Budget 2020: अर्थव्यवस्था को 'ऑक्सीजन' देने वाले बजट का विश्लेषण
बजट 2020 में वित्त मंत्री ने समाज के हर सेक्टर को थोड़ा-थोड़ा खुश करने की कोशिश की है. बजट में गांव और किसान पर सबसे ज्यादा फोकस किया.
वित्त मंत्री ने किसी को नाराज नहीं किया है. हर सेक्टर को थोड़ा-थोड़ा दिया है. खासकर किसान और गांव के विकास पर ज्यादा ध्यान दिया गया है.
वित्त मंत्री ने किसी को नाराज नहीं किया है. हर सेक्टर को थोड़ा-थोड़ा दिया है. खासकर किसान और गांव के विकास पर ज्यादा ध्यान दिया गया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने कल शनिवार को संसद में बजट 2020 (Budget 2020) पेश किया. इस बजट में उन्होंने समाज के हर सेक्टर को थोड़ा-थोड़ा खुश करने की कोशिश की है. बजट में गांव और किसान पर सबसे ज्यादा फोकस किया. इस बजट को लेकर एक आदमी, एक निवेशक और अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा, इसका विस्तृत विश्लेषण किया है, ज़ी न्यूज़ के एडिटर इन चीफ सुधीर चौधरी और ज़ी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने.
Zee News के एडिटर इन चीफ सुधीर चौधरी (Sudhir Chaudhary) ने बजट को लेकर एक आम आदमी के मन में उठने वाले सवालों को रखा तो Zee Business के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी (Anil Singhvi) ने मार्केट एक्सपर्ट के नजरिये से उनका विश्लेषण किया.
अनिल सिंघवी के मुताबिक, यह बजट और भी अच्छा हो सकता था. वित्त मंत्री के बजट में ऐसी कोई जल्दबाजी नहीं दिखी, जिसमें वे कोई बड़े फैसले लें.
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
आम जनता को बजट से उम्मीद
- टैक्स कम होना चाहिए था. टैक्स कम होने से आम आदमी की जेब में पैसा रहेगा और जब जेब में पैसा होगा तो वह बाजार में खर्च होगा. अगर सरकार कंपनियों का टैक्स इतना कम कर सकती है तो आम आदमी का क्यों नहीं. आखिरकार खर्चा तो आम आदमी को ही करना है. कंपनियों का टैक्स कम करके उनका मुनाफा ही बढ़ेगा.
- इस समय बाजार की खराब स्थिति है. 100 रुपये का शेयर खरीदने के बारे में भी सोचना पड़ता है. जब किसी कंपनी का शेयर खरीदने के लिए जब एक निवेशक को सोचना पड़ता है तो फिर एक नए कारोबार को शुरू करने के लिए एक कारोबारी को कितना सोचना पड़ेगा. प्राइवेट इंवेस्टमेंट को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कुछ भी नहीं किया.
- 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का जो सपना देश को दिखाया जा रहा है, उसकी इस बजट में सरकार की इंटेशन तो दिखाई दी लेकिन, एक्शन दिखाई नहीं दे रहा है.
- इस समय रियल एस्टेट सेक्टर, ऑटो इंडस्ट्री और इंफ्रास्ट्रेक्चर सेक्टर संकट में है. और अर्थव्यवस्था की ग्रोथ को बूस्ट देने वाले ये ही मुख्य सेक्टर है. सरकार ने इन सेक्टरों को उभारने के लिए बहुत कम कोशिश की गई है.
- दुनिया के जो हालात चल रहे हैं, उस स्थिति में भारत को छलांग लगाने का अच्छा मौका है. अमेरिका में इस साल चुनाव होने जा रहे हैं. चुनावी साल में वहां कोई बड़ा बदलाव नहीं होता है. चीन में कोरोना वायरस के चलते सिस्टम डांवाडोल है. इसलिए भारत के पास कुछ बड़ा करने का मौका है.
- इस समय सरकार को स्किल इंडिया (कौशल विकास योजना) और उत्पादन को बढ़ावा देना चाहिए. ज्यादा से ज्यादा छूट देनी चाहिए. छोटे उद्योग को बढ़ावा देने के लिए बड़े कदम उठने चाहिए थे.
- वित्त मंत्री ने किसी को नाराज नहीं किया है. हर सेक्टर को थोड़ा-थोड़ा दिया है. खासकर किसान और गांव के विकास पर ज्यादा ध्यान दिया गया है.
सुरक्षित निवेश
- इस समय सोना में निवेश ही सुरक्षित और फायदेमंद है. ग्लोबल इकोनॉमी की हालत खराब है, इसलिए सोना में पैसा बनेगा.
- स्टॉक मार्केट को यह बजट पंसद नहीं आया है. 11 साल में पहली बार बजट के दिन मार्केट इतना गिरा है.
- इक्विटी मार्केट में पैसा बनेगा. यहां थोड़ा-थोड़ा पैसा बनेगा.
बड़ी योजनाओं का क्या हुआ
इस बजट में सरकार की बड़ी योजनाएं जैसे- स्मार्ट सिटी योजना, स्किल इंडिया, डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया जैसी योजनाओं के बारे में इस बजट में कोई बात कही नहीं गई.
- वित्त मंत्री ने पुरानी योजनाओं को छोड़कर नई स्कीमों पर ज्यादा फोकस किया है. साथ ही सभी सेक्टर के लिए कुछ न कुछ किया है. इसलिए यह बजट खराब तो कतई नहीं है, लेकिन यह और भी ज्यादा अच्छा हो सकता था.
अनिल सिंघवी ने इस बजट को 5 में 3.5 अंक दिए हैं.
02:05 PM IST