की उच्च सीमा से ऊपर रही थी. लेकिन इस वर्ष मार्च से जून तक यह केंद्रीय बैंक के संतोषजनक दायरे में थी.
रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने पिछले सप्ताह द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में खुदरा मुद्रास्फीति में निकट भविष्य में उल्लेखनीय वृद्धि को लेकर आगाह किया था और दूसरी तिमाही में इसके 6.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था. इसके साथ पूरे वित्त वर्ष के लिये मुद्रास्फीति का अनुमान 0.3 प्रतिशत बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत कर दिया था.
रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि जुलाई में सीपीआई मुद्रास्फीति का आंकड़ा देखते हुए ऐसा लगता है कि यह चालू वित्त वर्ष में दूसरी तिमाही के लिए RBI के संशोधित अनुमान 6.2 प्रतिशत को पार कर जाएगी. इसका कारण अगली फसल से पहले सब्जियों की कीमत में नरमी की उम्मीद नहीं है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा अबतक बारिश का वितरण सामान्य नहीं रहा है. इससे खाद्य वस्तुओं के दाम पर असर पड़ेगा.
NSO के आंकड़ों के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में खुदरा मुद्रास्फीति 7.63 प्रतिशत जबकि शहरी क्षेत्र में 7.2 प्रतिशत रही. इससे कुल मिलाकर खुदरा महंगाई दर 7.44 प्रतिशत रही. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय चयनित 1,114 शहरी बाजारों और 1,181 गांवों से आंकड़े एकत्रित करता है. इसमें सभी राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं.
इस बीच, खाद्य वस्तुओं विशेषरूप से सब्जियों के दाम में तेजी के बावजूद थोक मुद्रास्फीति में जुलाई में लगातार चौथे माह में गिरावट आई और यह शून्य से 1.36 प्रतिशत नीचे रही. हालांकि, गिरावट की दर मासिक आधार पर कम हुई है. सब्जियों की कीमतों में 62.12 प्रतिशत की वृद्धि के कारण थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति में जून में 4.12 प्रतिशत की गिरावट आई थी. पिछले साल जुलाई में यह 14.07 प्रतिशत थी.
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